हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024: बीजेपी की ऐतिहासिक जीत, कांग्रेस ने EVM पर उठाए सवाल!




हरियाणा चुनाव में बीजेपी की जीत, कांग्रेस ने उठाए EVM पर सवाल, JJP का सफाया, जानें नतीजों का पूरा विश्लेषण।

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इतिहास रचते हुए लगातार तीसरी बार सत्ता पर कब्जा किया। कांग्रेस पार्टी जो चुनाव से पहले अपनी जीत को लेकर बेहद आश्वस्त थी, उसे नतीजों ने चौंका दिया। बीजेपी की इस जबरदस्त जीत और कांग्रेस की अप्रत्याशित हार ने राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया है।

बीजेपी की हैट्रिक, कांग्रेस का बड़ा झटका

हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों के लिए हुए चुनावों में बीजेपी ने 48 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत हासिल किया है। वहीं, कांग्रेस को मात्र 37 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा, जबकि वह चुनाव के दौरान बेहद उत्साहित नजर आ रही थी। 2019 के चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली जननायक जनता पार्टी (JJP) इस बार पूरी तरह से चुनावी मैदान से बाहर हो गई और एक भी सीट पर जीत दर्ज नहीं कर सकी। इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) को 2 सीटें मिलीं, जबकि अन्य दलों के खाते में 3 सीटें गईं।

बड़े चेहरे जिन्होंने जीत दर्ज की

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैना ने लाडवा सीट से जीत दर्ज की, जबकि अंबाला कैंट से अनिल विज ने अपनी विजय को बरकरार रखा। दूसरी तरफ, कांग्रेस के दिग्गज नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गढ़ी-सांपला-किलोई सीट से जीत हासिल की। जुलाना से विनेश फोगाट भी जीतने में सफल रहीं। हालांकि, JJP के नेता दुष्यंत चौटाला उचाना कलां सीट से हार गए, जो इस बार चुनावी मैदान में बड़ा सरप्राइज था।

कांग्रेस ने EVM पर उठाए सवाल

कांग्रेस पार्टी ने चुनाव परिणामों पर नाराजगी जताते हुए ईवीएम (EVM) पर सवाल खड़े किए। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा और पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने दावा किया कि कुछ जिलों में ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की गई थी, जिसकी शिकायत चुनाव आयोग से की जाएगी। पार्टी ने कहा कि जिन ईवीएम की बैटरी 99 प्रतिशत थी, उनमें कांग्रेस उम्मीदवारों की हार हुई, जबकि जिनकी बैटरी 60-70 प्रतिशत थी, उनमें कांग्रेस ने जीत दर्ज की। पार्टी ने इन चुनाव नतीजों को 'लोक भावना के खिलाफ' बताया है।

कांग्रेस का प्रदर्शन: उम्मीदों पर पानी

हरियाणा चुनाव में कांग्रेस की रणनीति और उसकी उम्मीदें, जो नतीजों से पहले आसमान छू रही थीं, उन पर पानी फिर गया। पार्टी ने कई बार अपने पक्ष में लहर होने का दावा किया था, लेकिन अंत में उसे बड़ा झटका लगा। कांग्रेस ने हरियाणा की सत्ता में वापसी का सपना देखा था, जो बीजेपी की जीत के आगे चकनाचूर हो गया।

जेजेपी और इनेलो का सफाया

दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (JJP), जिसने 2019 के चुनावों में बीजेपी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई थी, इस बार पूरी तरह से हार गई। दुष्यंत चौटाला उचाना कलां सीट से चुनाव लड़े, लेकिन वे हार गए। इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) को भी केवल 2 सीटों पर संतोष करना पड़ा, जिससे चौटाला परिवार के लिए यह चुनावी हार बेहद निराशाजनक रही।

वोट प्रतिशत का खेल

बीजेपी को चुनाव में 39.94 प्रतिशत वोट मिले, जबकि कांग्रेस को 39.09 प्रतिशत वोट मिले। इस तरह से दोनों पार्टियों के बीच वोट प्रतिशत का अंतर बहुत कम रहा, लेकिन यह मामूली अंतर ही कांग्रेस की हार और बीजेपी की जीत का कारण बना। INLD को 4.14 प्रतिशत, BSP को 1.82 प्रतिशत और आम आदमी पार्टी (AAP) को 1.79 प्रतिशत वोट मिले। अन्य दलों को 11.64 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए।

चुनाव की प्रक्रिया और अंतिम चरण

हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए 5 अक्टूबर को सभी 90 सीटों पर एक ही चरण में वोट डाले गए थे। चुनाव में 67 प्रतिशत से अधिक मतदान दर्ज किया गया था। चुनाव में कुल 1031 उम्मीदवार मैदान में थे, जिनमें से केवल 90 उम्मीदवारों ने जीत हासिल की। इस बार चुनाव आयोग ने छुट्टियों और त्योहारों को देखते हुए चुनाव की तारीख को 1 अक्टूबर से बढ़ाकर 5 अक्टूबर कर दिया था।

हरियाणा में फिर खिला कमल

हरियाणा में बीजेपी की यह जीत न केवल पार्टी के लिए ऐतिहासिक है, बल्कि यह कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के लिए एक बड़ा झटका है। बीजेपी ने एक बार फिर साबित किया है कि हरियाणा में उसकी पकड़ मजबूत है। वहीं, कांग्रेस को अब अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा, खासकर जब वह अगले चुनावों की तैयारी करेगी।

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