लखनऊ में BJP कार्यालय के बाहर मुलायम सिंह का पोस्टर: क्या सियासी चाल है या सम्मान की पहल?




लखनऊ में BJP कार्यालय के बाहर मुलायम सिंह का पोस्टर लगने से राजनीति गरमाई। जानिए इस सियासी कदम के पीछे की कहानी।

उत्तर प्रदेश में उपचुनावों के चलते सियासत में गरमाहट अपने चरम पर है। हर कदम पर बयानबाजी, पोस्टर वॉर और राजनीतिक रणनीतियों की बिसात बिछाई जा रही है। इसी बीच लखनऊ स्थित भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश कार्यालय के बाहर एक ऐसा पोस्टर सामने आया है, जिसने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है।

इस पोस्टर में समाजवादी पार्टी (SP) के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि दी गई है। खास बात यह है कि यह पोस्टर BJP के एक कार्यकर्ता द्वारा लगाया गया है, और इसमें मुलायम सिंह के साथ उनकी बहू और BJP नेता अपर्णा यादव की तस्वीर भी नजर आ रही है।

मुलायम सिंह की 85वीं जयंती पर श्रद्धांजलि या सियासी खेल?

22 नवंबर 1939 को जन्मे मुलायम सिंह यादव को भारतीय राजनीति में "धरतीपुत्र" के नाम से जाना जाता है। उनके योगदान को याद करते हुए यह पोस्टर उनकी 85वीं जयंती के मौके पर लगाया गया। हालाँकि, BJP कार्यालय के बाहर इस तरह का पोस्टर लगने से सवाल उठ रहे हैं—क्या यह श्रद्धांजलि सच्ची भावना से प्रेरित है या फिर इसके पीछे कोई सियासी चाल है?

BJP और SP के बीच नया समीकरण?

इस पोस्टर में अपर्णा यादव की मौजूदगी ने विवाद को और बढ़ा दिया है। अपर्णा यादव, जो मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू हैं, साल 2022 में समाजवादी पार्टी छोड़कर BJP में शामिल हो गई थीं। उनके BJP में आने के बाद से ही वे राजनीतिक चर्चाओं में बनी रहती हैं।

इस पोस्टर के माध्यम से यह संदेश दिया जा रहा है कि BJP नेताजी के योगदान का सम्मान करती है। लेकिन इसके पीछे का समय और स्थान इसे एक सियासी कदम के रूप में देखे जाने पर मजबूर करता है।

पोस्टर वॉर के बीच राजनीतिक बयानबाजी

इस घटना के बाद समाजवादी पार्टी ने BJP पर निशाना साधते हुए कहा,
"जो पार्टी नेताजी का सम्मान उनकी जीवित अवस्था में नहीं कर सकी, अब उनकी जयंती पर यह दिखावा क्यों?"

वहीं, BJP ने इसे सच्चे सम्मान की पहल बताया। लखनऊ के एक BJP कार्यकर्ता ने बयान दिया,
"मुलायम सिंह यादव जैसे नेता राजनीति में विरले ही आते हैं। उनका सम्मान करना हमारे लिए गर्व की बात है।"

क्या उपचुनाव की वजह से बदला है BJP का रुख?

उत्तर प्रदेश में उपचुनावों का माहौल गरम है, और ऐसे में नेताजी की छवि का इस्तेमाल एक रणनीति के तहत किया जा रहा है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि BJP यह कदम यादव समुदाय के वोट बैंक को साधने के लिए उठा रही है।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ

यह पोस्टर वॉर केवल राजनीतिक गलियारों तक सीमित नहीं रहा। सोशल मीडिया पर भी इस घटना ने तेजी से तूल पकड़ लिया है। ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर लोग इसे लेकर अलग-अलग राय दे रहे हैं।

BJP का भविष्य कदम

इस पोस्टर के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि BJP इस घटनाक्रम को किस तरह आगे बढ़ाती है। क्या यह केवल एक बार की घटना है, या फिर इसे लेकर कोई बड़ी योजना बनाई जा रही है?

लखनऊ में BJP कार्यालय के बाहर मुलायम सिंह यादव का पोस्टर लगना केवल एक घटना नहीं, बल्कि एक सियासी संदेश है। यह घटना हमें राजनीति की बदलती परिभाषाओं और रणनीतियों की झलक दिखाती है। अब यह जनता और राजनीतिक विश्लेषकों पर निर्भर करता है कि वे इसे कैसे देखते हैं—सच्चा सम्मान या सियासी चाल?

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