बरेली पुलिस ने 37 लाख की अफीम और स्कूटी के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार किया। नेपाल सिम कार्ड से चल रहे नेटवर्क का खुलासा।
संवाददाता मुदित प्रताप सिंह की रिपोर्ट
जनपद बरेली _ बरेली में मादक पदार्थ तस्करों के विरुद्ध चलाये जा रहे सघन अभियान के क्रम में प्रभारी निरीक्षक इज्जतनगर के नेतृत्व में थाना इज्जतनगर पुलिस टीम द्वारा विलयधाम पुल के पास मादक पदार्थ की तस्करी कर बेचने जा रहे दो अभियुक्तों को 1 किलो 500 ग्राम अफीम जिसकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमत 37 लाख 50 हजार रुपये है। के साथ परिवहन में प्रयुक्त एक स्कूटी सहित गिरफ्तार किया गया। जबकि एक अभियुक्त मौके से फरार होने में सफल रहा। गिरफ्तार अभियुक्तों क्रमशः- 1. गनपत पुत्र नेतराम निवासी ग्राम चाडपुर थाना भमौरा जनपद बरेली 2. सुमित वर्मा पुत्र मदनलाल निवासी चकरपुर थाना भमौरा जिला बरेली तथा मौके से फरार अभियुक्त वीरू उर्फ वीरपाल पुत्र गनपत निवासी चाडपुर एवं अफीम की सप्लाई हेतु माले देने वाले अभियुक्त डालचंद पुत्र अज्ञात निवासी डेलापीर के विरुद्ध थाना इज्जतनगर पर मु0अ0सं0 855/24 धारा 8/21/29 NDPS ACT पंजीकृत किया गया है। शेष मौके से फरार एवं अफीम की सप्लाई देने वाले अभियुक्त की तलाश की जा रही है। गिरफ्तार अभियुक्तों के विरुद्ध नियमानुसार विधिक कार्यवाही की गयी।
पकडे गये अभियुक्त गनपत द्वारा एक पौधों की नर्सरी सरदार नगर भमौरा के पास रोड के किनारे चलाई जा रही है। नर्सरी की आड में गनपत द्वारा अपने लडके वीरु उर्फ वीरपाल के सहयोग से सगे रिश्तेदार डालचंद के साथ झारखण्ड राज्य के गिरडीह से अफीम खरीदकर ट्रेन व रोडवेज यातायात के साधन बदल- बदल कर कम कीमत में लाया जाता है और यहाँ लाकर उसमें कट व पावर पाउडर मिलाकर उसकी मात्रा बढ़ाकर महंगे दामों में पंजाब व अन्य स्थानों पर रेलवे व खुद के साधन से सप्लाई की जाती है। झारखण्ड से अफीम लाने का कार्य वीरु उर्फ वीरपाल तथा डालचंद द्वारा किया जाता है तथा यहां सप्लाई का काम गनपत व सुमित वर्मा द्वारा स्कूटी से एवं ट्रेन के माध्यम से की जाती है। आज भी यह तीनों लोग अफीम को डालचंद के घर से लेकर विलयधाम होकर मुख्य रास्ते से शाहजहांपुर के लिए जा रहे थे कि पकडे गये। गनपत व डालचंद एक दूसरे के साढू हैं तथा वीरु उर्फ वीरपाल पकडे गये अभियुक्त सुमित वर्मा का मौसा है। पूछताछ में ही यह बात आयी कि पकडे गये अभियुक्त एवं भागे अभियुक्त तथा जिसको सप्लाई दिया जाना था यह सभी अभियुक्त नेपाल का सिम कार्ड पर व्हाट्सएप एक्टिवेट कर आपस में बातचीत कर इस अवैध कार्य को करते है, ताकि यहाँ की पुलिस या अन्य किसी व्यक्ति को शंका न होने पाये। उक्त सभी नम्बरों को चिह्नित कर अन्य आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा रही है।
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