जौनपुर पुलिस ने सोशल मीडिया पर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया, जिसमें एक महिला समेत 6 लोग गिरफ्तार, कई मोबाइल और नकदी जब्त।
जौनपुर में सोशल मीडिया जालसाजी का बड़ा खुलासा, 6 आरोपी गिरफ्तार, सैकड़ों युवाओं को बनाया शिकार
इंद्रेश तिवारी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में पुलिस ने सोशल मीडिया पर सक्रिय एक बड़े ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लोगों को अपने जाल में फंसाकर आर्थिक शोषण करता था। इस गिरोह में एक महिला समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनके पास से कई मोबाइल फोन, नकदी और एक चारपहिया वाहन बरामद किए गए हैं।
यह गिरोह खासकर युवाओं को निशाना बनाता था और फर्जी आईडी बनाकर उन्हें फंसाकर ब्लैकमेल करता था। पुलिस की इस कार्रवाई ने सोशल मीडिया पर बढ़ती साइबर क्राइम की घटनाओं पर रोशनी डाली है और सावधान रहने की चेतावनी दी है।
कैसे गिरोह करता था लोगों को शिकार?
गिरोह का मुख्य उद्देश्य था सोशल मीडिया के जरिए लोगों को फंसाना और उन्हें ब्लैकमेल कर पैसे ऐंठना। इस ठग गिरोह के सदस्य फर्जी नामों से सोशल मीडिया प्लेटफार्मों जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप पर लड़कियों के नाम और तस्वीरों का इस्तेमाल करके आईडी बनाते थे। फिर यह फर्जी आईडी के जरिए नवयुवकों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते थे, और बातचीत का सिलसिला शुरू करते थे।
जब फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार की जाती थी या मैसेज का जवाब मिलता था, तो ये लोग लड़कियों से संबंध बनाने या वीडियो कॉल के लिए प्रेरित करते थे। इसके बाद पीड़ित को प्राइवेट तस्वीरें और वीडियो भेजकर उन्हें ब्लैकमेल किया जाता था। इस तरह से वे बड़ी रकम की मांग करते थे, और उनकी नकारात्मक छवि का डर दिखाकर पैसे ऐंठते थे।
गिरफ्तारी और आरोपियों का खुलासा
इस साइबर अपराध का भंडाफोड़ करने के लिए जौनपुर पुलिस और स्वाट टीम ने मुंगराबादशाहपुर-जंघई रोड पर मुखबिर की सूचना पर छापा मारा। यहां से पुलिस ने एक युवती समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया। आरोपियों से पुलिस को 11 एंड्रॉइड मोबाइल फोन, एक चारपहिया वाहन, और 20,000 रुपए नगद भी बरामद हुए हैं।
गिरफ्तार आरोपियों के नाम हैं:
1. रिशान्त मिश्रा (प्रयागराज)
2. वेद प्रकाश पाण्डेय (कौशाम्बी)
3. विशेष जायसवाल (मीरजापुर)
4. सौरभ यादव (प्रयागराज)
5. प्रिंस तिवारी (जौनपुर)
6. लाइवा अंसारी (मीरजापुर)
फर्जी सिम और फर्जी आईडी का इस्तेमाल
पुलिस के अनुसार, यह गिरोह कई राज्यों से फर्जी सिम कार्ड प्राप्त करता था और उन्हें ठगी के उद्देश्य से इस्तेमाल करता था। ये सिम कार्ड राजस्थान, गुजरात, और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों से खरीदे जाते थे, जिनसे फर्जी आईडी बनाकर युवाओं को फंसाया जाता था। गिरोह के सदस्य लड़कियों की फर्जी तस्वीरों और वीडियो का इस्तेमाल करते हुए व्हाट्सएप पर भी लोगों को ब्लैकमेल करते थे।
पुलिस की मुस्तैदी और साइबर अपराध पर बड़ी कार्रवाई
जौनपुर पुलिस की इस सफलता को साइबर अपराध के खिलाफ एक बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है। एसपी डॉ. अजय पाल शर्मा के नेतृत्व में अपराधियों की धरपकड़ का यह अभियान जारी है। पुलिस अब आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई कर रही है। इसके साथ ही, इस घटना से यह भी पता चलता है कि साइबर अपराध कितनी तेजी से बढ़ रहे हैं और सोशल मीडिया पर कितनी सावधानी की जरूरत है।
सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को सावधानी बरतने की सलाह
यह मामला सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के लिए एक बड़ी चेतावनी है। आज के दौर में सोशल मीडिया का उपयोग करना आम बात हो गई है, लेकिन इसके साथ ही साइबर अपराध भी बढ़ते जा रहे हैं। यह जरूरी है कि किसी अनजान व्यक्ति की फ्रेंड रिक्वेस्ट या संदेशों को सोच-समझकर स्वीकार किया जाए। साइबर अपराधी लोगों की निजी जानकारी और तस्वीरों का दुरुपयोग कर सकते हैं, जिससे वे ब्लैकमेलिंग का शिकार बन सकते हैं।
क्या करें?
अनजान लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करने से बचें।
किसी अनजान नंबर से आई वीडियो कॉल या मैसेज को तुरंत नजरअंदाज करें।
किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।
साइबर अपराध से बचाव के उपाय
इस तरह के साइबर अपराधों से बचने के लिए सभी सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए:
अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल को प्राइवेट रखें।
किसी अनजान व्यक्ति से संवेदनशील जानकारियों को साझा न करें।
अगर किसी भी तरह की ठगी या ब्लैकमेलिंग का शिकार होते हैं, तो तुरंत साइबर सेल या स्थानीय पुलिस से संपर्क करें।
सोशल मीडिया की दुनिया में बढ़ते खतरे
आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया एक महत्वपूर्ण साधन बन चुका है, लेकिन इसके साथ ही इसमें खतरे भी बढ़ते जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर फर्जी आईडी, फर्जी प्रोफाइल, और साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इस घटना ने स्पष्ट कर दिया है कि साइबर अपराधी हर नए तरीके से लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं।
सरकार और पुलिस प्रशासन को भी साइबर अपराधों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत है। जनता को भी अपनी सुरक्षा के प्रति सजग रहना चाहिए और किसी भी संदिग्ध गतिविधि को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
0 टिप्पणियाँ