मछलीशहर में डॉ. केवला पाली क्लीनिक में इलाज के दौरान महिला की मौत, परिजनों ने हंगामा और तोड़फोड़ की। आयुर्वेद रजिस्ट्रेशन पर संचालित हो रहा है क्लीनिक।
इंद्रेश तिवारी की रिपोर्ट
मछलीशहर, जौनपुर – मछलीशहर कोतवाली क्षेत्र के मुंगराबादशाहपुर चौराहे पर स्थित डॉ. केवला पाली क्लीनिक में एक महिला की मौत हो गई। महिला की मृत्यु के बाद गुस्साए परिजनों ने क्लीनिक में जमकर हंगामा और तोड़फोड़ की। घटना को लेकर क्षेत्र में सनसनी फैल गई और सवाल उठ रहे हैं कि आयुर्वेद के रजिस्ट्रेशन पर चल रहे इस क्लीनिक में एलोपैथिक इलाज क्यों किया जा रहा था।
इलाज के दौरान हुई महिला की मौत
सरायबीका गाँव की रहने वाली गीता देवी (45) को तबीयत बिगड़ने पर उनके पति भुवाल गौतम ने तीन दिन पहले डॉ. केवला पाली क्लीनिक में भर्ती कराया था। क्लीनिक में इलाज के दौरान शनिवार रात करीब 9 बजे गीता देवी की मौत हो गई। इसके बाद परिजन क्लीनिक के बाहर इकट्ठा होकर हंगामा करने लगे। परिजनों का गुस्सा इतना बढ़ गया कि उन्होंने क्लीनिक में तोड़फोड़ कर दी। पुलिस ने मौके पर पहुँचकर स्थिति को नियंत्रित किया और मृतक का शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
आयुर्वेद रजिस्ट्रेशन के नाम पर चल रहा एलोपैथिक इलाज
मिली जानकारी के अनुसार, डॉ. केवला पाली क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन आयुर्वेद के नाम पर है, लेकिन क्लीनिक में एलोपैथिक दवाइयाँ और इलाज किए जा रहे हैं। साथ ही, क्लीनिक के बाहर बोर्ड पर डॉक्टर के बेटे और बहू की डिग्री का जिक्र किया गया है, जबकि असल में इस क्लीनिक का संचालन डॉक्टर केवला द्वारा किया जा रहा है। अस्पताल में भर्ती करने की अनुमति न होते हुए भी मरीजों को भर्ती करके उपचार दिया जा रहा था।
परिजनों के आरोप और समझौता
घटना के बाद परिजनों का आरोप है कि गीता देवी की मौत लापरवाही के कारण हुई है। हंगामे के बाद डॉक्टर केवला ने 40,000 रुपये का समझौता कर मामला शांत करने की कोशिश की। इस समझौते को लेकर परिजनों ने आपत्ति दर्ज कराई है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
मामले की जानकारी पाकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डॉ. लक्ष्मी सिंह ने जांच कराने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि क्लीनिक के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किस परिस्थिति में महिला की मौत हुई। प्रशासन ने मीडिया को बताया कि बिना जांच के ऐसे मामलों में कोई निष्कर्ष निकालना संभव नहीं है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि मछलीशहर में कई निजी क्लीनिक हैं जो आयुर्वेद के नाम पर एलोपैथिक उपचार दे रहे हैं, जबकि उनके पास इसकी अनुमति नहीं है। यह भी कहा जा रहा है कि बिना मान्य डिग्री वाले लोग भी यहाँ इलाज कर रहे हैं, जो स्वास्थ्य सुरक्षा के लिहाज से चिंता का विषय है।
कानूनी कार्रवाई और प्रशासनिक निर्णय
मछलीशहर कोतवाली पुलिस ने कहा कि मामले की रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है और क्लीनिक में इलाज के नाम पर हो रही लापरवाही की जाँच की जाएगी। ऐसे मामलों में प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
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