फतेहपुर में पत्रकार दिलीप सैनी की हत्या, जमीन विवाद में दोस्त बने दुश्मन, डॉक्टर और पुलिस की भूमिका से गहराया संघर्ष। पढ़ें पूरी खबर।
फतेहपुर पत्रकार हत्याकांड: जमीन विवाद में दोस्त बने दुश्मन, डॉक्टर की भूमिका से गहराया विवाद
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में हुए दिलीप सैनी पत्रकार हत्या कांड में दोस्त और दुश्मन की परिभाषा ही बदल गई है। जमीन के विवाद में फंसे दिलीप के अपने ही दोस्त उनकी जान के दुश्मन बन गए। 16 आरोपियों में से 9 नामजद और 7 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज हुआ है, जिनमें से पांच को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अन्य की तलाश जारी है। इस संगीन घटना ने स्थानीय समाज में सनसनी फैला दी है और पुलिस इस मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही है।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
दिलीप सैनी की हत्या के पीछे की कहानी फतेहपुर के शांति नगर स्थित बीवाईएस नर्सिंग होम से शुरू होती है। नर्सिंग होम के संचालक डॉक्टर प्रकाश की दिलीप और उनके दोस्तों के साथ जमीन में साझेदारी थी। आरोपियों में से कई लोग, जिनमें मुख्य आरोपी अक्कू उर्फ अरुण तिवारी भी शामिल है, दिलीप के करीबी दोस्त थे। दिलीप के डॉक्टर के पास जाने के पीछे का कारण भी जमीन से जुड़े मसले को हल करना ही था।
डॉक्टर प्रकाश ने अपने क्लीनिक में बातचीत का सुझाव दिया था, जहाँ जमीन का हिसाब-किताब तय किया जाना था। विवाद तब और बढ़ गया, जब डॉक्टर से मिले आश्वासन के बावजूद आरोपियों के बीच बहस ने विकराल रूप धारण कर लिया। मामला इतना बिगड़ा कि दिलीप ने पुलिस को सूचित करने का फैसला कर लिया।
पुलिस बुलाई, तो दोस्त बने दुश्मन
दिलीप सैनी का पुलिस बुलाना उनके जीवन की सबसे बड़ी गलती साबित हुआ। जब पुलिस क्लीनिक पहुंची तो स्थिति और अधिक तनावपूर्ण हो गई। आरोपी, जो पहले तक दिलीप के दोस्त माने जाते थे, उनके इस कदम से खफा हो गए। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद, आरोपी वहां से भाग निकले, परंतु उनका गुस्सा और दुश्मनी यहीं खत्म नहीं हुई।
हत्या की साजिश और घटना की रात
रात करीब 11:30 बजे, जब दिलीप अपने घर पर थे, तब आरोपियों ने उन पर हमला कर दिया। आरोपियों ने चाकू से हमला करते हुए दिलीप को मौत के घाट उतार दिया। इस हत्या में दिलीप के साथ उनका एक और दोस्त था, जो हमले में गंभीर रूप से घायल हो गया। उस दोस्त का इलाज फिलहाल कानपुर के अस्पताल में जारी है।
मुख्य आरोपी अक्कू तिवारी और अन्य पर केस दर्ज
फतेहपुर पुलिस ने इस मामले में 9 नामजद और 7 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। मुख्य आरोपी अक्कू उर्फ अरुण तिवारी अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है, और उसके फरार होने से केस की जांच में कठिनाइयाँ भी आ रही हैं। पुलिस ने अब तक 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
जमीनी विवाद में डॉक्टर की भूमिका
इस पूरे प्रकरण में डॉक्टर प्रकाश की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। डॉक्टर और आरोपियों के बीच पहले से जमीन खरीद-फरोख्त का लेन-देन चलता रहा था। डॉक्टर के क्लीनिक पर शुरू हुआ यह झगड़ा आखिरकार दिलीप की मौत पर आकर थमा। पुलिस द्वारा की जा रही जांच में डॉक्टर प्रकाश की संलिप्तता को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
पुलिस की कार्यवाही और अगली रणनीति
पुलिस ने आरोपियों की तलाश में कई जगहों पर छापेमारी की है। मृतक पत्रकार दिलीप सैनी के परिवार ने न्याय की मांग की है और पुलिस से शीघ्र ही सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की अपेक्षा की है।
स्थानीय समाज में आक्रोश और सवाल
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है। मीडिया और पत्रकार संगठनों ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है और दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ने की मांग की है।
यह हत्याकांड न केवल दिलीप सैनी के परिवार के लिए दुखद है बल्कि समाज में विश्वास और दोस्ती के मूल्यों पर भी एक गहरा आघात है। एक छोटी-सी जमीन के विवाद ने किस प्रकार से कई लोगों की ज़िंदगियों को प्रभावित किया, यह घटना उसकी एक दर्दनाक मिसाल है।
0 टिप्पणियाँ