मां दुर्गा की धूमधाम से की विदाई: भक्तों की श्रद्धा, उल्लास और डीजे की धुन पर नृत्य!



वाराणसी में दुर्गा प्रतिमा की धूमधाम से विदाई, भक्तों ने डीजे की धुन पर नाचते-गाते हुए विसर्जन किया, श्रद्धा से भरा उत्सव।


वाराणसी में भक्तों ने धूमधाम से की मां दुर्गा की विदाई

वाराणसी के घाटों पर दशहरे के अवसर पर इस बार मां दुर्गा की विदाई को एक भव्य उत्सव के रूप में मनाया गया। नवरात्रि की नौ दिनों की पूजा-अर्चना के बाद भक्तजन बड़ी श्रद्धा और उल्लास के साथ मां दुर्गा की प्रतिमा को विदा करने के लिए पहुंचे। मां दुर्गा की विदाई को लेकर जो उत्साह इस साल देखा गया, वह अभूतपूर्व था।

दुर्गा प्रतिमा स्थापना: नवरात्रि का शुभारंभ

वाराणसी में नवरात्रि की शुरुआत बड़े धूमधाम से की गई थी। हर साल की तरह इस बार भी शहर के प्रमुख पंडालों में दुर्गा प्रतिमा स्थापित की गई। नौ दिनों तक मां की पूजा-अर्चना के लिए लोग बड़ी संख्या में पंडालों में उमड़े। दुर्गा पूजा के दौरान भक्तों ने मां के चरणों में फूल, फल, नारियल और अन्य प्रसाद अर्पित किया। देवी के नौ रूपों की पूजा करते हुए शहर के विभिन्न कोनों में धार्मिक माहौल बना रहा।

दशहरा उत्सव: रावण दहन और देवी प्रतिमाओं का विसर्जन

नवरात्रि की पूजा समाप्त होने के बाद दशहरा का दिन और भी खास हो गया। रावण दहन के बाद देवी प्रतिमाओं के विसर्जन की तैयारी शुरू हो गई। शहर के विभिन्न हिस्सों से विभिन्न क्लबों और संस्थाओं की प्रतिमाएं विसर्जन के लिए तैयार की गईं। जैसे ही रावण दहन की प्रक्रिया पूरी हुई, भक्तों ने उत्सव की तैयारी शुरू कर दी।

विसर्जन की शोभायात्रा: डीजे की धुन पर नाचते-गाते भक्त

इस बार दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन के दौरान एक अनोखा दृश्य देखने को मिला। भक्तजन डीजे की तेज धुन पर नाचते-गाते हुए मां दुर्गा की प्रतिमा को गंगा घाट की ओर ले गए। उत्सव के इस माहौल में लाइटों की चमक और डीजे की धुन ने माहौल को और भी रंगीन बना दिया। भक्तों ने मां की विदाई को किसी उत्सव से कम नहीं माना।

श्रद्धा और उमंग से भरी विदाई

मां दुर्गा की विदाई के दौरान भक्तों की आस्था अपने चरम पर थी। हाथों में फूल-मालाएं, अगरबत्तियां और दीप लिए भक्तजन मां दुर्गा के चरणों में अंतिम प्रणाम कर रहे थे। हर कोई यह कह रहा था कि "अगले साल फिर से मां दुर्गा आएंगी और इसी प्रकार हमारी रक्षा करेंगी।" मां दुर्गा की विदाई के समय भक्तजन कई प्रकार की प्रार्थनाएं कर रहे थे और अपने परिवार की सुख-समृद्धि के लिए मां से आशीर्वाद मांग रहे थे।

मां दुर्गा के प्रति भक्तों की आस्था

यह सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं था, बल्कि मां दुर्गा के प्रति भक्तों की गहरी आस्था का प्रतीक था। हर वर्ग और उम्र के लोग मां की विदाई में शामिल हुए थे। यह देखा गया कि कई परिवारों ने अपने छोटे बच्चों को भी इस उत्सव में शामिल किया, ताकि वे भी अपनी संस्कृति और धार्मिक धरोहर से परिचित हो सकें।

विसर्जन की धूम: रातभर चला भक्तों का उत्सव

शाम होते ही गंगा घाटों पर मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन शुरू हो गया, जो देर रात तक चलता रहा। एक-एक करके विभिन्न पंडालों की प्रतिमाएं विसर्जित की गईं। विसर्जन के दौरान हर तरफ भक्तों की भीड़ नजर आई। जहां एक तरफ भक्तजन मां की विदाई से उदास थे, वहीं दूसरी तरफ अगले साल मां के आगमन की उम्मीद भी उनके चेहरों पर झलक रही थी।

संस्कृति और परंपरा का अद्भुत संगम

दुर्गा प्रतिमा विसर्जन सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं का जीवंत उदाहरण बना। वाराणसी जैसे धार्मिक शहर में यह उत्सव और भी खास हो जाता है, जहां हर कोने में धार्मिक आस्था का माहौल बना रहता है। मां दुर्गा की विदाई के साथ ही अगले साल के नवरात्रि की तैयारियों की चर्चा भी शुरू हो गई।

अगले साल फिर आएंगी मां दुर्गा

भक्तों ने मां दुर्गा से प्रार्थना की कि अगले साल फिर से उनका आगमन हो और वे अपने भक्तों को आशीर्वाद दें। विसर्जन के बाद, भक्तों ने एक-दूसरे को शुभकामनाएं दीं और अगले साल फिर से मां दुर्गा की पूजा में शामिल होने का संकल्प लिया। यह उत्सव सिर्फ एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि सामूहिक उत्सव था, जहां हर कोई एकजुट होकर अपनी आस्था और परंपरा का सम्मान करता नजर आया।

इस तरह, वाराणसी में मां दुर्गा की विदाई का यह उत्सव श्रद्धा, भक्ति और उल्लास से भरा रहा। भक्तों की आस्था, डीजे की धुन, लाइटों की सजावट और गंगा घाट का मनमोहक दृश्य सबको मंत्रमुग्ध कर गया। मां दुर्गा की विदाई के बाद अब सभी भक्तजन अगले साल के नवरात्रि और दुर्गा पूजा की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जब मां फिर से अपने भक्तों के बीच आएंगी और उन पर अपनी कृपा बरसाएंगी।

मां दुर्गा की विदाई के इस अनोखे उत्सव ने वाराणसी में धार्मिक माहौल को और भी शानदार बना दिया। उत्सव की भव्यता और भक्तों का उल्लास इस बात का प्रमाण है कि मां दुर्गा का आशीर्वाद सभी के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाने वाला है।

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