झांसी मेडिकल कॉलेज में आग से 10 बच्चों की मौत, 39 बचाए गए। परिजन आक्रोशित, मुआवजे का ऐलान। सीएम ने जांच के आदेश दिए।
झांसी मेडिकल कॉलेज हादसा: शिशु वार्ड में भीषण आग, 10 बच्चों की मौत
झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के शिशु वार्ड में मंगलवार रात भयानक हादसा हुआ। रात 11 बजे शॉर्ट सर्किट से आग लगने के कारण ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में विस्फोट हुआ, जिससे पूरे वार्ड में आग फैल गई। इस हादसे में 10 मासूम बच्चों की मौत हो गई, जबकि 39 बच्चों को खिड़कियां तोड़कर सुरक्षित बाहर निकाला गया।
इस घटना से न केवल झांसी बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में शोक और आक्रोश का माहौल है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और 12 घंटे के भीतर रिपोर्ट मांगी है।
घटना के बाद प्रशासनिक हलचल: सीएम और डिप्टी सीएम सक्रिय
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ घटना की पल-पल की जानकारी लेते रहे। उन्होंने उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और प्रमुख सचिव चिकित्सा पार्थ सारथी सेन शर्मा को तुरंत झांसी रवाना होने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की तत्काल सहायता देने की घोषणा की।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने मौके पर पहुंचकर हादसे का जायजा लिया। उन्होंने कहा,
“घटना की तीन स्तरों पर जांच हो रही है। दोषी किसी भी कीमत पर बख्शे नहीं जाएंगे।”
आग लगने का कारण: लापरवाही या तकनीकी खामी?
प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। वार्ड में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर से आग फैलने की पुष्टि हुई है। हालांकि, मेडिकल कॉलेज प्रशासन पर सुरक्षा मानकों की अनदेखी का आरोप लगाया जा रहा है।
परिजनों का आक्रोश: बच्चों की स्थिति स्पष्ट करने की मांग
घटना के बाद अस्पताल के बाहर परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा। बच्चों की स्थिति स्पष्ट नहीं होने पर परिजन आक्रोशित हो गए और अस्पताल के गेट पर जाम लगाने की कोशिश की।
परिजनों का आरोप है कि उन्हें यह जानकारी नहीं दी जा रही है कि उनके बच्चे जीवित हैं या नहीं।
पुलिस और प्रशासन ने परिजनों को शांत करने की कोशिश की, लेकिन आक्रोश बढ़ता जा रहा है। परिजनों का कहना है,
“हमारे बच्चों की सही जानकारी क्यों नहीं दी जा रही? हमें अंदर जाने क्यों नहीं दिया जा रहा?”
सीएम ने दिए सुरक्षा प्रोटोकॉल सुधारने के आदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना के बाद राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसे हादसे दोबारा नहीं होने चाहिए।
मृतकों के परिवार को मुआवजा और घायलों का इलाज मुफ्त
मुख्यमंत्री ने सभी मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और घायलों का मुफ्त इलाज कराने का आदेश दिया है। प्रशासनिक अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि सभी पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद दी जाएगी।
सवालों के घेरे में प्रशासन
झांसी मेडिकल कॉलेज हादसा न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि सुरक्षा मानकों की अनदेखी का गंभीर उदाहरण भी है। सवाल उठता है कि क्या मेडिकल कॉलेज प्रशासन सुरक्षा उपायों को लेकर गंभीर है?
इस हादसे ने राज्य में मेडिकल सुरक्षा के मानकों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पीड़ित परिवार न्याय की मांग कर रहे हैं, और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की उम्मीद है।
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