झांसी मेडिकल कॉलेज में शिशु वॉर्ड में आग लगने से 10 बच्चों की मौत। राहुल और प्रियंका गांधी ने सरकार पर उठाए सवाल।
झांसी मेडिकल कॉलेज हादसा: 10 मासूमों की मौत, सरकार और प्रशासन पर उठे गंभीर सवाल
उत्तर प्रदेश के झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार रात हुए दर्दनाक हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। मेडिकल कॉलेज के शिशु वॉर्ड में शॉर्ट सर्किट से लगी आग और फिर ऑक्सीजन सिलेंडर के ब्लास्ट से 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई और 16 गंभीर रूप से घायल हो गए। इस हादसे ने एक बार फिर सरकारी अस्पतालों की अव्यवस्था और प्रशासन की लापरवाही को उजागर कर दिया।
क्या हुआ था झांसी मेडिकल कॉलेज में?
शुक्रवार रात करीब साढ़े 10 बजे मेडिकल कॉलेज के चिल्ड्रन वॉर्ड में अचानक आग लग गई। शुरुआती जांच में पता चला है कि यह हादसा शॉर्ट सर्किट के कारण हुआ। आग लगने के बाद ऑक्सीजन सिलेंडर में ब्लास्ट हो गया, जिससे वॉर्ड में अफरा-तफरी मच गई।
रेस्क्यू ऑपरेशन में बचाव दल ने तुरंत मौके पर पहुंचकर राहत कार्य शुरू किया। हालांकि, जब तक आग पर काबू पाया जाता, तब तक यह भयानक त्रासदी हो चुकी थी।
राहुल गांधी ने सरकार की नाकामी पर साधा निशाना
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने लिखा,
"झांसी मेडिकल कॉलेज में हुए दर्दनाक हादसे में कई नवजात बच्चों की मृत्यु और घायल होने की खबर से बेहद दुखी हूं। पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।"
राहुल गांधी ने इस हादसे को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा,
"उत्तर प्रदेश में एक के बाद एक हो रही इस तरह की घटनाएं सरकार और प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती हैं। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो और घायल बच्चों का बेहतर इलाज सुनिश्चित किया जाए।"
प्रियंका गांधी ने जताई संवेदना, सरकार से मांगा जवाब
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा,
"झांसी मेडिकल कॉलेज से आई इस दुखद खबर से दिल दहल गया है। शोक और सांत्वना के शब्द इस समय पीड़ित परिवारों के दर्द को कम नहीं कर सकते।"
प्रियंका ने प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा,
"यह हादसा सरकारी व्यवस्थाओं की पोल खोलता है। हम इस मुश्किल घड़ी में पीड़ित परिवारों के साथ खड़े हैं और सरकार से उम्मीद करते हैं कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होगी।"
सीएम योगी आदित्यनाथ का बयान और जांच के आदेश
हादसे के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर शोक जताया और तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि घायलों को हरसंभव चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाए।
परिवारों पर टूटा दुखों का पहाड़
घटना के बाद मेडिकल कॉलेज का दृश्य दिल दहला देने वाला था। जहां एक रात पहले माता-पिता अपने नवजातों के जन्म की खुशी मना रहे थे, वहां अब मातम छाया हुआ है। हर तरफ रोते-बिलखते परिजन, अस्पताल के गलियारे में दर्द से कराहती मांएं और अपने बच्चों को खोने का गम झेलते पिता नजर आए।
सरकार और प्रशासन पर उठे सवाल
यह हादसा सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा मानकों की कमी को उजागर करता है। हर बार जांच के आदेश और मुआवजे की घोषणाएं की जाती हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर सुधार क्यों नहीं हो रहा?
क्या अस्पतालों में पर्याप्त सुरक्षा उपाय मौजूद हैं?
शॉर्ट सर्किट जैसे हादसे रोकने के लिए नियमित जांच क्यों नहीं होती?
क्या कहती है यह घटना?
झांसी मेडिकल कॉलेज का यह हादसा सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि सरकारी व्यवस्थाओं की अनदेखी का एक कड़वा उदाहरण है। जब तक सरकार और प्रशासन इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम नहीं उठाएंगे, तब तक मासूम जिंदगियां यूं ही बर्बाद होती रहेंगी।
झांसी हादसे ने एक बार फिर देश को झकझोर दिया है। अब समय आ गया है कि सरकारें सिर्फ जांच और मुआवजे की घोषणाओं से आगे बढ़कर स्वास्थ्य सेवाओं और सुरक्षा उपायों में सुधार करें। क्योंकि, हर नवजात की जान अनमोल है।
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