कानपुर नगर निगम कर्ज में डूबा: 12 करोड़ की बकाया राशि से शहर का विकास थमा!




कानपुर नगर निगम पर 12 करोड़ का बकाया, सफाई व्यवस्था ठप, पेट्रोल पंप मालिकों का अल्टीमेटम, शहर में कूड़े का अंबार।

कानपुर - देश के प्रमुख शहरों में से एक, कानपुर, इन दिनों गहरे वित्तीय संकट से जूझ रहा है। कानपुर नगर निगम पर 12 करोड़ रुपये का बकाया है, जिसके चलते शहर की सफाई व्यवस्था ठप पड़ी है। पेट्रोल पंप मालिकों ने अल्टीमेटम दिया है कि बकाया राशि का भुगतान न होने पर वे नगर निगम को ईंधन आपूर्ति बंद रखेंगे, जिससे शहर में कूड़े के ढेर जमा हो गए हैं।

संकट में नगर निगम: 400 से अधिक वाहन ठप

कानपुर नगर निगम के पास करीब 400 वाहन हैं, जिनका इस्तेमाल शहर के कचरे को उठाकर निस्तारण केंद्रों तक पहुंचाने के लिए किया जाता है। लेकिन बीते चार महीनों से नगर निगम पेट्रोल पंप मालिकों को बकाया राशि देने में असमर्थ रहा है। इसका नतीजा यह हुआ है कि इन वाहनों को ईंधन की आपूर्ति रोक दी गई है, जिससे शहर भर में कूड़े का अंबार लग गया है।

ग्रीन कानपुर अभियान पर लगा ब्रेक

नगर निगम द्वारा चलाया जा रहा "ग्रीन कानपुर, क्लीन कानपुर" अभियान फिलहाल ठप पड़ा है। शहर की सड़कों और मोहल्लों में कूड़े के ढेर नजर आ रहे हैं। यह स्थिति पिछले चार महीनों में और बिगड़ गई है, जब से नगर निगम पर पेट्रोल पंप का 12 करोड़ रुपये का बकाया हो गया।

पेट्रोल पंप मालिकों का अल्टीमेटम

नगर निगम को पेट्रोल पंप मालिकों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि जब तक बकाया राशि का भुगतान नहीं होता, तब तक नगर निगम के वाहनों को ईंधन नहीं मिलेगा। इसके चलते, शहर के सफाई कर्मचारियों को भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सफाई कर्मचारी संघ का कहना है कि नगर निगम की वित्तीय तंगी के कारण कचरे का उठान नहीं हो पा रहा है।

नगर आयुक्त का बयान

हालांकि, नगर आयुक्त का कहना है कि शहर में कूड़े के निस्तारण में कोई समस्या नहीं है और नगर निगम अपने काम को सुचारू रूप से चला रहा है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, "हमारी टीम पूरी तरह से तत्पर है और कूड़े का उठान नियमित रूप से हो रहा है।" लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है, जहां शहर के अधिकांश इलाकों में कचरे के ढेर साफ तौर पर देखे जा सकते हैं।

कानपुर का विकास रुका: बजट में भारी कमी

कानपुर नगर निगम की वित्तीय स्थिति इस कदर बिगड़ चुकी है कि विकास कार्य रुक गए हैं। सफाई व्यवस्था के अलावा, सड़क मरम्मत, स्ट्रीट लाइट्स और पार्कों के रखरखाव जैसे जरूरी काम भी अधूरे पड़े हैं। जब नगर निगम अपने मौलिक कार्यों को पूरा करने में असमर्थ है, तो शहर के दीर्घकालिक विकास की कल्पना करना भी मुश्किल है।

कैसे निकलेगा समाधान?

शहर की इस विकट स्थिति से निपटने के लिए कानपुर नगर निगम को तत्काल वित्तीय सहायता की आवश्यकता है। स्थानीय प्रशासन को भी जल्द से जल्द हस्तक्षेप करना चाहिए ताकि शहर की सफाई व्यवस्था को फिर से पटरी पर लाया जा सके और कानपुर के नागरिकों को इस गंभीर समस्या से राहत मिल सके।

क्या शहर को मिलेगी राहत?

कानपुर नगर निगम की इस वित्तीय समस्या ने शहर के विकास और सफाई कार्यों को पूरी तरह से ठप कर दिया है। जब तक सरकार या नगर निगम के अधिकारी इस मुद्दे का हल नहीं निकालते, तब तक शहर में कूड़े का संकट बना रहेगा। सवाल यह है कि क्या कानपुर फिर से अपने "ग्रीन और क्लीन" अभियान को सफलतापूर्वक चला पाएगा?

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