गूगल मैप पर भरोसा पड़ा भारी, 40 करोड़ का पुल बना हादसे की वजह – जिम्मेदार कौन?



बरेली-बदायूं के बीच रामगंगा पुल हादसे ने गूगल मैप, PWD और प्रशासनिक लापरवाही को सवालों के घेरे में ला दिया। जानें पूरी कहानी।

रामगंगा पुल हादसा: गूगल मैप और प्रशासनिक लापरवाही का घातक मेल

उत्तर प्रदेश के बरेली और बदायूं जिले के बीच स्थित 667 मीटर लंबा रामगंगा पुल, जो 40 करोड़ की लागत से बना, अब सवालों के घेरे में है। यह पुल, जो 2020 में बनकर तैयार हुआ था, आज एक बड़े हादसे का कारण बन गया, जिसमें तीन मासूम जिंदगियां चली गईं।

गूगल मैप के भरोसे नदी पार करने की कोशिश में तीन लोगों की मौत ने प्रशासनिक लापरवाही और तकनीकी निर्भरता को कठघरे में खड़ा कर दिया है।

पुल निर्माण से हादसे तक: एक नजर

रामगंगा नदी पर बना यह पुल 2020 में तैयार हो गया था। इसके बाद पुल के दोनों ओर 500 मीटर की अप्रोच रोड बनानी थी, जो पीडब्ल्यूडी की जिम्मेदारी थी। लेकिन अप्रोच रोड का निर्माण धीमी गति से हुआ। 2021 में पुल पीडब्ल्यूडी को हैंडओवर कर दिया गया, लेकिन बाढ़ के चलते अप्रोच रोड बह गई।

इसके बावजूद प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। स्थानीय निवासियों ने कई बार शिकायत की, लेकिन न तो बैरिकेडिंग की गई और न ही चेतावनी संकेत लगाए गए।

गूगल मैप की भूमिका

गूगल मैप ने लोगों को यह रास्ता दिखाया, लेकिन यह नहीं बताया कि पुल पर आवाजाही बंद है। तकनीकी निर्भरता ने इस हादसे को और गंभीर बना दिया।

प्रशासनिक कार्रवाई और सवाल

घटना के बाद, बरेली और बदायूं के जिलाधिकारियों ने जांच के आदेश दिए हैं। पीडब्ल्यूडी के चार इंजीनियरों और पांच अन्य कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

लेकिन सवाल यह है कि क्या यह केवल पीडब्ल्यूडी की लापरवाही है? पुल बनाने वाली सेतु निगम, स्थानीय प्रशासन और टेक्नोलॉजी पर अंधविश्वास – सभी को इस हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।

40 करोड़ की लागत और अधूरा हैंडओवर

667 मीटर लंबे इस पुल को बनाने में 40 करोड़ रुपये खर्च हुए। इसके बावजूद पुल का हैंडओवर प्रक्रिया और रखरखाव में लापरवाही ने इसे मौत का पुल बना दिया।

क्या बच सकती थीं जिंदगियां?

हादसे के समय अगर पुल के दोनों ओर बैरिकेडिंग होती या चेतावनी बोर्ड लगाए गए होते, तो शायद यह त्रासदी टल सकती थी।

टेक्नोलॉजी और प्रशासनिक समन्वय की कमी

गूगल मैप पर पूरी तरह निर्भर होना और प्रशासन का निष्क्रिय रवैया इस हादसे का मुख्य कारण हैं।

क्या कहता है कानून?

इस हादसे के बाद जिम्मेदारी तय करने और दोषियों को सजा देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। लेकिन यह मामला सिस्टम में व्याप्त खामियों को उजागर करता है।

रामगंगा पुल हादसा केवल एक दुर्घटना नहीं, बल्कि तकनीकी निर्भरता, प्रशासनिक लापरवाही और सिस्टम की खामियों का परिणाम है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ