सपा सांसद लालजी वर्मा बोले- "क्या चुनाव प्रचार भी न करें?" जब पुलिस चेकिंग पर भड़के, वीडियो हुआ वायरल




सपा सांसद लालजी वर्मा ने पुलिस चेकिंग पर भड़कते हुए कहा, "क्या अब चुनाव प्रचार भी न करें?" अंबेडकरनगर में वीडियो वायरल, जानें पूरा मामला।

पुलिस चेकिंग पर सपा सांसद लालजी वर्मा का गुस्सा: वीडियो हुआ वायरल

उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर में पुलिस चेकिंग अभियान के दौरान समाजवादी पार्टी के सांसद लालजी वर्मा का एक वीडियो वायरल हो गया है। इस वीडियो में सांसद वर्मा पुलिस पर भड़कते नजर आ रहे हैं। मामला पुलिस द्वारा गाड़ियों की चेकिंग का है, जिसमें पूर्व ब्लॉक प्रमुख लवकुश वर्मा और सांसद की बेटी डॉ. छाया वर्मा की गाड़ियों को रोका गया।

चुनाव प्रचार के बीच बढ़ी गाड़ियों की चेकिंग

उत्तर प्रदेश में इन दिनों उपचुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज़ हैं। पुलिस प्रशासन भी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सघन चेकिंग अभियान चला रहा है। लेकिन अंबेडकरनगर में कटेहरी विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के नेताओं की गाड़ियों की बार-बार चेकिंग ने बवाल खड़ा कर दिया।

लवकुश वर्मा की गाड़ी रोकी, हुआ विवाद

जानकारी के मुताबिक, पूर्व ब्लॉक प्रमुख और सपा नेता लवकुश वर्मा की गाड़ी को पुलिस ने रोका और चेकिंग शुरू कर दी। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने गाड़ी की पूरी तलाशी ली। इस पर लवकुश वर्मा ने सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस ने भाजपा के झंडे लगी गाड़ियों को बिना रोके जाने दिया, लेकिन उनकी गाड़ी की चेकिंग की गई।

सांसद लालजी वर्मा ने पुलिस को लगाई फटकार

इसी दौरान सांसद लालजी वर्मा भी मौके पर पहुंचे और पुलिसकर्मियों को जमकर फटकार लगाई। वीडियो में उन्हें यह कहते हुए सुना गया,
"हम लोग चुनाव प्रचार के लिए एजेंट फॉर्म भी न पहुंचाएं क्या? इसमें हमारी क्या गलती है?"

उन्होंने आगे कहा, "क्या अब हमें प्रचार करने से भी रोका जाएगा?"

यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें सपा सांसद का गुस्सा साफ नजर आ रहा है।

डॉ. छाया वर्मा का भी वीडियो हुआ वायरल

इस घटना से एक दिन पहले, सांसद की बेटी डॉ. छाया वर्मा की गाड़ी को पुलिस ने दो बार रोका और चेकिंग की। छाया वर्मा ने पुलिस पर भेदभाव और परेशान करने का आरोप लगाया। वायरल वीडियो में वह कहती नजर आईं कि उनकी गाड़ी की चेकिंग के दौरान भाजपा नेताओं की गाड़ियां बिना चेकिंग के निकल रही थीं।

कटेहरी सीट पर सपा के लिए अहम चुनाव

यह पूरा मामला इसलिए भी तूल पकड़ रहा है क्योंकि कटेहरी विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है, जहां से सांसद लालजी वर्मा की पत्नी उम्मीदवार हैं। परिवार के हर सदस्य ने चुनाव प्रचार में सक्रिय भूमिका निभाई है।

राजनीति या सुरक्षा का मुद्दा?

इस घटना ने सियासी हलकों में नई बहस छेड़ दी है। समाजवादी पार्टी के नेताओं का कहना है कि पुलिस प्रशासन भाजपा के दबाव में काम कर रहा है और विपक्षी नेताओं को परेशान कर रहा है। वहीं, पुलिस का तर्क है कि चेकिंग अभियान सभी के लिए समान रूप से लागू है।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं

वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोग अलग-अलग राय दे रहे हैं:

समर्थकों का तर्क: पुलिस जानबूझकर विपक्षी नेताओं को परेशान कर रही है।

विरोधियों का तर्क: यह सुरक्षा व्यवस्था का हिस्सा है, इसे राजनीतिक रंग देना गलत है।




क्या कहती है चुनाव आयोग की गाइडलाइन?

चुनाव आयोग की गाइडलाइंस के अनुसार, सुरक्षा व्यवस्था के तहत सभी राजनीतिक दलों की गाड़ियों की चेकिंग होनी चाहिए। हालांकि, भेदभाव के आरोप पर चुनाव आयोग को संज्ञान लेने की जरूरत है।

यह मामला चुनाव प्रचार के दौरान प्रशासनिक कार्यवाही और राजनीतिक हस्तक्षेप के बीच संतुलन की जरूरत को उजागर करता है। पुलिस को चेकिंग के नाम पर भेदभाव से बचना चाहिए, वहीं राजनीतिक दलों को भी अनुशासन बनाए रखना चाहिए।

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