राजस्थान उपचुनाव होम वोटिंग: सात सीटों पर 2,338 बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं ने किया मतदान, 9-10 नवंबर को होगा दूसरा चरण।
राजस्थान विधानसभा उपचुनाव में बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए होम वोटिंग सुविधा: मतदान के प्रति बढ़ता रुझान
राजस्थान में चल रहे विधानसभा उपचुनाव में इस बार एक विशेष सुविधा को बढ़ावा दिया जा रहा है। सात विधानसभा सीटों पर बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं के लिए होम वोटिंग का विकल्प उपलब्ध कराया गया है, जिससे वे घर बैठे अपने मताधिकार का उपयोग कर सकें। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने बताया कि यह व्यवस्था बुजुर्गों और दिव्यांग मतदाताओं को सुविधा देने के उद्देश्य से शुरू की गई है, ताकि मतदान के दौरान उन्हें किसी प्रकार की कठिनाई न हो। इस नई व्यवस्था का लाभ प्रदेश के खींवसर, रामगढ़, चौरासी, देवली-उनियारा, और दौसा विधानसभा क्षेत्रों में हो रहा है।
अब तक हो चुकी है 2,338 मतदाताओं की होम वोटिंग
अब तक, कुल 2,338 बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं ने अपने घर से मतदान करके इस सुविधा का लाभ उठाया है। इनमें से सबसे अधिक मतदान देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र में हुआ, जहां कुल 460 मतदाताओं ने घर से ही अपने मताधिकार का प्रयोग किया। यह दर्शाता है कि राज्य में बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाता भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में रुचि ले रहे हैं और होम वोटिंग जैसी सुविधा उनके लिए एक बड़ी राहत साबित हो रही है।
होम वोटिंग का पहला चरण समाप्त, दूसरा चरण जल्द
निर्वाचन विभाग द्वारा शुरू किया गया होम वोटिंग का पहला चरण अब समाप्त हो चुका है। खींवसर, रामगढ़, चौरासी और दौसा जैसे विधानसभा क्षेत्रों में यह प्रक्रिया सफलता पूर्वक सम्पन्न हुई। दौसा क्षेत्र में पहले दिन 206 मतदाताओं ने इस सुविधा का लाभ उठाया, जबकि अंतिम दिन तक यह संख्या बढ़कर कई सौ तक पहुंचने की संभावना है। अब, 9 और 10 नवंबर को होम वोटिंग का दूसरा चरण आयोजित किया जाएगा, जिसमें पहले चरण से छूट गए मतदाता इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे।
होम वोटिंग के लिए निर्वाचन विभाग की विशेष तैयारियाँ
निर्वाचन विभाग ने इस प्रक्रिया को सुचारू और प्रभावी बनाने के लिए 87 मतदान दलों का गठन किया है, जो मतदाताओं के घर जाकर उन्हें मतदान करने में सहायता प्रदान करते हैं। इन मतदान दलों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है, ताकि मतदान प्रक्रिया पूरी तरह से सुरक्षित और पारदर्शी रहे। साथ ही, मतदाता सूची के अनुसार मतदान दल निर्धारित मतदाता के पास ही जाते हैं और सभी आवश्यक सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए मतदान प्रक्रिया को पूरा कराते हैं।
तीनों प्रमुख दलों का जोरदार प्रचार अभियान
चुनाव के नजदीक आते ही सभी राजनीतिक दलों ने अपने प्रचार में तेजी ला दी है। कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी, और अन्य क्षेत्रीय पार्टियों के प्रत्याशी जोर शोर से चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं। प्रत्याशी अपने-अपने क्षेत्रों में रैलियाँ, सभाएँ, और जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं, ताकि मतदाताओं का समर्थन प्राप्त किया जा सके। सोशल मीडिया पर भी जोरदार प्रचार किया जा रहा है, जिससे युवा और शहरी मतदाताओं को आकर्षित किया जा सके।
कोरोना महामारी के बाद बुजुर्ग मतदाताओं में राहत का अहसास
कोविड-19 महामारी के बाद से बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं को मतदान केंद्रों पर जाकर वोट डालना मुश्किल साबित हुआ था। इस बार निर्वाचन विभाग की ओर से होम वोटिंग की सुविधा प्रदान करने से न केवल उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की गई है, बल्कि उन्हें एक नया अनुभव भी प्राप्त हो रहा है। कई बुजुर्ग मतदाताओं का कहना है कि उनके लिए यह प्रक्रिया एक बड़ी सुविधा है और वे इसे बेहद सकारात्मक कदम मानते हैं।
निर्वाचन विभाग का प्रयास: अधिक से अधिक मतदाताओं की भागीदारी
निर्वाचन विभाग का मुख्य उद्देश्य सभी मतदाताओं को मतदान की सुविधा प्रदान करना है। इस बार विशेष रूप से बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए किए गए प्रयास से यह संदेश भी जाता है कि हर एक मतदाता का मत महत्वपूर्ण है। मतदाता जागरूकता अभियान और सुविधाजनक मतदान विकल्पों के जरिए निर्वाचन विभाग राज्य में एक मजबूत लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बढ़ावा दे रहा है।
अंतिम चरण में होम वोटिंग की बढ़ती संभावनाएं
होम वोटिंग का दूसरा और अंतिम चरण 9 और 10 नवंबर को आयोजित किया जाएगा। पहले चरण के दौरान जो मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर सके, उन्हें इस बार होम वोटिंग का अवसर मिलेगा। इसके बाद निर्वाचन विभाग सभी मतों की गिनती सुनिश्चित करेगा और चुनाव परिणाम की घोषणा की जाएगी। इस पूरी प्रक्रिया में यह देखा जा सकता है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में सभी को समान अवसर देने का प्रयास किया जा रहा है।
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