CM योगी ने गोरखनाथ से निकाली विजयादशमी रथयात्रा, बोले- हर काम राष्ट्र के नाम, रामलीला में किया भगवान राम का राज्याभिषेक।
विजयादशमी रथयात्रा में राष्ट्रप्रेम का संदेश:
गोरखपुर में विजयादशमी का अवसर खास था, जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में गोरखनाथ मंदिर से लेकर रामलीला मैदान तक विजयादशमी रथयात्रा निकाली गई। इस भव्य आयोजन ने धार्मिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय एकता का सशक्त संदेश दिया। सीएम योगी ने इस मौके पर कहा, "हमारा हर काम राष्ट्र के प्रति समर्पित होना चाहिए।"
सड़कें रंग-बिरंगे फूलों से सजी थीं और यात्रा के दौरान सीएम योगी पर पुष्प वर्षा होती रही। उनके रथ पर सिंधी और मुस्लिम समाज के लोग भी दिखे, जो सांप्रदायिक एकता की मिसाल थी। खास बात यह रही कि इस दौरान शहर के विभिन्न हिस्सों में लोक कलाकारों ने अपनी नृत्य प्रस्तुतियों से भारतीय संस्कृति का प्रदर्शन किया।
500 साल बाद रामलला के दर्शन:
सीएम योगी ने रामलीला मैदान में पहुंचकर भगवान राम का राज्याभिषेक किया और रामलीला के पात्रों का पूजन किया। उन्होंने कहा, "आज हमारी पीढ़ी वो भाग्यशाली पीढ़ी है जिसने 500 साल बाद रामलला विराजमान के दर्शन किए।" यह बयान स्पष्ट रूप से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की उपलब्धि और उसके ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित करता है।
योगी ने राष्ट्रप्रेम पर जोर देते हुए कहा कि, "हमारा निजी स्वार्थ राष्ट्र के मार्ग में नहीं आना चाहिए।" उनका यह वक्तव्य हर भारतीय को देश सेवा के प्रति समर्पित रहने की प्रेरणा देता है।
नाथ संप्रदाय की शान:
रथयात्रा में गोरक्षनाथ संप्रदाय के परंपरागत वाद्य यंत्रों नागफनी, तुरही और नगाड़े की ध्वनि पूरे वातावरण में गूंज रही थी। खासकर, हनुमान समूह के बालकों ने अपनी कलाबाजियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन में हर समुदाय का स्वागत किया गया। उर्दू अकादमी के निवर्तमान चेयरमैन चौधरी कैफुलवारा ने भी रथ पर सवार सीएम योगी का स्वागत किया। सिंधी समाज ने भी श्री झूलेलाल मंदिर के पास अपने अनोखे अंदाज में योगी का स्वागत किया, जो सामुदायिक सद्भावना का उदाहरण था।
राष्ट्र की सीमाएं श्रीराम ने निर्धारित की थीं:
सीएम योगी ने अपने भाषण में कहा कि, "यह वही भारत है जिसकी सीमाएं मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने हजारों वर्ष पूर्व निर्धारित की थीं।" उन्होंने यह भी कहा कि हमें अपने व्यक्तिगत स्वार्थों से ऊपर उठकर राष्ट्र के हित में काम करना चाहिए।
उनके भाषण का मुख्य संदेश था कि हर व्यक्ति को राष्ट्र की सेवा को सर्वोपरि मानते हुए अपने कार्यों में यह प्रतिबिंबित करना चाहिए। "हमारा हर काम देश के नाम हो," यह सीएम योगी का मुख्य संदेश रहा।
भव्य स्वागत और सांस्कृतिक धरोहर:
रथयात्रा के मार्ग में जगह-जगह लोगों ने श्रद्धा पूर्वक फूल बरसाकर और जयघोष करके योगी का स्वागत किया। कलाकारों की लोक प्रस्तुतियां, ढोल-नगाड़ों की गूंज और बैंड की धुनों ने पूरे माहौल को भक्ति और उत्साह से भर दिया। मानसरोवर मंदिर से रामलीला मैदान तक यात्रा के स्वागत में लोग अपने घरों से निकलकर हाथ जोड़कर खड़े थे।
रामलीला में राज्याभिषेक और आशीर्वचन:
रामलीला मैदान में पहुंचने के बाद, सीएम योगी ने रामलीला के कलाकारों द्वारा भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक किया। इस दौरान भगवान श्रीराम, माता जानकी, लक्ष्मण और हनुमानजी की आरती भी उतारी गई। पूरे समारोह में लोक कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से विजयादशमी जुलूस को और भव्य बना दिया।
विजयादशमी रथयात्रा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह सांप्रदायिक सौहार्द और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक भी बन गई है। सीएम योगी का राष्ट्र के प्रति समर्पण और आह्वान कि "हर काम देश के नाम हो," समाज के हर वर्ग के लोगों के दिलों में गूंजता रहा। इस आयोजन ने देश के प्रति समर्पण, सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक आस्था को सशक्त रूप में प्रस्तुत किया।
विजयादशमी की इस ऐतिहासिक यात्रा में हर कदम पर राष्ट्र प्रेम और सांप्रदायिक एकता का संदेश छिपा था, जो इस समारोह को और भी खास बनाता है।
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