मथुरा: अनिरुद्धाचार्य महाराज के आश्रम में गर्म खिचड़ी गिरने से 10 श्रद्धालु झुलसे, दो की हालत गंभीर



मथुरा में अनिरुद्धाचार्य के आश्रम में प्रसाद वितरण के दौरान गर्म खिचड़ी गिरने से 10 श्रद्धालु झुलसे, दो की हालत गंभीर।

मथुरा: अनिरुद्धाचार्य महाराज के आश्रम में हादसा, गर्म खिचड़ी गिरने से 10 श्रद्धालु झुलसे, दो की हालत गंभीर

उत्तर प्रदेश के मथुरा में प्रसिद्ध कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज के गौरी गोपाल आश्रम में एक हादसे में 10 श्रद्धालु झुलस गए हैं, जिनमें दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। यह हादसा प्रसाद वितरण के दौरान हुआ, जब एक कर्मचारी का अचानक पैर फिसलने से गर्म खिचड़ी से भरा बड़ा भगौना श्रद्धालुओं पर गिर गया। इस घटना ने मंदिर परिसर में अफरा-तफरी का माहौल पैदा कर दिया और आनन-फानन में झुलसे श्रद्धालुओं को अस्पताल भेजा गया।

घटना का विवरण

यह घटना उस समय हुई जब पश्चिम बंगाल से आई श्रद्धालुओं की एक टोली मंदिर में दर्शन के बाद प्रसाद ग्रहण कर रही थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जब भोजन वितरण का कार्य चल रहा था, तभी एक कर्मचारी गर्म खिचड़ी का भगौना लेकर कतार में खड़े श्रद्धालुओं के पास आया। अचानक संतुलन बिगड़ने से उसका पैर फिसल गया, जिससे पूरा गर्म भगौना श्रद्धालुओं पर गिर गया। इस हादसे में विशेष रूप से पश्चिम बंगाल की 10 महिला श्रद्धालु बुरी तरह झुलस गईं, जबकि कुछ अन्य को मामूली चोटें आई हैं।

आश्रम में अफरातफरी का माहौल

हादसे के बाद आश्रम के अंदर मौजूद श्रद्धालुओं और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। तत्काल स्थिति को काबू में लाने के लिए आश्रम प्रशासन ने घायल श्रद्धालुओं को अपनी एंबुलेंस से अस्पताल भिजवाया। आश्रम से जुड़े अधिकारियों ने यह भी बताया कि इस तरह की अप्रत्याशित घटना पहले कभी नहीं हुई थी, और इसे देखते हुए अब भोजन वितरण व्यवस्था में सुधार करने पर विचार किया जा रहा है।

आश्रम के संचालक अनिरुद्धाचार्य महाराज का बयान

घटना पर बोलते हुए गौरी गोपाल आश्रम के संचालक अनिरुद्धाचार्य महाराज ने गहरी संवेदना व्यक्त की और बताया कि सभी घायल श्रद्धालुओं को उपचार के लिए तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा, "हमारे आश्रम में रोजाना बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं और उन्हें प्रसाद वितरित किया जाता है। आज भी उसी प्रक्रिया का पालन किया जा रहा था, लेकिन एक कर्मचारी का अचानक पैर फिसल गया और यह दुर्भाग्यपूर्ण हादसा हो गया। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो।"

श्रद्धालुओं की हालत और अस्पताल में इलाज

अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार, झुलसे हुए 10 श्रद्धालुओं में से दो की हालत गंभीर है, जबकि अन्य की हालत स्थिर बताई जा रही है। डॉक्टरों के अनुसार, गर्म खिचड़ी गिरने के कारण पीड़ितों की त्वचा पर गहरे जख्म हो गए हैं और उनका इलाज किया जा रहा है। इस दर्दनाक घटना के बाद मंदिर के अन्य भक्तों में भी दहशत का माहौल है, और उन्होंने प्रबंधन से ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सख्त उपाय करने की मांग की है।

धार्मिक यात्राओं का बढ़ता जोखिम

पिछले कुछ वर्षों में धार्मिक स्थलों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आवागमन बढ़ा है, जिसके साथ ही इस तरह की घटनाएं भी बढ़ी हैं। आश्रम या मंदिरों में भोजन वितरण की प्रक्रिया भीड़भाड़ के कारण कभी-कभी जोखिमपूर्ण हो जाती है। इसलिए, यह आवश्यक है कि आश्रम प्रबंधन ऐसे कार्यों में अतिरिक्त सावधानी बरते और सुरक्षा के प्रभावी उपाय सुनिश्चित करे।

आश्रम प्रशासन द्वारा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार की योजना

इस हादसे के बाद गौरी गोपाल आश्रम के प्रबंधन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया है। इसके तहत प्रसाद वितरण की प्रक्रिया में बदलाव लाने और कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण देने की योजना बनाई जा रही है ताकि भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं से बचा जा सके। इसके साथ ही, श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा स्टाफ की तैनाती और भीड़ को व्यवस्थित तरीके से नियंत्रित करने की दिशा में भी कदम उठाए जाएंगे।

मथुरा की श्रद्धालु यात्राओं के प्रति बढ़ती लोकप्रियता

मथुरा एक धार्मिक नगरी है जहां प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन के लिए आते हैं। विशेष रूप से कथा आयोजनों और विशेष अवसरों पर यहां भारी भीड़ उमड़ती है। अनिरुद्धाचार्य महाराज जैसे कथावाचक के भक्त भी यहां बड़ी संख्या में आते हैं, जो धार्मिक आयोजनों का हिस्सा बनते हैं। ऐसे में यह आवश्यक है कि मंदिर प्रशासन बड़े पैमाने पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए सुरक्षित आयोजन सुनिश्चित करे।

मथुरा के गौरी गोपाल आश्रम में हुए इस हादसे ने धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था की गंभीरता को उजागर किया है। उम्मीद की जाती है कि इस घटना के बाद मंदिर प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था को सख्त बनाकर श्रद्धालुओं के विश्वास को बनाए रखेगा। इस तरह की घटनाएं एक महत्वपूर्ण चेतावनी हैं कि भक्तों की सुरक्षा के लिए धार्मिक स्थलों पर विशेष सावधानी बरती जानी चाहिए।

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