यूपी के गोरखपुर में ओवर ब्रिज निर्माण के दौरान क्रेन चालक की गलती से एसएसबी इंस्पेक्टर की मौत, चार लोगों पर केस दर्ज, सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर सवाल।
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में ओवर ब्रिज निर्माण के दौरान हुई एक दुखद दुर्घटना में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के इंस्पेक्टर विजेंद्र सिंह कोठारी की जान चली गई। यह हादसा चिलुआताल थाना क्षेत्र के नकहा रेलवे क्रॉसिंग के पास हुआ, जहां निर्माणाधीन ब्रिज पर क्रेन चालक की एक गलती ने इंस्पेक्टर विजेंद्र की जिंदगी छीन ली और दूसरे इंस्पेक्टर मलय कुंडू घायल हो गए। घटना के बाद पुलिस ने चार लोगों पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
कैसे हुआ हादसा?
गुरुवार को नकहा रेलवे क्रॉसिंग के पास बन रहे ओवर ब्रिज पर एक बड़ा गॉर्डर ट्रक से उतारा जा रहा था। इसे उठाकर नीचे रखने का काम एक क्रेन से हो रहा था। बताया जा रहा है कि क्रेन चालक पवन को लोड का सही अंदाजा नहीं लगा और उसकी वजह से क्रेन की चेन का हुक टूट गया। इसके चलते गॉर्डर सीधे नीचे गिरा और उसी समय वहां मौजूद एसएसबी इंस्पेक्टर विजेंद्र सिंह उसके नीचे दब गए। इस हादसे में उनकी मौके पर ही मौत हो गई। विजेंद्र उत्तराखंड के देहरादून के रहने वाले थे। बाइक चला रहे उनके साथी इंस्पेक्टर मलय कुंडू घायल हो गए।
चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज
घटना के बाद पुलिस ने निर्माण कार्य करवा रही फर्म अर्जित ट्रेडर्स के मालिक अर्जित अग्रवाल, क्रेन चालक पवन, साइट इंचार्ज सुखपाल सिंह और क्रेन मालिक मनजीत सिंह के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। जांच के लिए साइट इंचार्ज सुखपाल सिंह को पूछताछ के बाद मुचलके पर छोड़ दिया गया, जबकि क्रेन चालक की तलाश जारी है। पुलिस अधीक्षक (एसपी) नार्थ जितेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि मामले में पूरी जांच की जा रही है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।
निर्माण स्थल पर सुरक्षा मानकों की अनदेखी
इस दर्दनाक हादसे के बाद भी ओवर ब्रिज निर्माण स्थल पर सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है। वहां सड़क के दोनों तरफ लोहा और निर्माण सामग्री फैली हुई है। यह सड़क सिंगल लेन है और इस पर हर समय लोगों का आना-जाना लगा रहता है। स्थानीय निवासी और विशेषज्ञ इस बात पर नाराजगी जता रहे हैं कि न तो वहां वैकल्पिक मार्ग बनाया गया है और न ही सुरक्षा के लिए उचित इंतजाम किए गए हैं।
फर्टिलाइजर कॉलोनी के निवासी कान्हा तिवारी ने बताया कि निर्माण कार्य के दौरान इस मार्ग को सख्ती से बंद कर वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था करनी चाहिए थी। बिना सुरक्षा गार्ड के इस प्रकार का कार्य करवाना बड़े हादसे का कारण बन सकता है।
सेतु निगम के विशेषज्ञों की राय
सेतु निगम के रिटायर्ड जीएम दीपक गोयल ने बताया कि निर्माण स्थल पर सुरक्षा पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। कार्य स्थल पर सुरक्षा घेरा बनाना और प्रशिक्षित सुरक्षा गार्ड की तैनाती जरूरी होती है। दीपक गोयल का कहना है कि क्रेन से भारी गॉर्डर उठाते समय उसका परीक्षण होना चाहिए ताकि कोई तकनीकी खराबी ना हो। गॉर्डर के लिए 25 टन से कम क्षमता की क्रेन का उपयोग भी नहीं होना चाहिए। क्रेन के हुक का टूटना गंभीर लापरवाही का संकेत है, जो खराब मेंटेनेंस की ओर इशारा करता है।
सेतु निगम के जीएम मिथिलेश कुमार का बयान
सेतु निगम के जीएम मिथिलेश कुमार ने कहा कि निर्माण कार्य शुरू होने से पहले ही सुरक्षा मानकों का पालन करने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन नकहा ओवर ब्रिज पर इस घटना में इन निर्देशों का पालन हुआ या नहीं, इसकी जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि सड़क पर जो निर्माण सामग्री फैली हुई है, उसे जल्द से जल्द हटवाया जाएगा ताकि आवागमन सुचारू हो सके।
स्थानीय निवासियों में गुस्सा और चिंता
घटना के बाद से स्थानीय लोगों में गुस्सा और चिंता का माहौल है। लोगों का कहना है कि सुरक्षा के अभाव में यह हादसा हुआ और यह चिंता का विषय है कि इतनी बड़ी लापरवाही के बावजूद निर्माण स्थल पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई है। लोगों ने मांग की है कि वैकल्पिक रास्ते की व्यवस्था हो और निर्माण स्थल पर प्रशिक्षित सुरक्षा गार्ड लगाए जाएं।
यह हादसा सरकार और संबंधित विभागों के लिए भी एक चेतावनी है कि निर्माण कार्यों में सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
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