लखनऊ में पोस्टमैन रिश्वत कांड: ‘पहले दो 500 रुपये’, पासपोर्ट फाड़ने का वीडियो वायरल, जांच में जुटी पुलिस



लखनऊ में पोस्टमैन द्वारा 500 रुपये रिश्वत न मिलने पर पासपोर्ट फाड़ने का वीडियो वायरल, पुलिस ने मामले की जांच शुरू की।

लखनऊ पोस्टमैन रिश्वत कांड: पासपोर्ट फाड़ने का वीडियो वायरल, जांच में जुटी पुलिस

लखनऊ से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक पोस्टमैन पर 500 रुपये रिश्वत न मिलने पर नागरिक का पासपोर्ट फाड़ने का आरोप है। यह घटना तब सुर्खियों में आई जब इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगा।

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो

इस वायरल वीडियो में पोस्टमैन एक शख्स से 500 रुपये की मांग कर रहा है, जिसे देने से शख्स ने इनकार कर दिया। इसके बाद पोस्टमैन ने गुस्से में उसका पासपोर्ट फाड़ दिया। घटना के बाद से लोग पोस्टमैन की निंदा कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर भारी विरोध हो रहा है।

घटना के तुरंत बाद पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। डाक विभाग और संबंधित अधिकारियों ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए कार्रवाई के संकेत दिए हैं।

स्थानीय लोगों का दावा: यह पहली बार नहीं

स्थानीय निवासियों ने दावा किया है कि यह पहली बार नहीं है जब इस पोस्टमैन ने लोगों से डाक पहुंचाने के बदले में रिश्वत की मांग की हो। उनका कहना है कि हर पोस्ट के बदले वह नियमित रूप से 100 रुपये की मांग करता था, और न देने पर पोस्ट को देर से या गलत पते पर पहुंचाने की धमकी देता था।

पुलिस ने शुरू की जांच

शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने कहा है कि वे घटना के समय के डाकघर के सीसीटीवी फुटेज को खंगाल रहे हैं ताकि घटना के पूरे घटनाक्रम की पुष्टि हो सके।

सोशल मीडिया का उबाल

सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर भारी आक्रोश देखा जा रहा है। कई लोग डाक सेवाओं में इस तरह की भ्रष्टाचार की घटनाओं पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। यूजर्स का कहना है कि सरकारी सेवाओं में भ्रष्टाचार आम बात हो गई है और ऐसे मामलों में सख्त से सख्त सजा होनी चाहिए।

बिहार में भी हो चुका है ऐसा मामला

यह पहली बार नहीं है कि किसी सरकारी कर्मचारी पर इस तरह के भ्रष्टाचार के आरोप लगे हों। इससे पहले बिहार के सीतामढ़ी में एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह एक बाइक सवार से रिश्वत मांगते हुए दिख रहा था। पीड़ित उपेंद्र कुमार सिंह का आरोप था कि ट्रैफिक पुलिस ने उससे 11 हजार रुपये की मांग की थी, जबकि उसके सारे कागज सही थे। इसके बावजूद अधिकारी ने कागजों में गड़बड़ी का बहाना बनाकर रिश्वत मांगी थी।




क्या कहती है जनता?

इस मामले को लेकर आम जनता में काफी नाराजगी है। लोग कह रहे हैं कि सरकारी कर्मचारी जो जनता की सेवा करने के लिए नियुक्त किए जाते हैं, वही आज जनता से रिश्वत मांगने लगे हैं। एक व्यक्ति ने कहा, "हम जिन सेवाओं के लिए पहले से टैक्स देते हैं, उन्हीं के लिए हमें अब रिश्वत भी देनी पड़ रही है।"

वहीं, एक वरिष्ठ नागरिक ने कहा, "पोस्टमैन जैसी बुनियादी सेवाएं जिन पर गांव और छोटे शहरों में रहने वाले लोग निर्भर होते हैं, यदि वे भी भ्रष्टाचार की चपेट में आ जाएं, तो आम नागरिकों का विश्वास सरकारी तंत्र पर से उठ जाएगा।"

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