लखीमपुर थप्पड़ कांड: बीजेपी विधायक योगेश वर्मा की पिटाई पर बड़ा एक्शन, बार अध्यक्ष समेत 4 निष्कासित



लखीमपुर थप्पड़ कांड में बड़ा एक्शन, विधायक योगेश वर्मा की पिटाई पर बार अध्यक्ष समेत 4 लोगों को बीजेपी से बर्खास्त किया गया।


लखीमपुर थप्पड़ कांड से हड़कंप, बीजेपी ने 4 नेताओं को किया पार्टी से बाहर!

लखीमपुर खीरी का थप्पड़ कांड राजनीतिक गलियारों में आग की तरह फैल चुका है। बीजेपी विधायक योगेश वर्मा के साथ हुई मारपीट के बाद पार्टी ने कड़े कदम उठाते हुए बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अवधेश सिंह, उनकी पत्नी पुष्पा सिंह, अनिल यादव और ज्योति शुक्ला को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। घटना के 5 दिन बाद पुलिस ने भी आखिरकार एफआईआर दर्ज करने की हामी भर दी है, जिससे अब इन आरोपियों की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।

थप्पड़ कांड ने क्यों पकड़ी राजनीतिक तूल?

9 अक्टूबर 2024 को अर्बन कोऑपरेटिव बैंक चुनाव के दौरान वकीलों के साथ हुए विवाद में बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अवधेश सिंह ने बीजेपी विधायक योगेश वर्मा को थप्पड़ मार दिया। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें साफ नजर आ रहा है कि किस तरह अवधेश सिंह ने विधायक पर हाथ उठाया। घटना के बाद विधायक के समर्थक मौके पर पहुंच गए, और मामला तनावपूर्ण हो गया। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाया, लेकिन तब तक सोशल मीडिया पर इस घटना की चर्चा जोरों पर थी।

बीजेपी का सख्त एक्शन

इस घटना ने बीजेपी को भी झकझोर कर रख दिया। पार्टी ने जल्द ही सख्त कदम उठाते हुए बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अवधेश सिंह और उनकी पत्नी पुष्पा सिंह सहित अनिल यादव और ज्योति शुक्ला को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। प्रदेश बीजेपी महासचिव गोविंद नारायण शुक्ला ने पत्र जारी कर इन लोगों की बर्खास्तगी की पुष्टि की। इससे पहले पार्टी ने इन सभी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था, लेकिन जवाब से संतुष्ट न होते हुए बीजेपी ने कड़ा फैसला लिया।

विधायक का पक्ष

विधायक योगेश वर्मा, जिन्होंने घटना के बाद अपनी सुरक्षा लौटाई थी, ने कहा कि यह हमला उनकी प्रतिष्ठा पर एक गंभीर आघात है। वे अपने समर्थकों के साथ न्याय की मांग कर रहे थे, लेकिन एफआईआर दर्ज करने में देरी ने उन्हें निराश किया। उनके अनुसार, यह सिर्फ एक व्यक्तिगत मामला नहीं, बल्कि पूरे लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर सवाल खड़ा करता है।

पांच दिन बाद दर्ज हुआ मामला

हैरानी की बात यह रही कि इस पूरी घटना के बावजूद पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने में पांच दिन का समय लिया। विधायक की तहरीर के बावजूद पुलिस की सुस्ती को लेकर विपक्षी दलों ने भी सवाल उठाए। अंततः भारी दबाव के बाद लखीमपुर पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने की घोषणा की है, जिससे अवधेश सिंह और उनके समर्थकों पर कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया तेज हो सकती है।

सपा का हमला: अखिलेश यादव का पीडीए फॉर्मूला

इस पूरे मामले में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने इस घटना को अपने पीडीए (पिछड़े-दलित-अल्पसंख्यक) फॉर्मूले से जोड़ते हुए कहा कि बीजेपी विधायक का अपमान इसलिए हुआ क्योंकि वे सत्ता पक्ष में होने के बावजूद एक पीडीए से ताल्लुक रखते हैं। सपा सांसद उत्कर्ष वर्मा ने भी इस घटना पर राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि जब खुद सत्ताधारी पार्टी के विधायक ही सुरक्षित नहीं हैं, तो आम जनता की सुरक्षा का क्या हाल होगा।

यूपी विधानसभा अध्यक्ष और सीएम योगी की मुलाकात

इस घटना के बाद विधायक योगेश वर्मा 20 अन्य विधायकों के साथ यूपी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने लखनऊ पहुंचे। उन्होंने मामले की गंभीरता से अवगत कराया और न्याय की मांग की। मुलाकात के बाद ही बीजेपी ने कार्रवाई करते हुए चारों आरोपियों को पार्टी से निष्कासित किया।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया

सोशल मीडिया पर इस थप्पड़ कांड को लेकर जनता की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। जहां एक ओर लोग विधायक पर हुए हमले की निंदा कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग इसे राजनीतिक विवादों का हिस्सा मान रहे हैं। वायरल वीडियो को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं कि क्या इस घटना के पीछे कोई गहरी साजिश थी, या फिर यह महज चुनावी राजनीति का एक हिस्सा था?



बीजेपी की छवि पर असर

इस थप्पड़ कांड ने न सिर्फ योगेश वर्मा बल्कि बीजेपी की छवि पर भी सवालिया निशान खड़े किए हैं। पार्टी द्वारा किए गए त्वरित कार्रवाई को जहां एक तरफ अनुशासनात्मक कदम के रूप में देखा जा रहा है, वहीं दूसरी ओर यह सवाल भी उठ रहे हैं कि क्या ऐसे मामलों को सुलझाने का यही तरीका है? विपक्षी पार्टियों ने इस मामले को लेकर बीजेपी की अंदरूनी कलह को उजागर करने का अवसर भी नहीं छोड़ा।

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