मछलीशहर पुलिस ने जौनपुर के चेयरमैन संजय जायसवाल को 5 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया। आरोपी पर कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज।
इंद्रेश तिवारी की रिपोर्ट
जौनपुर जिले के मछलीशहर क्षेत्र में पांच करोड़ रुपये की धोखाधड़ी में फंसे वर्तमान चेयरमैन संजय जायसवाल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधीक्षक डॉ. अजय पाल शर्मा द्वारा जनपद में चलाए जा रहे अपराध-विरोधी अभियान के तहत यह कार्रवाई की गई। संजय जायसवाल पर आरोप है कि उन्होंने 13 ट्रेलर गाड़ियों को फर्जी कागजात बनाकर बेच दिया और बैंक लोन का भुगतान भी नहीं किया।
इस धोखाधड़ी में आरोपित संजय जायसवाल को मुखबिर की सटीक जानकारी पर टोल प्लाजा कुंवरपुर से गिरफ्तार किया गया। इस गिरफ्तारी में थाना मछलीशहर के प्रभारियों और पुलिस टीम का योगदान अहम रहा।
पुलिस ने कैसे पकड़ा चेयरमैन को?
मछलीशहर के चेयरमैन संजय जायसवाल पर कई धाराओं के तहत केस दर्ज था। मुकदमा संख्या 298/24 धारा-319(2), 318(4), 338, 336(3), 340(2), 316(2), और 61(2) बीएनएस के अंतर्गत जांच हो रही थी। आरोप है कि संजय जायसवाल ने फर्जी एनओसी तैयार कर 13 ट्रेलर वाहनों को धोखाधड़ी से अपने नाम पर ट्रांसफर किया और उन्हें वाहन मालिक की अनुमति के बिना बेच दिया।
इस धोखाधड़ी से जायसवाल ने पांच करोड़ रुपये से अधिक का लाभ अर्जित किया। पुलिस की जांच में यह भी खुलासा हुआ कि यह अकेला मामला नहीं है, बल्कि चेयरमैन के खिलाफ पहले से ही कई थानों में गंभीर अपराधों के मुकदमे दर्ज हैं।
गिरफ्तारी के पीछे पुलिस की रणनीति
अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण और क्षेत्राधिकारी मछलीशहर के निर्देशन में प्रभारी निरीक्षक सत्य प्रकाश सिंह के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया था। इस टीम ने आरोपी पर नजर रखी और मुखबिर की सूचना पर कुंवरपुर टोल प्लाजा से संजय जायसवाल को गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद आरोपी से कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं, जिनसे और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है।
चेयरमैन का आपराधिक इतिहास
संजय जायसवाल का आपराधिक रिकॉर्ड काफी लंबा है। उनके खिलाफ मछलीशहर और अन्य थानों में कई गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। इसमें आपराधिक षड्यंत्र (धारा 120 बी), सार्वजनिक जुआ अधिनियम, दंगा और धोखाधड़ी जैसे अपराध शामिल हैं। 2016 से 2024 के बीच उनके खिलाफ 8 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें गुंडा एक्ट और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम के तहत भी केस हैं।
पुलिस टीम का विशेष योगदान
इस पूरी कार्रवाई में थाना मछलीशहर के प्रभारी निरीक्षक सत्य प्रकाश सिंह, उप निरीक्षक कृष्णानन्द यादव, और उनकी टीम का विशेष योगदान रहा। हेड कांस्टेबल मिथिलेश सिंह, कांस्टेबल नीरज यादव, शिवकुमार प्रजापति, आशीष साहनी, कृष्ण कुमार, और सुनील यादव की सक्रिय भागीदारी से यह गिरफ्तारी संभव हो सकी।
क्या है मामला और कैसे हुआ खुलासा?
जायसवाल पर आरोप है कि उन्होंने 13 ट्रेलर वाहनों को बिना अनुमति के बेच दिया और बैंक के लोन का भुगतान किए बिना फर्जी एनओसी तैयार की। इस धोखाधड़ी से उन्होंने लगभग पांच करोड़ रुपये का लाभ अर्जित किया। यह मामला तब सामने आया जब बैंक और ट्रेलर मालिकों ने फर्जीवाड़े की शिकायत की। जांच में पुलिस को दस्तावेजों की गड़बड़ी का पता चला और आरोपी की गिरफ्तारी के लिए जाल बिछाया गया।
मछलीशहर पुलिस की आगामी कार्रवाई
जायसवाल की गिरफ्तारी के बाद पुलिस की जांच जारी है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि मामले में और भी आरोपी हो सकते हैं, जिनकी तलाश जारी है। संजय जायसवाल के आपराधिक इतिहास को देखते हुए पुलिस इस मामले में पूरी सख्ती से आगे बढ़ेगी और इस तरह की धोखाधड़ी के मामलों को रोकने के लिए विशेष अभियान चलाएगी।
जनता को संदेश
पुलिस अधीक्षक डॉ. अजय पाल शर्मा ने कहा कि मछलीशहर में अपराधियों पर पुलिस की सख्त नजर है और किसी भी प्रकार के अपराध को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
0 टिप्पणियाँ