जौनपुर की नानी ने तीन लाख में नवजात का सौदा कर दिया। पुलिस ने बच्चे को बचाया और 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया।
नवजात का सौदा! नानी ने अपनी ही बेटी के बच्चे को तीन लाख में बेचा
उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में एक ऐसी घटना घटी, जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया। अपनी ही बेटी के नवजात बच्चे का तीन लाख रुपये में सौदा करने वाली नानी की हैवानियत सामने आई है। पुलिस ने इस मानव तस्करी रैकेट का पर्दाफाश करते हुए पांच महिलाओं समेत छह आरोपियों को गिरफ्तार किया और नवजात को सकुशल बरामद कर उसकी मां को सौंप दिया।
कैसे हुआ यह अमानवीय सौदा?
यह घटना जौनपुर जिले के जलालपुर थाना क्षेत्र के धरांव गांव की है। कैलाश प्रजापति की बेटी कविता, जो भदोही में शादीशुदा थी, अपनी डिलीवरी के लिए मायके आई थी। कविता के पति सूरत में नौकरी करते हैं, और उनकी अनुपस्थिति में कविता की मां ने उनकी डिलीवरी कराने का जिम्मा लिया।
25 अक्टूबर को कविता को जौनपुर के प्रताप हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां उसने ऑपरेशन के जरिए एक बेटे को जन्म दिया। लेकिन कविता की मां, जो बच्चे की नानी भी है, ने अपने निहित स्वार्थ के लिए बच्चा बेचने की साजिश रच डाली।
तीन लाख में तय हुआ सौदा, लेकिन नानी को मिले सिर्फ 1.7 लाख
कविता की मां ने आशा नामक महिला और अन्य आरोपियों के साथ मिलकर नवजात को तीन लाख रुपये में बेच दिया। सौदे के अनुसार, नानी को सिर्फ 1.7 लाख रुपये दिए गए, जबकि बाकी पैसे अन्य आरोपियों ने आपस में बांट लिए।
डिलीवरी के बाद कविता ने अपने बच्चे के बारे में पूछा, तो उसे बताया गया कि बच्चा बीमार है और आईसीयू में भर्ती है। लेकिन जब कई दिन बाद भी बच्चे की कोई खबर नहीं मिली, तो कविता को शक हुआ। discharge के बाद जब वह घर पहुंची, तो आरोपी सीता देवी ने उसे झूठी कहानी सुनाई कि बच्चा बीमार था और उसकी मृत्यु हो गई।
सच सामने आते ही मां ने लगाई न्याय की गुहार
कविता ने जब अपनी मां से बच्चे के शव के बारे में पूछा, तो नानी ने सच्चाई उगल दी। उसने बताया कि बच्चे को पश्चिम बंगाल के एक व्यक्ति को तीन लाख रुपये में बेच दिया गया था। यह सुनकर कविता के होश उड़ गए। वह तुरंत जलालपुर पुलिस थाने पहुंची और शिकायत दर्ज करवाई।
पुलिस ने ऐसे बचाया बच्चा
मामला दर्ज होते ही पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए इस मानव तस्करी गिरोह के सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों में गोरखनाथ चौबे, पूनम गुप्ता, हेमंती साहू, सीता पांडे, इंद्रिका सिंह और शांति देवी के नाम शामिल हैं। पुलिस ने नवजात को पश्चिम बंगाल जाने से पहले ही बरामद कर लिया और उसे मां को सौंप दिया।
मानव तस्करी का संगीन मामला
यह मामला सिर्फ एक परिवार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मानव तस्करी के बढ़ते मामलों की ओर इशारा करता है। जहां एक तरफ रिश्तों का महत्व खो रहा है, वहीं पैसों के लिए लोग किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।
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