डायल 112 पर महिला ने कहा "मुझे डर लग रहा है," कांस्टेबल ने खून देकर बचाई भाई की जान - जानिए इस सिपाही की बहादुरी की कहानी!



इटावा में डायल 112 पर मदद मांगने वाली महिला को कांस्टेबल ने रक्तदान कर बचाया भाई की जान, जानें इस दिल छू लेने वाली कहानी।

इटावा पुलिस: खून देकर बचाई जान, महिला ने किया डायल 112 पर फोन!

उत्तर प्रदेश के इटावा में एक पुलिस कर्मी ने जो कर दिखाया, उसकी पूरे क्षेत्र में तारीफ हो रही है। एक अकेली महिला ने डर के मारे रात में डायल 112 पर कॉल किया, लेकिन उसे क्या पता था कि यह फोन कॉल उसके भाई की जान बचाने का जरिया बनेगी। पुलिसकर्मी अर्जुन ने न केवल महिला को सुरक्षित अस्पताल पहुँचाया, बल्कि खून की कमी से जूझ रहे उसके भाई धर्मवीर को रक्तदान कर उसकी जान भी बचाई।

रात का डर और डायल 112 पर मदद की पुकार

इटावा जिले में बीते शुक्रवार की रात करीब 11 बजे, जब हर कोई अपने घरों में आराम फरमा रहा था, एक महिला ने अकेले अस्पताल जाने से डरते हुए डायल 112 पर फोन किया। महिला ने पुलिस को बताया कि वह अपने बीमार भाई के लिए खून जुटाने के लिए जा रही थी, लेकिन अकेली होने के कारण वह घबरा गई थी। डायल 112 की पीआरवी बाइक टीम तुरंत मौके पर पहुंची और महिला को जिला अस्पताल पहुंचाने में मदद की। लेकिन यहां कहानी खत्म नहीं होती।

कांस्टेबल अर्जुन का दिल छू लेने वाला कदम

महिला ने पीआरवी टीम को बताया कि उसके भाई धर्मवीर को तत्काल खून की आवश्यकता है, लेकिन ब्लड डोनर नहीं मिल पा रहा था। इस पर कांस्टेबल अर्जुन सिंह ने न केवल उसकी सुरक्षा का ध्यान रखा, बल्कि खुद रक्तदान कर महिला के भाई की जान बचाई। अर्जुन का यह कदम इटावा पुलिस की मानवता और सेवा भावना को दर्शाता है।

पुलिस का रेस्पॉन्स टाइम बना जान बचाने का कारण

डायल 112 की पीआरवी 5099 टीम ने सिर्फ तीन मिनट में महिला की लोकेशन पर पहुंचकर उसकी मदद की। यह तेज़ रेस्पॉन्स पुलिस की तत्परता और सजगता को दिखाता है। महिला की आपबीती सुनकर अर्जुन ने अपने साथी अनूप सिंह के साथ मिलकर तत्काल निर्णय लिया और महिला को डॉक्टर भीमराव आंबेडकर संयुक्त चिकित्सालय पहुंचाया।

खून की व्यवस्था कैसे हुई

अस्पताल में पहुँचते ही, महिला के भाई की गंभीर हालत देखकर अर्जुन का दिल पिघल गया। उसने न केवल खून दिया बल्कि अस्पताल की ब्लड बैंक से बल्ड एक्सचेंज की प्रक्रिया भी पूरी करवाई। इससे समय पर महिला के भाई को खून चढ़ाया जा सका और उसका इलाज शुरू हो सका। अर्जुन के इस कदम ने न सिर्फ उस परिवार की मदद की, बल्कि यह भी साबित किया कि पुलिस कर्मी केवल कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए ही नहीं, बल्कि इंसानियत की मिसाल पेश करने के लिए भी होते हैं।

महिला की तारीफ और पुलिस की सराहना

धर्मवीर की बहन ने इटावा पुलिस का धन्यवाद करते हुए कहा कि अगर उस रात पुलिस नहीं होती, तो शायद उसके भाई की जान बचाना मुश्किल हो जाता। उसने कांस्टेबल अर्जुन की दिल से सराहना की और कहा कि पुलिस वाकई में हमारी सुरक्षा और सहायता के लिए सदैव तैयार रहती है।

इटावा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार ने भी अर्जुन और अनूप सिंह की तारीफ की और कहा कि पुलिसकर्मी अर्जुन ने समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया। यह घटना पुलिस और आम जनता के बीच के विश्वास को और मजबूत करती है।

क्या कहती है यह घटना पुलिस की छवि के बारे में?

ऐसी घटनाएँ अक्सर हमें यह सोचने पर मजबूर कर देती हैं कि पुलिस केवल अपराधियों को पकड़ने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए नहीं है। इनकी भूमिका कहीं अधिक विस्तृत है। इटावा पुलिस की यह कहानी इस बात का उदाहरण है कि जब जनता को मदद की जरूरत होती है, तो पुलिस सदैव उनके साथ खड़ी रहती है।

सर्विस के साथ मानवता

यह कहानी यह भी दर्शाती है कि पुलिस केवल कानून व्यवस्था के रक्षक नहीं होते, बल्कि जब बात मानवता की होती है, तो वे हर संभव मदद के लिए तैयार रहते हैं। सिपाही अर्जुन ने यह साबित कर दिया कि खाकी वर्दी में छिपा एक दिल भी है, जो जरूरतमंदों की सहायता करने के लिए हर समय धड़कता है।

क्या सीख मिलती है इस घटना से?

यह घटना हमें बताती है कि यदि हम किसी मुसीबत में हैं, तो पुलिस पर भरोसा कर सकते हैं। डायल 112 जैसी सेवाएं केवल अपराध के लिए नहीं, बल्कि नागरिकों की हर प्रकार की सुरक्षा और सहायता के लिए हैं। हमें अपने पुलिस बल पर गर्व होना चाहिए, जो दिन-रात हमारी सुरक्षा के लिए तत्पर रहते हैं।

पुलिस और जनता का भरोसा

यह घटना पुलिस और जनता के बीच के भरोसे को और मजबूत करती है। जब जनता और पुलिस एक-दूसरे पर भरोसा करेंगे, तो समाज में कानून व्यवस्था बेहतर होगी और अपराधियों पर लगाम लगाई जा सकेगी।

उत्तर प्रदेश पुलिस का यह मानवीय कदम, खासकर कांस्टेबल अर्जुन का रक्तदान, पुलिस की एक नई छवि पेश करता है। ऐसे कर्मियों के कारण ही समाज में पुलिस के प्रति विश्वास बना रहता है। इटावा पुलिस का यह सराहनीय कार्य पूरे देश के लिए प्रेरणा है।

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