कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी के अकाउंटेंट से साइबर ठगों ने मंत्री के बेटे बनकर 2 करोड़ 8 लाख रुपये की ठगी की। जानें पूरा मामला और कैसे साइबर पुलिस जांच में जुटी है।
कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी के अकाउंट से 2 करोड़ की साइबर ठगी
उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के नाम पर 2 करोड़ 8 लाख रुपये की साइबर ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मंत्री के अकाउंटेंट को मंत्री के बेटे के नाम पर झांसा देकर यह ठगी की गई। ठगों ने बेहद शातिराना तरीके से अकाउंटेंट से पैसे ट्रांसफर करवाए, जिसके बाद मामले की सूचना साइबर पुलिस को दी गई।
कैसे हुई ठगी?
साइबर ठगों ने पहले मंत्री नंद गोपाल नंदी के अकाउंटेंट रितेश श्रीवास्तव से संपर्क किया। ठगों ने खुद को मंत्री का बेटा बताते हुए कहा,
"मैं एक बिजनेस मीटिंग में हूं, मुझे तुरंत पैसे की जरूरत है। जल्दी से पैसे भेजो।"
बिना किसी शक के अकाउंटेंट ने तीन अलग-अलग बैंक अकाउंट्स में कुल 2 करोड़ 8 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।
पैसे भेजने के कुछ समय बाद, रितेश को इस बात का अहसास हुआ कि उन्होंने ठगी का शिकार हो गए हैं। उन्होंने तुरंत साइबर पुलिस को इस घटना की जानकारी दी।
साइबर पुलिस की कार्रवाई
मामले की जानकारी मिलते ही साइबर पुलिस हरकत में आई। पुलिस ने ठगों द्वारा दिए गए बैंक खातों को फ्रीज करने के निर्देश दिए और घटना की जांच शुरू कर दी है।
फिलहाल, पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि ठगी में इस्तेमाल किए गए बैंक खाते किनके हैं और इनकी लोकेशन कहां है।
साइबर क्राइम के बढ़ते मामले
यह घटना देश में बढ़ते साइबर अपराधों की गंभीरता को दर्शाती है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की रिपोर्ट के अनुसार:
वित्तीय वर्ष 2024 में साइबर ठगी के 75,800 मामले सामने आए, जिनमें कुल 421 करोड़ रुपये की ठगी हुई।
वित्तीय वर्ष 2023 में यह संख्या और भी अधिक थी, जिसमें 2,92,800 मामले और 2,054 करोड़ रुपये की ठगी दर्ज की गई।
सरकार और पुलिस प्रशासन लगातार साइबर अपराधों को रोकने के लिए कदम उठा रहे हैं, लेकिन ठगों की नई रणनीतियों से इन मामलों में कमी नहीं आ रही है।
लोगों को सतर्क रहने की जरूरत
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि ठग अब लोगों के विश्वास को तोड़ने के लिए करीबी रिश्तों का सहारा ले रहे हैं। ऐसे में लोगों को चाहिए कि:
1. अपरिचित कॉल्स और संदेशों पर भरोसा न करें।
2. किसी भी वित्तीय लेन-देन से पहले पूरी जानकारी प्राप्त करें।
3. अगर शक हो तो तुरंत संबंधित व्यक्ति से सीधे संपर्क करें।
कैसे बचें साइबर ठगी से?
ओटीपी, पिन, पासवर्ड किसी के साथ साझा न करें।
अगर कोई व्यक्ति बैंक डिटेल मांगता है, तो उसकी पुष्टि जरूर करें।
किसी भी अज्ञात लिंक या कॉल से सावधान रहें।
साइबर अपराध की जानकारी तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर दें।
कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी से जुड़ी इस ठगी की घटना ने साइबर अपराध की गंभीरता को फिर उजागर किया है। यह सभी के लिए एक चेतावनी है कि सतर्क रहें और किसी भी वित्तीय लेन-देन से पहले अच्छी तरह से जांच-परख कर लें।
क्या आप भी साइबर अपराध से बचाव के टिप्स चाहते हैं? नीचे कमेंट सेक्शन में अपने सवाल पूछें।
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