देवदूत बने समाजसेवी, पिता के बिना बीटिया का विवाह संपन्न! समाज ने दिखाया अद्भुत सहयोग



सुजानगंज में पिता के बिना बीटिया का विवाह समाजसेवियों ने कराया। दो दिन में जुटे 2.15 लाख रुपये से संपन्न हुआ भव्य कन्यादान।

देवदूतों का अद्भुत योगदान: पिता के बिना गरीब बिटिया का भव्य विवाह

इंद्रेश तिवारी की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के सुजानगंज क्षेत्र में एक अद्भुत पहल का गवाह बना बसरही अम्बा जी धाम, जहां पिता के बिना एक गरीब बिटिया का विवाह समाज के योगदान से संपन्न हुआ। समाजसेवी प्रवीण सिंह 'विकास' की प्रेरक मुहिम ने पूरे क्षेत्र को एकजुट कर दिया और देखते ही देखते बिटिया का विवाह भव्य तरीके से संपन्न हो गया। इस सामाजिक पहल से न केवल बिटिया को सम्मान मिला, बल्कि यह एक मिसाल बन गई कि समाज की एकता और सहयोग से बड़ी से बड़ी मुश्किलें हल की जा सकती हैं।

प्रवीण सिंह 'विकास' की मुहिम: गरीब बिटिया के सपनों को मिली उड़ान

समाजसेवी प्रवीण सिंह 'विकास' ने इस मुहिम की शुरुआत तब की जब उन्हें पता चला कि एक गरीब परिवार की बिटिया, जिसके पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं, की शादी के लिए परिवार के पास संसाधनों की कमी है। उन्होंने इस खबर को पूरे समाज में फैलाया और देखते ही देखते लोग मदद के लिए आगे आने लगे। केवल दो दिन में ही इस मुहिम ने ऐसा जोर पकड़ा कि लगभग 2.15 लाख रुपये की धनराशि जुटा ली गई। इस धनराशि से न केवल बिटिया का विवाह संपन्न हुआ, बल्कि उसे ब्रांडेड कंपनियों के घरेलू सामान से लेकर सोने-चांदी के गहने भी उपहार स्वरूप दिए गए।

कैसे जुटाई गई मदद? समाज की एकता की मिसाल

इस मुहिम में हर वर्ग के लोगों ने बढ़-चढ़कर सहयोग दिया। लोगों ने अपनी सामर्थ्य अनुसार आर्थिक सहयोग किया, वहीं कुछ लोगों ने बिटिया के विवाह के लिए आवश्यक सामान जैसे फ्रिज, कूलर, आलमारी, बक्सा, स्मार्ट टीवी, वाशिंग मशीन, सोफा, बेड, कुर्सी और मेज भी भेंट स्वरूप दिए। इतना ही नहीं, बिटिया को उसके नए जीवन की शुरुआत के लिए बर्तन, कपड़े, फल, मिठाई और यहां तक कि सोने-चांदी के गहने भी प्रदान किए गए। यह केवल एक विवाह नहीं, बल्कि समाज की एकजुटता और सहानुभूति की अद्भुत मिसाल थी।

समाजसेवी कैप्टन दुबे का विशेष योगदान: निभाई पिता की भूमिका

इस विवाह में एक और देवदूत के रूप में सामने आए कैप्टन दुबे, जिन्होंने बिटिया के विवाह में पिता की कमी को महसूस नहीं होने दिया। उन्होंने बिटिया का 'लावा परछाई' की रस्म निभाई, जो पारंपरिक रूप से पिता या अभिभावक द्वारा निभाई जाती है। कैप्टन दुबे ने न केवल आर्थिक मदद की, बल्कि अपने अनुभव और स्नेह से बिटिया को एक नया जीवन शुरू करने में मार्गदर्शन भी दिया।

नवरात्रि के पावन अवसर पर सम्पन्न हुआ विवाह

यह विवाह नवरात्रि के पावन अवसर पर सम्पन्न हुआ, जो इस आयोजन को और भी शुभ बना देता है। समाज ने इस अवसर का लाभ उठाते हुए एक गरीब बिटिया के जीवन में खुशी और सम्मान का संचार किया। प्रवीण सिंह 'विकास' और उनके सहयोगियों ने यह साबित कर दिया कि जब समाज साथ होता है, तब कोई भी चुनौती असंभव नहीं होती।

मदद की इस मुहिम में शामिल लोग

इस भव्य विवाह आयोजन में कई प्रमुख लोग शामिल हुए जिन्होंने इस सामाजिक पहल को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। समाजसेवी श्रीमान कैप्टन दुबे के साथ श्रीमान गौरव सिंह, संतोष द्विवेदी, विवेक सिंह और हिमांशु तिवारी ने इस पहल को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई। इन सभी ने न केवल आर्थिक मदद की, बल्कि इस आयोजन में व्यक्तिगत रूप से शामिल होकर बिटिया के जीवन के सबसे महत्वपूर्ण दिन को खास बनाया।

आगे भी जारी रहेगा सहयोग का सिलसिला

प्रवीण सिंह 'विकास' ने इस सफल आयोजन के बाद सभी क्षेत्रवासियों और सहयोगियों का धन्यवाद किया और यह वचन दिया कि भविष्य में भी वे गरीब परिवारों की बेटियों की पढ़ाई और विवाह में इसी तरह सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि समाज में कोई भी बेटी आर्थिक तंगी के कारण अपने सपनों से वंचित न रहे, इसके लिए वे हरसंभव प्रयास करेंगे।

समाजसेवा की एक नई मिसाल

इस मुहिम ने साबित किया है कि समाज के सहयोग से कोई भी कार्य असंभव नहीं है। पिता के बिना इस बिटिया का विवाह समाज के योगदान से संपन्न हुआ, जो एक आदर्श उदाहरण है। न केवल धनराशि जुटाने में सफलता मिली, बल्कि यह आयोजन पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया और लोगों को एकता और सहयोग का संदेश दिया।




आखिर में: समाज की एकजुटता ने बिटिया को दिया नया जीवन

यह घटना सिर्फ एक विवाह नहीं, बल्कि समाज की ताकत और एकता का प्रतीक है। जब किसी परिवार को मदद की जरूरत होती है, तब समाज के लोग कैसे एकजुट होकर साथ आ सकते हैं, इसका जीता जागता उदाहरण है यह विवाह। प्रवीण सिंह 'विकास' की इस पहल ने गरीब बिटिया को न केवल विवाह का सम्मान दिलाया, बल्कि समाज की सकारात्मक ताकत को भी उजागर किया।

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