लखीमपुर खीरी में विधायक योगेश वर्मा को थप्पड़ मारने के 6 दिन बाद FIR दर्ज, पुष्पा सिंह और अवधेश सिंह पर केस।
लखीमपुर खीरी विधायक थप्पड़ कांड: 6 दिन बाद FIR, पुष्पा सिंह और बार संघ अध्यक्ष अवधेश सिंह पर गिरी गाज
लखीमपुर खीरी में भाजपा विधायक योगेश वर्मा को थप्पड़ मारने के विवादित मामले में आखिरकार 6 दिन बाद एफआईआर दर्ज की गई। घटना के बाद राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई थी, और मामला सीएम योगी आदित्यनाथ तक पहुंच गया था। मुख्यमंत्री के सख्त रुख अपनाने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जिला बार संघ अध्यक्ष अवधेश सिंह और अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक की निर्वतमान अध्यक्ष पुष्पा सिंह के खिलाफ FIR दर्ज की।
कैसे हुआ थप्पड़ कांड?
9 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में जिला अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के डेलीगेट्स के नामांकन की प्रक्रिया चल रही थी। उसी समय, जिला बार संघ अध्यक्ष अवधेश सिंह और भाजपा विधायक योगेश वर्मा के बीच कहासुनी हो गई। माहौल इतना बिगड़ गया कि अवधेश सिंह ने सरेआम विधायक को थप्पड़ मार दिया। इसके बाद स्थिति और भी गंभीर हो गई, जब अवधेश सिंह के समर्थकों ने विधायक को पीट दिया।
वहीं, दूसरी ओर अवधेश सिंह की पत्नी, पुष्पा सिंह, जो खुद अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक की निर्वतमान अध्यक्ष हैं, ने एक व्यापारी नेता राजू अग्रवाल को भी हमला कर घायल कर दिया। यह घटना जिले के उच्च अधिकारियों के सामने घटी, लेकिन सभी मूकदर्शक बने रहे। इस दौरान घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे पूरा मामला तूल पकड़ गया।
6 दिन बाद FIR: पुलिस पर सवाल
थप्पड़ कांड के तुरंत बाद विधायक योगेश वर्मा ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन 6 दिन तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। विधायक और उनके समर्थकों ने इस देरी को लेकर नाराजगी जताई थी। इसके बाद विधायक ने 17 अक्टूबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की, जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और उसी दिन रात 10:34 बजे FIR दर्ज की गई। पुलिस ने जिला बार संघ अध्यक्ष अवधेश सिंह और पुष्पा सिंह के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
FIR में नामजद आरोपी
FIR में अवधेश सिंह और पुष्पा सिंह के अलावा और भी कई आरोपियों के नाम दर्ज हैं। अवधेश सिंह पर विधायक योगेश वर्मा और व्यापारी नेता राजू अग्रवाल पर हमला करने का आरोप है, जबकि पुष्पा सिंह पर आरोप है कि उन्होंने एक व्यापारी का कॉलर पकड़कर पीटा और नामांकन से जुड़े दस्तावेज छीन लिए।
भाजपा ने की कड़ी कार्रवाई
इस विवाद से पहले ही भाजपा ने बड़ा कदम उठाते हुए जिला अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक की निर्वतमान अध्यक्ष पुष्पा सिंह और उनके पति अवधेश सिंह को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई थी। साथ ही, पार्टी ने अनिल यादव और ज्योति शुक्ला को भी पार्टी से निकाल दिया, जिन्होंने इस विवाद में कथित रूप से भाग लिया था।
भाजपा की यह कार्रवाई स्पष्ट संदेश देती है कि पार्टी अनुशासनहीनता के मामले में किसी तरह की रियायत नहीं देगी, खासकर तब जब मामला विधायक के साथ बदसलूकी से जुड़ा हो।
राजनीतिक तनाव बढ़ा
यह मामला सिर्फ कानूनी नहीं, बल्कि राजनीतिक रूप से भी गर्मा गया है। विधायक योगेश वर्मा भाजपा के कद्दावर नेता माने जाते हैं और ऐसे में उनके साथ हुई बदसलूकी ने पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच भारी नाराजगी पैदा कर दी।
इस घटना से स्थानीय राजनीति में भी हलचल मच गई है, क्योंकि मामला एक तरफ से भाजपा के कद्दावर नेता से जुड़ा है, वहीं दूसरी ओर आरोपियों में शामिल लोग भी राजनैतिक रसूख रखते हैं।
पुलिस पर उठे सवाल
इस पूरे मामले में पुलिस की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। घटना के तुरंत बाद FIR दर्ज न होने से पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग गए थे। यही वजह है कि जब विधायक ने इस मुद्दे को मुख्यमंत्री के सामने रखा, तो पुलिस पर दबाव बढ़ा और आनन-फानन में FIR दर्ज की गई।
आगे की कार्रवाई
लखीमपुर खीरी पुलिस अब इस मामले में तफ्तीश कर रही है। दोनों आरोपियों पर सख्त धाराओं में केस दर्ज किया गया है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। पुलिस अब यह सुनिश्चित कर रही है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और आरोपियों को सजा दिलाई जा सके।
घटना का असर
इस थप्पड़ कांड ने लखीमपुर खीरी की राजनीति में हलचल मचा दी है। वहीं, भाजपा ने इस विवाद में कड़ी कार्रवाई करते हुए चार पदाधिकारियों को निष्कासित कर दिया, जिससे यह संदेश साफ है कि पार्टी अपने नेताओं के साथ किसी भी तरह की बदसलूकी को बर्दाश्त नहीं करेगी।
यह थप्पड़ कांड केवल एक कानूनी मामला नहीं है, बल्कि यह भाजपा के आंतरिक अनुशासन और संगठनात्मक सख्ती को भी दर्शाता है। जहां एक ओर आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है, वहीं भाजपा ने भी अपने स्तर पर कड़ी कार्रवाई की है। अब सभी की नजरें इस बात पर हैं कि पुलिस जांच में क्या सामने आता है और आरोपियों के खिलाफ क्या सख्त कदम उठाए जाते हैं।
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