नेपाल के जनकपुर से 501 तिलकधारी सोने-चांदी के उपहार और बारात का न्योता लेकर अयोध्या पहुंचे। जानें तिलकोत्सव की खास परंपराएं।
आकांक्षा की रिपोर्ट
भगवान श्री राम के विवाहोत्सव से पहले तिलकोत्सव में छाएगी नेपाल-अयोध्या की परंपरा की झलक
अयोध्या में भगवान श्री राम के ऐतिहासिक तिलकोत्सव की तैयारियां जोरों पर हैं। इस भव्य आयोजन के लिए नेपाल के जनकपुर से 501 तिलकधारी सोमवार को अयोध्या पहुंच रहे हैं। इन तिलकधारियों में नेपाल के मधेश प्रदेश के मुख्यमंत्री सतीश कुमार सिंह और उनके कैबिनेट के कई मंत्री भी शामिल होंगे। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य भगवान राम को तिलक चढ़ाकर विवाह की रस्में शुरू करना और जनकपुर से बारात लाने का निमंत्रण देना है।
नेपाल के तिलक का ऐतिहासिक महत्व
नेपाल के जनकपुर से अयोध्या तक तिलक लाने की परंपरा वर्षों पुरानी है। भगवान श्री राम के स्वरूप के लिए सोने की चेन, चांदी के बर्तन, पीली धोती, करधनी, हल्दी, चंदन, और पारंपरिक सामग्री जैसे पान, सुपारी, और यज्ञोपवीत लाई जाएगी। तिलकधारियों का 51 गाड़ियों का काफिला इस परंपरा को और भव्य बनाएगा।
इस आयोजन में 501 टोकरियों में सजाए गए उपहारों को लेकर नेपाल के तिलकधारी रक्सौल बॉर्डर से भारत में प्रवेश करेंगे और अरेराज, गोपालगंज, गोरखपुर होते हुए सोमवार को अयोध्या पहुंचेंगे।
सोने-चांदी से सजे उपहार
जनकपुर से आने वाले तिलक में भगवान राम के लिए सोने की चेन, सोने की अंगूठी, चांदी के थाल, कटोरी, गिलास और चम्मच जैसे भव्य उपहार शामिल हैं। इसके अलावा पीले चावल, इलायची, धान, और परंपरागत चीजों से भरी 501 टोकरी भी अयोध्या पहुंचेगी।
भगवा रंग में रंगेगी अयोध्या
अयोध्या में रामसेवकपुरम परिसर में तिलकधारियों का स्वागत किया जाएगा। इस आयोजन में भगवान राम के स्वरूप लिए एक युवक को आटे के सिंहासन पर बिठाया जाएगा और परंपरागत विधि से तिलक चढ़ाया जाएगा। अयोध्या नगरी में भगवा झंडे लहराते हुए जय श्री राम के नारों से माहौल राममय हो गया है।
नेपाल के मुख्यमंत्री भी होंगे शामिल
नेपाल के मधेश प्रदेश के मुख्यमंत्री सतीश कुमार सिंह और उनके कैबिनेट मंत्री भी इस ऐतिहासिक तिलकोत्सव में भाग लेंगे। इसके साथ ही महिलाएं परंपरागत गीत गाते हुए इस भव्य आयोजन का हिस्सा बनेंगी।
रामायण के प्रेमियों के लिए खास आयोजन
तिलकधारियों के स्वागत के लिए अयोध्या में खास तैयारी की गई है। यहां भगवान राम को तिलक चढ़ाने के बाद जनकपुर से बारात लाने का निमंत्रण भी दिया जाएगा। रामायण से जुड़े इस आयोजन को देखने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटने की संभावना है।
सोमवार को होगा ऐतिहासिक तिलकोत्सव
सोमवार शाम अयोध्या के रामसेवकपुरम परिसर में तिलकोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान भगवान राम के स्वरूप लिए युवक को पारंपरिक तरीके से तिलक चढ़ाकर विवाह समारोह की शुरुआत की जाएगी।
अयोध्या और जनकपुर के ऐतिहासिक संबंधों का प्रतीक
यह तिलकोत्सव केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि अयोध्या और जनकपुर के ऐतिहासिक सांस्कृतिक संबंधों का प्रतीक है। यह आयोजन हर साल श्रद्धालुओं और रामायण प्रेमियों को एक नई ऊर्जा और भक्ति से भर देता है।
सोशल मीडिया पर भी छाया तिलकोत्सव
तिलकोत्सव को लेकर सोशल मीडिया पर भी खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। लोग इस ऐतिहासिक परंपरा को लाइव देखने के लिए उत्सुक हैं। इस आयोजन का हर पहलू, चाहे वह तिलकधारियों का स्वागत हो या भगवान राम के लिए लाई गई भव्य सामग्री, चर्चा का केंद्र बना हुआ है।
इस बार का तिलकोत्सव भव्यता और परंपरा का संगम होगा, जो अयोध्या और जनकपुर के संबंधों को और गहरा करेगा।
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