गाजियाबाद के शिव मंदिर में मौलवी द्वारा निकाह पढ़ने पर हिंदू संगठनों ने किया हंगामा। पुलिस ने ठेकेदार को हिरासत में लेकर जांच शुरू की।
गाजियाबाद के शिव मंदिर में निकाह का मामला: धार्मिक स्थल पर शादी को लेकर मचा बवाल
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक ऐसा मामला सामने आया जिसने स्थानीय हिंदू संगठनों और मंदिर प्रबंधन को कटघरे में ला खड़ा किया। मोदीनगर के गोविंदपुरी इलाके स्थित शिव शक्ति धाम मंदिर परिसर में एक मुस्लिम जोड़े का निकाह कराया जा रहा था। इस घटना के बाद क्षेत्र में तनाव का माहौल बन गया।
मंदिर में मौलवी द्वारा निकाह, क्यों मचा बवाल?
सूत्रों के अनुसार, मंदिर परिसर में बनी धर्मशाला में शादी का आयोजन किया गया। हैरानी की बात यह है कि मंदिर कमेटी ने खुद इस आयोजन के लिए ₹4200 की रसीद काटी। रसीद शबनम नामक महिला के नाम पर थी। जैसे ही हिंदू संगठनों को इसकी भनक लगी, वे मौके पर पहुंचे और जमकर हंगामा किया।
मौके पर मौजूद हिंदू संगठनों ने मंदिर प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि चंद पैसों के लिए धार्मिक स्थलों का उपयोग इस तरह नहीं होना चाहिए। उन्होंने इसे धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ करार दिया।
निकाह के फोटो और वीडियो वायरल
इस घटना के फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गए। तस्वीरों में दिखा कि मंदिर परिसर में मौलवी साहब निकाह पढ़ रहे थे और मुस्लिम समुदाय के लोग वहां मौजूद थे।
मामले की जांच: ठेकेदार हिरासत में
हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता नीरज शर्मा ने मोदीनगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में उन्होंने कहा कि मंदिर ट्रस्ट ने मनोज सक्सेना नामक व्यक्ति को कार्यक्रम आयोजित करने का ठेका दिया था। ठेकेदार ने ही धर्मशाला मुस्लिम जोड़े को उपलब्ध कराई थी।
एसीपी ज्ञान प्रकाश राय के अनुसार, पुलिस ने शिकायत दर्ज कर मनोज सक्सेना को हिरासत में ले लिया है। मामले में अन्य लोगों पर भी वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
मंदिर कमेटी पर सवाल
हिंदू संगठनों का आरोप है कि मंदिर प्रबंधन ने पैसे के लालच में धार्मिक स्थल की पवित्रता का उल्लंघन किया। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी धार्मिक स्थल पर इस प्रकार का आयोजन कभी नहीं हुआ है।
धार्मिक स्थलों पर ऐसे आयोजनों का क्या मतलब?
यह मामला धर्मनिरपेक्षता और धार्मिक स्थलों की पवित्रता को लेकर कई सवाल खड़े करता है। क्या धार्मिक स्थलों का इस प्रकार का उपयोग उचित है? क्या यह धार्मिक भावनाओं को आहत करने जैसा नहीं है?
पुलिस जांच जारी
पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है। आरोप है कि निकाह के दौरान उपस्थित लोग हंगामे के बाद मौके से फरार हो गए। वहीं, मंदिर कमेटी पर भी कड़ी कार्रवाई की मांग उठ रही है।
मामले से क्या सबक?
यह मामला धार्मिक भावनाओं और परंपराओं के प्रति संवेदनशीलता की जरूरत को रेखांकित करता है। धार्मिक स्थलों के प्रबंधन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके परिसर का उपयोग किसी भी विवादास्पद कार्य के लिए न हो।
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