कवर्धा कांड पर भूपेश बघेल के पांच सवाल, दीपक बैज ने की न्यायिक जांच की मांग, धनेन्द्र साहू ने बताया सरकार को जिम्मेदार





कवर्धा कांड: भूपेश बघेल के 5 सवाल, दीपक बैज की न्यायिक जांच की मांग, धनेन्द्र साहू ने सरकार को बताया जिम्मेदार।

विश्व मीडिया आरकेसोनी वरिष्ठ पत्रकार छत्तीसगढ


कवर्धा: कवर्धा कांड को लेकर छत्तीसगढ़ में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, और पूर्व मंत्री धनेन्द्र साहू ने सरकार पर कड़ी टिप्पणियां की हैं। उन्होंने सरकार पर लापरवाही और संदिग्ध भूमिका का आरोप लगाते हुए न्यायिक जांच की मांग की है। कवर्धा कांड को लेकर सरकार से सीधे सवाल पूछते हुए बघेल ने प्रदेश की स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की है।

भूपेश बघेल ने सरकार से पूछे पांच सवाल

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकार से पांच प्रमुख सवाल पूछे, जो इस घटना के गंभीर पहलुओं की ओर इशारा करते हैं। उनका पहला सवाल शिवप्रसाद उर्फ कचरू साहू की मौत पर था। पुलिस इसे आत्महत्या बता रही है, जबकि परिवार और ग्रामीण इसे हत्या मानते हैं। बघेल का सवाल था कि आखिरकार बिना परिजनों को बुलाए, जल्दबाजी में पोस्टमॉर्टम कराकर अंतिम संस्कार क्यों किया गया? इसके अलावा, बघेल ने यह भी सवाल उठाया कि छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश सरकार इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है?

दूसरा सवाल 15 सितंबर को हुई घटना से संबंधित था, जिसमें एक मकान जलाया गया और एक व्यक्ति की मौत हो गई। पुलिस ने 69 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें से कई घटना के वक्त गांव में मौजूद ही नहीं थे। बघेल ने पूछा कि बिना जांच के इन लोगों की गिरफ्तारी कैसे हुई और उनके खिलाफ कौन सी धाराएं लगाई गईं?

बघेल का तीसरा सवाल यह था कि गिरफ्तार किए गए लोगों की सूची सार्वजनिक क्यों नहीं की गई और उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों का विवरण क्या है? चौथा सवाल दंडाधिकारी जांच से जुड़ा था, जिसमें उन्होंने पूछा कि जांच के बिंदु क्या तय किए गए हैं और पुलिस हिरासत में प्रशांत साहू की मौत की जांच क्या होगी?

अंतिम और पांचवां सवाल पुलिस द्वारा किए गए बर्बरता और प्रशांत साहू की मौत से संबंधित था। बघेल ने पूछा कि इस मौत के लिए कितने पुलिस कर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है और क्या इसमें हत्या की धारा लगाई गई है?

दीपक बैज की न्यायिक जांच की मांग

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने इस मामले को लेकर सरकार और प्रशासन दोनों को कठघरे में खड़ा किया। उनका कहना था कि घटना उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा के गृह जिले में हुई, इसलिए वे सीधे जिम्मेदार हैं। बैज ने कहा कि प्रशासन की भूमिका इस मामले में संदिग्ध रही है, और सरकार ने एसपी और कलेक्टर को हटाकर अपनी लापरवाही का प्रमाण खुद दिया है।

बैज ने यह भी खुलासा किया कि गृहमंत्री ग्रामीणों और गिरफ्तार किए गए लोगों के परिजनों को धमका रहे हैं, जिससे न्याय की उम्मीद कम है। उन्होंने हाईकोर्ट के जज की निगरानी में न्यायिक जांच की मांग की और प्रशांत साहू के हत्यारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की।

धनेन्द्र साहू ने कहा, सरकार घटना की पूरी तरह से जिम्मेदार

पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष धनेन्द्र साहू ने कहा कि बलौदाबाजार और लोहारीडीह की घटना में सरकार की पूरी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि निर्दोष सतनामी समाज के लोग आज भी जेल में हैं, और गांव में भय का माहौल है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने इस मामले को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की, जिससे लोगों में गुस्सा है।

साहू ने कहा कि यदि पुलिस ने समय पर सही कार्रवाई की होती, तो शायद यह घटना इतनी बड़ी नहीं होती। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार मामले को दबाने की कोशिश कर रही है और निर्दोष लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है।

प्रशांत साहू की मौत पर उठे गंभीर सवाल

प्रशांत साहू की पुलिस हिरासत में मौत के मामले ने इस पूरे घटनाक्रम को और गंभीर बना दिया है। कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि पुलिस ने हिरासत में बर्बरता की, जिससे प्रशांत की मौत हुई। कई गिरफ्तार व्यक्तियों के साथ भी पुलिस ने अत्याचार किया, जिसमें महिलाओं को भी बुरी तरह पीटा गया।

कांग्रेस नेताओं ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने इस पूरे मामले को न्याय के लिए संघर्ष कर रहे ग्रामीणों और परिवारों के समर्थन में उठाया है।

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