प्रयागराज में वंदे भारत एक्सप्रेस के सामने युवक ने ट्रैक पर बाइक छोड़ी, लोको पायलट की सूझबूझ से बड़ा हादसा टला।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में एक बड़ा ट्रेन हादसा होते-होते बचा, जब वंदे भारत एक्सप्रेस की तेज रफ्तार के बीच एक युवक ने अपनी बाइक को रेलवे ट्रैक पर छोड़ दिया। यह घटना शुक्रवार शाम लगभग चार बजे हुई, जब वाराणसी से प्रयागराज की ओर आ रही वंदे भारत एक्सप्रेस झूंसी स्टेशन के पास से गुजर रही थी। गनीमत यह रही कि लोको पायलट ने समय रहते इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक लिया, जिससे एक संभावित बड़े हादसे से बचाव हो गया।
हादसे का पूरा विवरण
झूंसी स्टेशन के निकट स्थित बंधवा ताहिरपुर रेलवे अंडरपास पर कुछ युवक बाइक लेकर ट्रैक पार कर रहे थे। इसी दौरान वंदे भारत एक्सप्रेस को तेज रफ्तार से आते देख एक युवक ने घबराहट में बाइक को ट्रैक पर छोड़ दिया और भाग गया। हालांकि, ट्रेन चालक ने तुरंत बाइक को ट्रैक पर देख इमरजेंसी ब्रेक लगाए, लेकिन तब तक ट्रेन बाइक से टकरा चुकी थी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि ट्रेन के इंजन में बाइक फंस गई और कई मीटर तक घिसटती रही। ट्रेन में बैठे यात्रियों ने भी इस टक्कर के बाद झटका महसूस किया और कुछ देर के लिए भय का माहौल बन गया।
लोको पायलट की सूझबूझ से बची जान
इस घटना में वंदे भारत एक्सप्रेस के लोको पायलट ने अपनी सूझबूझ का परिचय देते हुए बड़ा हादसा टाल दिया। बाइक ट्रैक पर दिखते ही उन्होंने तुरंत ब्रेक लगाया, जिससे ट्रेन की स्पीड कम हो गई और संभावित हादसे से बचाव संभव हो सका। घटना के तुरंत बाद लोको पायलट ने वाराणसी स्थित पूर्वोत्तर रेलवे के कंट्रोल रूम को जानकारी दी, जिसके बाद इस ट्रैक पर सभी ट्रेनें रोक दी गईं।
यात्रियों में दहशत का माहौल
घटना के समय ट्रेन में सैकड़ों यात्री सवार थे, जो प्रयागराज की ओर यात्रा कर रहे थे। टक्कर के बाद तेज आवाज और झटके की वजह से ट्रेन के भीतर कुछ समय के लिए दहशत का माहौल बन गया। हालांकि, ट्रेन के रुकते ही रेलवे स्टाफ ने स्थिति को नियंत्रित किया और यात्रियों को आश्वासन दिया कि उन्हें कोई खतरा नहीं है। इस पूरे हादसे में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है, जो एक राहत की बात है।
बाइक मालिक के खिलाफ कार्रवाई
घटना के बाद रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और सरकारी रेलवे पुलिस (GRP) ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की। बाइक को कब्जे में लेकर उसकी पहचान की जा रही है और मालिक की तलाश जारी है। शुरुआती जांच के आधार पर पुलिस ने बाइक मालिक के खिलाफ लापरवाही और रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस का मानना है कि यह घटना लापरवाही के कारण हुई, और अगर लोको पायलट समय पर ब्रेक न लगाते तो एक बड़ा हादसा हो सकता था।
क्या होता अगर ट्रेन डिरेल हो जाती?
वंदे भारत एक्सप्रेस की तेज गति और इंजनों की भारी संरचना के कारण अगर ट्रेन डिरेल हो जाती, तो यह घटना एक बड़ी दुर्घटना में तब्दील हो सकती थी। इस तरह के हादसे में कई जानें जा सकती थीं और रेलवे की संपत्ति को भी भारी नुकसान हो सकता था। रेलवे प्रशासन ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और सुरक्षा प्रबंधों पर विशेष ध्यान देने की बात कही है।
वंदे भारत एक्सप्रेस की सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा
वंदे भारत एक्सप्रेस, भारत की एक आधुनिक और उच्च-गति की ट्रेन है, जो समय-समय पर सुरक्षा और तकनीकी मुद्दों से संबंधित समस्याओं का सामना करती रही है। रेलवे बोर्ड ने इस हादसे के बाद वंदे भारत एक्सप्रेस के सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा का निर्णय लिया है। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए ट्रेनों के सामने आने वाले संभावित बाधाओं को दूर करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा उपाय किए जाएंगे।
दुर्घटनाओं से बचाव के लिए रेलवे की नई योजना
रेलवे प्रशासन अब ऐसे अंडरपास और रेलवे क्रॉसिंग पर विशेष सुरक्षा उपायों को लागू करने की योजना बना रहा है। इसके तहत रेलवे ट्रैक पर होने वाले अवरोधों का तुरंत पता लगाने के लिए अत्याधुनिक सेंसर और अलर्ट सिस्टम लगाए जाएंगे। इससे दुर्घटना की स्थिति में लोको पायलट को तुरंत जानकारी मिलेगी और वह समय पर प्रतिक्रिया कर पाएंगे। रेलवे प्रशासन द्वारा ऐसे उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में चेतावनी बोर्ड लगाने और लोगों को जागरूक करने का भी फैसला लिया गया है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
घटना पर लोगों की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद से प्रयागराज के स्थानीय लोगों में भी नाराजगी और चिंता का माहौल है। स्थानीय लोगों का कहना है कि युवकों की लापरवाही के कारण बड़े हादसे की संभावना बन गई थी। यह भी मांग उठ रही है कि रेलवे ट्रैक के नजदीक सुरक्षा के मानक कड़े किए जाएं और लोगों को रेलवे ट्रैक पर जानबूझकर अड़चनें डालने से रोका जाए।
प्रयागराज में हुई इस घटना ने एक बार फिर रेलवे ट्रैक के निकट बढ़ती लापरवाही पर सवाल खड़े कर दिए हैं। वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी तेज गति से चलने वाली ट्रेनों के लिए यह घटना एक सबक है कि रेलवे को अतिरिक्त सुरक्षा उपाय करने की जरूरत है। इस पूरे मामले की जांच की जा रही है और दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है।
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