हरदोई में पिता ने 11 साल के मासूम की गला दबाकर की हत्या, बेटे को बचाने के डर से बनाया खौफनाक प्लान!




हरदोई में पिता ने की बेटे की हत्या, पुलिस ने मामले का खुलासा कर आरोपी पिता को किया गिरफ्तार

हरदोई के शाहाबाद में 11 साल के आयुष की गला दबाकर हत्या, पुलिस ने आरोपी पिता को गिरफ्तार कर पूछताछ में चौंकाने वाला सच उजागर किया।

हरदोई: बेटे के गुनाह को छिपाने के लिए पिता बना कातिल, पुलिस ने किया सनसनीखेज खुलासा

हरदोई जिले के शाहाबाद क्षेत्र में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। एक पिता ने अपने 11 वर्षीय बेटे के गुनाह को छिपाने के लिए उसके दोस्त आयुष की निर्मम हत्या कर दी। पुलिस ने शनिवार को इस मामले का खुलासा करते हुए आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया है। यह घटना न केवल समाज को झकझोरने वाली है बल्कि रिश्तों के विश्वास पर भी सवाल खड़े करती है।

घटना का सिलसिला: कैसे हुई आयुष की हत्या?  
लालपुर गांव निवासी नेतराम ने 18 अक्टूबर 2024 को अपने 11 वर्षीय बेटे आयुष के गायब होने की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। आयुष अंबेडकर पार्क में दोस्तों के साथ खेल रहा था और घर लौटते समय अचानक लापता हो गया। परिवार ने उसकी काफी तलाश की लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। 

23 अक्टूबर को पुलिस ने गन्ने के खेत में आयुष का शव बरामद किया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गला दबाने से मौत की पुष्टि हुई, जिससे यह साफ हो गया कि यह एक हत्या का मामला है। इसके बाद पुलिस ने जांच तेज कर दी और हर एंगल से मामले को खंगालना शुरू किया।  

पिता छोटेलाल ने कबूली अपनी खौफनाक साजिश  
पुलिस ने शक के आधार पर गांव के छोटेलाल को हिरासत में लिया। सख्ती से पूछताछ करने पर उसने अपना अपराध कबूल कर लिया। छोटेलाल ने बताया कि उसका बेटा विनोद और आयुष एक साथ खेल रहे थे। खेल के दौरान आयुष ने विनोद से 5 रुपये जीत लिए। इसके बाद आयुष पैसे लेकर भागने लगा लेकिन रास्ते में ठोकर लगने से वह गिर गया और बेहोश हो गया।  

छोटेलाल ने बेहोश आयुष को उठाकर अपने घर लाया। जब उसे काफी देर तक होश नहीं आया तो वह डर गया कि कहीं उसका बेटा विनोद इस मामले में फंस न जाए। इसी डर से उसने आयुष की गला दबाकर हत्या कर दी और शव को गन्ने के खेत में छिपा दिया।  

पुलिस की सूझबूझ से हुआ मामले का खुलासा  
हरदोई पुलिस की टीम ने इस मामले को सुलझाने में बेहतरीन काम किया। एसपी नीरज जादौन ने बताया कि हत्या के मामले में हर पहलू की गहराई से जांच की गई। छोटेलाल के घर और गांव में लोगों से पूछताछ के बाद जब सबूत मिले तो छोटेलाल को हिरासत में लिया गया। पूछताछ में उसने अपने अपराध को स्वीकार कर लिया।  

समाज को झकझोरने वाली घटना  
इस घटना ने समाज में रिश्तों के बदलते स्वरूप पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। एक पिता ने अपने बेटे को बचाने के लिए निर्दोष बच्चे की जान ले ली। यह घटना बताती है कि कैसे डर और असुरक्षा की भावना इंसान को अमानवीय बना सकती है।  

पुलिस की अपील: जागरूक बनें, बच्चों की सुरक्षा का ध्यान रखें  
पुलिस ने मामले के खुलासे के बाद लोगों से अपील की है कि वे अपने बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखें और उन्हें नैतिकता का पाठ पढ़ाएं। इसके अलावा, ऐसी घटनाओं से बचने के लिए समाज को अधिक संवेदनशील और जागरूक होना जरूरी है।  

न्याय की राह पर पुलिस  
पुलिस ने आरोपी छोटेलाल को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है। पुलिस ने यह भी कहा है कि वे इस मामले में सख्त से सख्त सजा दिलाने का प्रयास करेंगे ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।  

यह घटना समाज के लिए एक कड़ा सबक है। अपने डर या असुरक्षा के चलते ऐसी क्रूरता दिखाना न केवल कानून के खिलाफ है, बल्कि मानवता के लिए भी शर्मनाक है। पुलिस की तत्परता और प्रोफेशनल जांच ने इस मामले को सुलझाकर अपराधी को पकड़ लिया, लेकिन यह घटना लंबे समय तक हर किसी के दिलो-दिमाग में सवाल छोड़ती रहेगी।

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