बृजभूषण शरण सिंह के पैर छूने वाले डीह थाना प्रभारी अनिल सिंह का तबादला, यूपी पुलिस में मचा हड़कंप; जांच के बाद कार्रवाई।
उत्तर प्रदेश में सत्ताधारी नेताओं के साथ पुलिस अधिकारियों का संबंध हमेशा से चर्चा का विषय रहा है, लेकिन हालिया घटनाक्रम ने इस चर्चा को एक नए आयाम पर पहुंचा दिया है। बीते दिनों बीजेपी नेता और पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह के पैर छूने वाले थाना प्रभारी अनिल सिंह का तबादला कर दिया गया है। इस घटना से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है, और इस मामले को लेकर हर जगह चर्चाओं का बाजार गर्म है।
वायरल वीडियो बना तबादले की वजह
25 अक्टूबर को बृजभूषण शरण सिंह दिवंगत विधायक गजाधर सिंह के तेरहवीं कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इसी दौरान डीह थाना प्रभारी अनिल सिंह का एक वीडियो वायरल हो गया, जिसमें वह बृजभूषण शरण सिंह के पैर छूते नजर आ रहे थे। वीडियो वायरल होते ही पुलिस प्रशासन पर सवाल खड़े होने लगे, और इस घटना से जनता में नाराजगी की लहर दौड़ गई।
यह वीडियो फेसबुक लाइव के दौरान सामने आया था, जिसमें थाना प्रभारी वर्दी में नजर आ रहे थे। जब ये वीडियो सोशल मीडिया पर छाया, तो इसे लेकर पुलिस महकमे ने भी गंभीरता से संज्ञान लिया।
पुलिस अधीक्षक ने दिए जांच के आदेश
डीह थाना प्रभारी अनिल सिंह का ये वीडियो पुलिस अधीक्षक डॉ. यशवीर सिंह तक पहुंचा, जिन्होंने इस मामले में तुरंत संज्ञान लिया और जांच के आदेश दिए। सलोन क्षेत्राधिकारी प्रदीप कुमार को इस केस की जांच और कार्रवाई का जिम्मा सौंपा गया। इस दौरान पुलिस अधीक्षक ने कहा कि पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशानुसार जो भी सही कार्रवाई बनती है, वह की जाएगी।
खुद को बचाने की कोशिश में प्रभारी
इस वीडियो के सामने आने के बाद अनिल सिंह ने खुद को बचाने की लाख कोशिश की। उन्होंने अपने बयान में कहा कि वह बृजभूषण शरण सिंह के पैर नहीं छू रहे थे, बल्कि उनका पेन गिर गया था जिसे वह उठा रहे थे। हालांकि, वीडियो में साफ तौर पर दिखाई दे रहा है कि थाना प्रभारी किस तरह से पैर छू रहे थे।
हालांकि इस सफाई के बावजूद मामला तूल पकड़ गया और सच्चाई का पता लगाने के लिए जांच की मांग की गई। पुलिस ने जांच के बाद डीह थाना प्रभारी अनिल सिंह का तबादला कर दिया और उन्हें अपराध शाखा में नियुक्त कर दिया गया।
उत्तर प्रदेश पुलिस में लगातार हो रहे तबादले
यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब उत्तर प्रदेश में पुलिस विभाग में लगातार तबादले किए जा रहे हैं। राज्य सरकार ने पुलिस महकमे में सुधार की दिशा में सख्त कदम उठाते हुए पिछले कुछ दिनों में कई अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया है। खबरों के अनुसार, अब तक 10 वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का तबादला किया जा चुका है और दो अधिकारी सस्पेंड भी कर दिए गए हैं।
कार्रवाई में सक्रिय उत्तर प्रदेश सरकार
उत्तर प्रदेश सरकार एक्शन मोड में है और पुलिस अधिकारियों को लेकर सख्त कदम उठा रही है। हाल ही में एक वरिष्ठ IAS अधिकारी मनोज सिंह को उनकी रिटायरमेंट से कुछ ही दिन पहले वेटिंग लिस्ट में भेज दिया गया है। सरकार का यह कदम बताता है कि किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता या राजनीतिक प्रभाव में काम करने वाले पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों पर कोई ढील नहीं दी जाएगी।
बृजभूषण शरण सिंह से जुड़ा विवाद
यह पहली बार नहीं है कि बृजभूषण शरण सिंह किसी विवाद में घिरे हैं। उन्होंने पहले भी विवादास्पद बयान देकर और अन्य घटनाओं में शामिल होकर विवाद उत्पन्न किए हैं। हालांकि इस बार मामला पुलिस अधिकारी के साथ जुड़ा होने के कारण संवेदनशील हो गया है। यह देखना होगा कि इस घटना के बाद यूपी पुलिस और प्रशासन किस प्रकार के कदम उठाते हैं और आगे ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए क्या सुधारात्मक प्रयास किए जाते हैं।
जनता की प्रतिक्रिया और सोशल मीडिया पर आक्रोश
इस घटना के बाद जनता में आक्रोश है, और सोशल मीडिया पर लोग इसे लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ लोगों का मानना है कि इस प्रकार के घटनाक्रम से पुलिस विभाग की साख पर असर पड़ता है, जबकि कुछ का मानना है कि राजनेताओं के प्रभाव में पुलिस अधिकारियों का आना कोई नई बात नहीं है।
डीह थाना प्रभारी अनिल सिंह का तबादला इस बात का संकेत है कि उत्तर प्रदेश सरकार पुलिस विभाग में अनुशासन बनाए रखने के लिए गंभीर है। यह घटना राजनेताओं और पुलिस अधिकारियों के बीच के संबंधों की ओर ध्यान आकर्षित करती है और इस प्रकार के मामलों में कड़ी कार्रवाई की मांग को बल देती है।
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