उन्नाव में सीवर लाइन के निर्माण के दौरान मिट्टी का टीला गिरा, 2 मजदूरों की मौत, 1 गंभीर घायल




उन्नाव में सीवर लाइन के काम के दौरान मिट्टी का टीला गिरने से 2 मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई और 1 गंभीर रूप से घायल हुआ। हादसे की पूरी जानकारी।

उन्नाव में बड़ा हादसा: सीवर लाइन में दबे मजदूर, 2 की मौत

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में रविवार को एक दर्दनाक हादसा हुआ, जब सीवर लाइन के निर्माण कार्य के दौरान मिट्टी का ढेर अचानक मजदूरों पर गिर गया। इस दर्दनाक घटना में 2 मजदूरों की जान चली गई और 1 मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल मजदूर का इलाज उन्नाव जिला अस्पताल में चल रहा है। यह हादसा सिकंदरपुर कर्ण इलाके में हुआ, जहां पर फोरलेन हाईवे निर्माण के चलते सीवर लाइन का काम किया जा रहा था।

हाईवे पर निर्माण कार्य के दौरान हुआ हादसा

यह दुर्घटना उन्नाव-लालगंज हाईवे के पास सिकंदरपुर कर्ण में उस समय हुई जब हाईवे के फिनिशिंग के काम के चलते सीवर लाइन बिछाई जा रही थी। निर्माण के दौरान मिट्टी का टीला अचानक ढह गया, जिससे तीन मजदूर मलबे के नीचे दब गए। मौके पर मौजूद अन्य लोगों ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किया और जेसीबी मशीन की मदद से मलबे में दबे मजदूरों को बाहर निकाला गया।

दो की मौत, एक की हालत गंभीर

हादसे में गंभीर रूप से घायल तीनों मजदूरों को आनन-फानन में जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां पर डॉक्टरों ने दो मजदूरों, शिवकुमार और अवधराम, को मृत घोषित कर दिया। तीसरे मजदूर, गणेश, का इलाज अभी जारी है और उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। मृतक मजदूर बाराबंकी और रायबरेली जिलों के निवासी थे।

कैसे हुआ हादसा?

मिट्टी का यह ढेर सीवर लाइन के निर्माण स्थल के पास जमा किया गया था, जो अचानक ढहकर नाले में काम कर रहे मजदूरों पर गिर गया। निर्माण कार्य के दौरान इस तरह की दुर्घटनाएं अक्सर निर्माण सामग्री की सही व्यवस्था न होने और सुरक्षा मानकों की अनदेखी के कारण होती हैं। हादसे के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति का जायजा लिया और मामले की जांच शुरू कर दी है।

रेस्क्यू अभियान: लोगों की मदद से चला बचाव कार्य

स्थानीय लोगों और निर्माण स्थल पर मौजूद अन्य मजदूरों ने तुरंत रेस्क्यू अभियान शुरू किया। जेसीबी की मदद से मिट्टी का ढेर हटाया गया और दबे हुए मजदूरों को बाहर निकाला गया। हालांकि, हादसे की गंभीरता को देखते हुए तुरंत इलाज के बावजूद दो मजदूरों की जान नहीं बचाई जा सकी। प्रशासन ने मजदूरों के परिवारों को सूचना दे दी है और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

प्रशासन की लापरवाही या प्राकृतिक दुर्घटना?

इस हादसे के बाद प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह घटना सुरक्षा मानकों की अनदेखी के चलते हुई, या फिर यह एक प्राकृतिक दुर्घटना थी। निर्माण स्थल पर काम कर रहे मजदूरों के मुताबिक, मिट्टी का ढेर सुरक्षित तरीके से नहीं रखा गया था, जिसके चलते यह हादसा हुआ। पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है और संबंधित अधिकारियों से पूछताछ की जा रही है।

मृतकों के परिवारों में शोक

इस हादसे से मृतकों के परिवारों में शोक की लहर है। मजदूरों के परिवार को सूचना मिलते ही वे अस्पताल पहुंच गए। मजदूर शिवकुमार और अवधराम के परिवार ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है। प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन दिया है कि घटना की गहन जांच की जाएगी और उचित मुआवजा दिलाया जाएगा।

सीवर लाइन का काम और सुरक्षा मानकों का अभाव

यह पहली बार नहीं है कि निर्माण कार्य के दौरान मजदूरों की जान जोखिम में पड़ी हो। सीवर लाइन, नाले, और अन्य निर्माण कार्यों में अक्सर सुरक्षा मानकों की अनदेखी के चलते मजदूरों की जान पर बन आती है। इस हादसे ने एक बार फिर से प्रशासन और ठेकेदारों की लापरवाही को उजागर कर दिया है। ऐसे कार्यों में मजदूरों की सुरक्षा के लिए उचित उपाय किए जाने जरूरी हैं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

प्रशासन की ओर से जांच के आदेश

हादसे के बाद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने घटना स्थल का दौरा किया और मामले की जांच शुरू कर दी है। सीओ बीघापुर ऋषि शुक्ला ने बताया कि यह हादसा रविवार शाम को हुआ था और मृतकों के परिवारों को सूचित कर दिया गया है। पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है और ठेकेदार से पूछताछ की जा रही है।

उन्नाव में हुए इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर से निर्माण कार्यों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मजदूरों की सुरक्षा के प्रति ठेकेदारों और प्रशासन की उदासीनता के चलते अक्सर ऐसे हादसे होते हैं, जिनमें निर्दोष मजदूरों की जान चली जाती है। उम्मीद है कि इस घटना के बाद प्रशासन उचित कदम उठाएगा ताकि भविष्य में इस तरह के हादसों से बचा जा सके।

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