दीपावली पर जौनपुर पत्रकार संघ ने पर्यावरण संरक्षण हेतु 500 कपड़े के झोले बांटे, क्षेत्राधिकारी गिरेंद्र सिंह ने की कार्यक्रम की प्रशंसा।
इंद्रेश तिवारी की रिपोर्ट
जौनपुर में पर्यावरण बचाओ अभियान: दीपावली पर बांटे गए 500 कपड़े के झोले
मछली शहर (जौनपुर): उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के मछली शहर में दीपावली के अवसर पर पर्यावरण संरक्षण के एक विशेष अभियान की शुरुआत की गई। "पॉलीथिन मुक्त मछली शहर" नामक इस पहल का उद्देश्य स्थानीय समुदाय को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना और पॉलीथिन के उपयोग को कम करना है। इस अवसर पर जौनपुर पत्रकार संघ, मछली शहर इकाई ने समाजसेवी कलीम गौसी शेख के सहयोग से 500 जरूरतमंद लोगों को कपड़े के झोले और मिठाइयां बांटकर इस अभियान का आरंभ किया।
जौनपुर पत्रकार संघ के अध्यक्ष अनिल कुमार पांडेय ने बताया कि यह अभियान पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए हर 6 महीने में चलाया जाएगा, जिसमें 500 लोगों के बीच कपड़े के झोले वितरित किए जाएंगे। इसके जरिए लोगों को पॉलीथिन के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक किया जाएगा और उन्हें पर्यावरण के अनुकूल विकल्प अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
क्षेत्राधिकारी गिरेंद्र सिंह की विशेष उपस्थिति
इस अभियान के दौरान क्षेत्राधिकारी मछली शहर गिरेंद्र सिंह और तहसीलदार अजीत कुमार भी विशेष रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान गिरेंद्र सिंह ने लोगों को पर्यावरण की सुरक्षा का महत्व समझाते हुए कहा, "हम सभी का दायित्व है कि पर्यावरण को सुरक्षित रखें। पॉलिथीन का उपयोग कम करना एक छोटा कदम है, लेकिन यह हमारे भविष्य के लिए बड़ा बदलाव ला सकता है।" उन्होंने इस प्रकार के प्रयासों की सराहना की और स्थानीय लोगों से पॉलीथिन का इस्तेमाल न करने की अपील की। तहसीलदार अजीत कुमार ने भी इसे एक सराहनीय पहल बताते हुए कहा कि इस प्रकार की योजनाएं समाज में जागरूकता बढ़ाने में सहायक होती हैं।
वितरण स्थल: कस्बे की बस्तियों में चला अभियान
यह अभियान मछली शहर की विभिन्न बस्तियों जैसे धरीकर बस्ती, कश्मीर में नगर पंचायत के सफाई कर्मियों के बीच, और रामनगर गोहका जैसे मलिन बस्तियों में चलाया गया। समाजसेवी एवं कमला हॉस्पिटल के डायरेक्टर आर बी चौहान, भाजपा नेता और पत्रकार इंद्रेश तिवारी, रंजीत कुमार यादव, विपिन कुमार सिंह, सतीश दुबे समेत कई प्रमुख हस्तियां और सैकड़ों लोग इस कार्यक्रम में शामिल रहे। इस अवसर पर पर्यावरण के प्रति जागरूकता का संदेश देने के लिए स्थानीय बच्चों को मिठाइयां भी दी गईं, ताकि उन्हें भी छोटी उम्र से ही पर्यावरण संरक्षण का महत्व समझाया जा सके।
क्यों है पॉलीथिन मुक्त अभियान आवश्यक?
पॉलीथिन हमारे पर्यावरण के लिए एक बड़ा खतरा बनता जा रहा है। पॉलीथिन न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि यह मिट्टी और जल को भी प्रदूषित करता है। पॉलीथिन के उपयोग से वन्यजीव और घरेलू जानवर भी प्रभावित होते हैं, क्योंकि इसके सेवन से उनकी सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है। मछली शहर में पॉलीथिन मुक्त अभियान का उद्देश्य यही है कि लोग पॉलीथिन छोड़कर कपड़े के थैले और अन्य पर्यावरण-अनुकूल विकल्प अपनाएं।
भविष्य में इस अभियान को बढ़ाने की योजना
जौनपुर पत्रकार संघ और मछली शहर के स्थानीय समाजसेवी आगे भी इस पहल को निरंतर चलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हर छह महीने में 500 से अधिक जरूरतमंदों के बीच कपड़े के थैले बांटे जाएंगे और साथ ही पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया जाएगा। पत्रकार संघ के अध्यक्ष अनिल कुमार पांडेय ने कहा कि, "इस पहल का उद्देश्य सिर्फ पॉलीथिन का विकल्प देना नहीं है, बल्कि लोगों को यह समझाना भी है कि यदि हम सभी छोटे-छोटे कदम उठाएं, तो बड़ा बदलाव संभव है।"
लोगों की प्रतिक्रिया और सराहना
स्थानीय निवासियों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह न केवल पर्यावरण को सुरक्षित रखने में सहायक है, बल्कि यह एक सकारात्मक उदाहरण भी है जिसे समाज के हर वर्ग को अपनाना चाहिए। लोग इस मुहिम को दीपावली जैसे त्योहार के समय पर शुरू करने के विचार को भी सराहनीय मानते हैं, क्योंकि यह त्योहार नए संकल्प और सकारात्मक बदलाव का प्रतीक है।
इस अभियान को लेकर स्थानीय व्यापारी भी उत्साहित हैं और उन्होंने पॉलीथिन मुक्त समाज की दिशा में कदम बढ़ाने का संकल्प लिया है। कस्बे के बाजारों में भी पॉलीथिन के स्थान पर कपड़े के झोलों का उपयोग बढ़ाने की दिशा में काम किया जा रहा है।
"पॉलीथिन मुक्त मछली शहर" जैसा पर्यावरण संरक्षण अभियान दीपावली के पावन अवसर पर एक नई पहल के रूप में सामने आया है, जो निश्चित रूप से हमारे पर्यावरण के लिए एक बड़ा योगदान साबित होगा। यह पहल न केवल पर्यावरण को सुरक्षित बनाएगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण भी प्रदान करेगी। यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि इस तरह के सकारात्मक कदमों का समर्थन करें और अपने-अपने क्षेत्र में भी इसे प्रोत्साहित करें।
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