संभल हिंसा: जामा मस्जिद सर्वे पर बवाल, स्वरा भास्कर के बयान से गरमाई सियासत!




संभल में जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हिंसा में 4 की मौत, 30 घायल। स्वरा भास्कर ने सरकार और न्यायपालिका पर उठाए सवाल।

संभल में जामा मस्जिद का सर्वे और भड़की हिंसा

उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर विवाद इतना बढ़ गया कि हिंसा भड़क उठी। रविवार को हुए इस बवाल में अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है और 30 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल है और भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अदालत के आदेश पर मस्जिद का सर्वे किया जा रहा था। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़प ने हालात को और खराब कर दिया। पत्थरबाजी और फायरिंग की घटनाओं में पुलिसकर्मियों समेत दर्जनों लोग घायल हो गए।

स्वरा भास्कर ने क्या कहा?

इस मामले पर बॉलीवुड एक्ट्रेस और सोशल एक्टिविस्ट स्वरा भास्कर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा,
"हम ऐसी स्थिति में हैं जहां नागरिकों की हत्या केवल उनके मुसलमान होने की वजह से की जा रही है। न्यायपालिका इस वक्त भगवान से सलाह ले रही है कि उसे अपना काम कैसे करना है।"

स्वरा का यह बयान वायरल हो गया है, और इसे लेकर सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। कई लोगों ने स्वरा के बयान का समर्थन किया, तो कुछ ने इसे भड़काऊ बताया।

पुलिस की कार्रवाई

संभल पुलिस ने मामले को लेकर अब तक 7 केस दर्ज किए हैं और 27 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि हिंसा में शामिल लोगों की पहचान सीसीटीवी फुटेज के आधार पर की जा रही है। 100 से अधिक लोगों की पहचान हो चुकी है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।

पुलिस का कहना है,
"कोई निर्दोष व्यक्ति जेल नहीं जाएगा, लेकिन जिसने भी पत्थर उठाया है, उसे सजा मिलेगी।"

संभल में सुरक्षा के कड़े इंतजाम

घटना के बाद संभल में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए प्रशासन ने जिले की सीमाएं सील कर दी हैं। बाहरी लोगों की एंट्री पर 30 नवंबर तक रोक लगा दी गई है।

इसके अलावा, इंटरनेट सेवाएं भी अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं। आने-जाने वाले वाहनों की सघन चेकिंग की जा रही है।


क्या है विवाद का कारण?

संभल की जामा मस्जिद पर सर्वे की कार्रवाई एक स्थानीय अदालत के आदेश के बाद शुरू हुई थी। एक याचिका में दावा किया गया कि मस्जिद की जमीन पर पहले हरिहर मंदिर हुआ करता था।

इस दावे के बाद अदालत ने सर्वे का आदेश दिया, लेकिन इससे स्थानीय लोग भड़क गए। रविवार को जब प्रशासनिक टीम दोबारा मस्जिद का सर्वे करने पहुंची, तब प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसा हो गई।

राजनीतिक बयानबाजी तेज

इस घटना के बाद राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। विपक्षी दलों ने सरकार पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आज संभल दौरे की संभावना है, जिससे प्रशासन और सतर्क हो गया है।

वहीं, भाजपा नेताओं ने घटना को साजिश करार दिया है।

स्थिति अब भी तनावपूर्ण

संभल में हालात अब भी सामान्य नहीं हुए हैं। पुलिस और प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। हालांकि, घटना को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा गर्म है और सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाने वाली पोस्ट्स पर प्रशासन की कड़ी नजर है।

संभल हिंसा ने एक बार फिर धार्मिक स्थलों के सर्वे और उससे जुड़े विवादों को उजागर किया है। इस घटना ने न केवल प्रशासन, बल्कि न्यायपालिका और सियासत को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन और न्यायपालिका इस मामले में आगे क्या कदम उठाती है।

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