कन्नौज के इत्र को ग्लोबल पहचान दिलाने की पहल: पैकेजिंग वर्कशॉप से बदलेगा इत्र उद्योग का भविष्य



कन्नौज के इत्र को ग्लोबल पहचान दिलाने के लिए पैकेजिंग वर्कशॉप आयोजित, ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर जोर। जानें पूरी खबर।

कन्नौज के इत्र उद्योग के लिए ऐतिहासिक पहल
कन्नौज, जिसे भारत की इत्र नगरी के नाम से जाना जाता है, अब अपने प्राकृतिक इत्र को वैश्विक पहचान दिलाने की ओर अग्रसर है। इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए सुगंध एवं सुरस विकास केंद्र कन्नौज ने भारतीय पैकेजिंग संस्थान, दिल्ली के साथ मिलकर इत्र उद्योग को मजबूत करने का बीड़ा उठाया है।

कार्यशाला का उद्देश्य
सुगंध एवं सुरस विकास केंद्र के सभागार में आयोजित इस वर्कशॉप का उद्देश्य कन्नौज के इत्र उत्पादों को लोकल से ग्लोबल स्तर तक पहुंचाना है। भारतीय पैकेजिंग संस्थान के निदेशक, डॉ. तनवीर आलम ने बताया कि “आज के युग में उत्पाद की पैकेजिंग और ब्रांडिंग का सबसे बड़ा महत्व है। ग्राहकों का ध्यान आकर्षित करने और बाजार में अपनी पहचान बनाने के लिए पैकेजिंग ही सबसे प्रभावी माध्यम है। जो दिखता है, वही बिकता है।”

पैकेजिंग से बदलेंगी संभावनाएं
डॉ. आलम ने जोर देकर कहा कि भारत सरकार का लक्ष्य है कि कन्नौज के इत्र को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई जाए। इसके लिए उत्पाद की गुणवत्ता के साथ-साथ उसकी पैकेजिंग पर भी ध्यान देना जरूरी है। उन्होंने कहा, “बेहतर पैकेजिंग से उत्पाद न केवल आकर्षक दिखता है, बल्कि उसकी कीमत और ग्राहक तक पहुंचने की संभावना भी बढ़ती है।”

इत्र उद्योग में पैकेजिंग की भूमिका
कन्नौज का इत्र अब तक अपनी पारंपरिक पैकेजिंग में ही सीमित रहा है। हालांकि, बदलते समय के साथ बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ी है। उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान दिलाने के लिए इनोवेटिव और ट्रेंडी पैकेजिंग की जरूरत है। इस वर्कशॉप में इत्र उत्पादकों को आधुनिक पैकेजिंग तकनीकों और उनके फायदों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

वर्कशॉप में क्या-क्या सीखा गया?
कार्यशाला में कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा हुई, जैसे:

सस्टेनेबल पैकेजिंग: पर्यावरण के अनुकूल पैकेजिंग सामग्री का उपयोग।

डिजाइन इनोवेशन: उत्पाद के डिजाइन को अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानकों के अनुसार तैयार करना।

ब्रांडिंग रणनीतियां: इत्र की पैकेजिंग को ब्रांडिंग का हिस्सा बनाना।

ग्राहक केंद्रित दृष्टिकोण: पैकेजिंग को ग्राहक की जरूरतों के अनुसार तैयार करना।


सरकार की मदद से होगा विकास
कार्यशाला में जिला उद्यम प्रोत्साहन एवं उद्यमिता विकास केंद्र के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। उन्होंने बताया कि सरकार “मेक इन इंडिया” और “वोकल फॉर लोकल” अभियानों के तहत कन्नौज के इत्र उद्योग को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए सरकारी सहायता, ट्रेनिंग प्रोग्राम और सब्सिडी योजनाओं का भी लाभ उठाया जा सकता है।

उत्साह और उम्मीदें
वर्कशॉप में भाग लेने वाले इत्र निर्माताओं में काफी उत्साह देखा गया। कई उत्पादकों ने कहा कि यह पहल उनके उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में मदद करेगी।

पारंपरिक इत्र की नई पहचान
कन्नौज के इत्र को उसकी प्राकृतिक खूशबू के लिए जाना जाता है। लेकिन अब समय आ गया है कि इस अद्भुत उत्पाद को आधुनिक तकनीकों और ग्लोबल मार्केटिंग के माध्यम से दुनिया भर में पहचान दिलाई जाए।

कन्नौज के इत्र उद्योग के लिए यह वर्कशॉप एक नया अध्याय लिखने जा रही है। बेहतर पैकेजिंग, ब्रांडिंग और मार्केटिंग रणनीतियों के सहारे, कन्नौज का इत्र न केवल देश, बल्कि विदेशों में भी अपनी खुशबू बिखेरेगा।

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