रायपुर: देसी कट्टा के साथ हिस्ट्रीशीटर गिरफ्तार, पुलिस की घेराबंदी में पकड़ा गया




रायपुर के न्यू राजेंद्र नगर में पुलिस ने घेराबंदी कर हिस्ट्रीशीटर को देसी कट्टा के साथ गिरफ्तार किया, अवैध हथियार बेचने की फिराक में था।

विश्व मीडिया आर.के.सोनी वरिष्ठ पत्रकार छत्तीसगढ

रायपुर, छत्तीसगढ़ – न्यू राजेंद्र नगर थाना क्षेत्र में पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर कार्रवाई करते हुए एक हिस्ट्रीशीटर को अवैध देसी कट्टा के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपी अवैध हथियार बेचने की फिराक में था, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी से उसे धर दबोचा गया।

घटना का विवरण

दिनांक 30 सितंबर 2024, तड़के करीब 1:35 बजे, रायपुर के अमलीडीह शराब दुकान के मोड़ के पास पुलिस ने घेराबंदी कर एक व्यक्ति को अवैध देसी कट्टा के साथ गिरफ्तार किया। आरोपी की पहचान कृष्णा कुमार बैरागी (उम्र 38), निवासी ग्राम बहुरपाईली, थाना मंडला, मध्य प्रदेश के रूप में हुई है। उसके साथ मौजूद दूसरा व्यक्ति भागचंद सिंह द्विवेदी (उम्र 24) निवासी करही धमनी, थाना नरोजाबाद, जिला उमरिया, मध्य प्रदेश भी पकड़ा गया।

मुखबिर की सूचना पर हुई घेराबंदी

पुलिस को रात 8:30 बजे मुखबिर से सूचना मिली कि दो संदिग्ध व्यक्ति अमलीडीह शराब दुकान के पास अवैध हथियार बेचने की कोशिश कर रहे हैं। उनमें से एक सांवला रंग का व्यक्ति हल्के रंग की शर्ट और आसमानी जींस पहने हुए था, जबकि दूसरा काले शर्ट में था। सूचना मिलते ही प्रधान आरक्षक और सिविल पेट्रोलिंग टीम के साथ मौके पर पहुंची पुलिस ने घेराबंदी शुरू की।

जैसे ही पुलिस ने संदिग्धों को घेरा, एक व्यक्ति ने अपनी कमर से देसी कट्टा निकालकर पुलिस को डराने की कोशिश की। पुलिस की सतर्कता और सूझबूझ से उसे तुरंत काबू में किया गया और मौके से अवैध हथियार बरामद कर लिया गया।

देसी कट्टा और आरोपी की पहचान

जांच के दौरान कृष्णा कुमार बैरागी के पास से ₹25,000 कीमत का देसी कट्टा बरामद किया गया। पूछताछ में उसने कबूल किया कि वह हथियार बेचने के इरादे से ग्राहक की तलाश कर रहा था। उसके साथी भागचंद सिंह द्विवेदी ने भी अपनी पहचान जाहिर की और दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।

पुलिस की कार्रवाई

थाना न्यू राजेंद्र नगर के तहत अपराध क्रमांक 381/24, धारा 25, 27 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आरोपी अवैध हथियारों का व्यापार कहां से और किसके लिए कर रहे थे।

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