UPPSC के खिलाफ प्रयागराज में छात्रों का प्रदर्शन जारी, "वन शिफ्ट-वन एग्जाम" की मांग पर अड़े, पुलिस-प्रदर्शनकारियों में तनाव बढ़ा।
UPPSC Protest 2024: प्रयागराज में UPPSC आयोग के खिलाफ छात्रों का आंदोलन जारी, "वन शिफ्ट-वन एग्जाम" की मांग पर अड़े छात्र
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में UPPSC (उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग) के खिलाफ प्रतियोगी छात्रों का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है। "वन शिफ्ट, वन एग्जाम" और "नो नॉर्मलाइजेशन" की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्र अपने हक की लड़ाई लड़ने में जुटे हैं। इस बीच, प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस भी सक्रिय हो चुकी है, और आयोग परिसर के बाहर तनाव का माहौल बन गया है। पुलिस और छात्रों के बीच हुई टकराव की स्थिति को देखते हुए धरना स्थल को तीनों तरफ से सील कर दिया गया है।
पुलिस और प्रशासन की कड़ी निगरानी
पिछले चार दिनों से प्रदर्शनकारी प्रयागराज में आयोग के बाहर डटे हुए हैं। बुधवार को छात्रों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया। इस दौरान छात्र नेता आशुतोष पांडे सहित कई छात्रों को पुलिस स्टेशन ले जाया गया। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि मौके पर प्रयागराज के जिलाधिकारी रविंद्र कुमार, पुलिस कमिश्नर तरुण गाबा और आयोग के सचिव अशोक कुमार भी छात्रों से बातचीत के लिए पहुंचे। हालांकि, आधे घंटे तक बातचीत के बावजूद किसी भी समाधान तक नहीं पहुंचा जा सका।
"लूट सेवा आयोग" का नारा और नारेबाजी
मंगलवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने बर्तनों से थाली बजाकर आयोग के फैसले का विरोध जताया। कुछ छात्रों ने आयोग के मुख्य द्वार पर "लूट सेवा आयोग" लिखकर अपना आक्रोश जाहिर किया। मंगलवार रात, छात्रों ने कैंडल और मोबाइल टॉर्च जलाकर आयोग और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कुछ छात्रों ने आयोग अध्यक्ष के पोस्टर हाथों में लेकर उन्हें "गुमशुदा" बताने वाला पोस्टर भी दिखाया और घोषणा की कि उन्हें ढूंढने वाले को एक रुपया इनाम मिलेगा।
छात्रों की मुख्य मांग: वन शिफ्ट, वन एग्जाम
छात्रों का कहना है कि UPPSC द्वारा पीसीएस प्रीलिम्स 2024 और आरओ/एआरओ प्रीलिम्स 2023 परीक्षाएं "एक दिन, एक शिफ्ट" में होनी चाहिए। हालांकि, आयोग ने इन परीक्षाओं को दो दिनों में दो शिफ्ट में आयोजित करने का निर्णय लिया है। छात्रों का मानना है कि इससे उनके परिणामों में असमानता हो सकती है और उन्होंने मांग की है कि परीक्षाएं एक शिफ्ट में ही ली जाएं, जिससे सभी उम्मीदवारों के लिए एक समान अवसर हो।
UPPSC के फैसले पर छात्र अड़े हुए हैं और उन्होंने साफ किया है कि वे अपनी मांगें पूरी होने तक पीछे नहीं हटेंगे। आयोग के इस निर्णय से असंतोष और नाराजगी इतनी बढ़ गई है कि अब करीब 20,000 से ज्यादा प्रतियोगी छात्र लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्रों का कहना है कि आयोग का यह कदम उनके हक और मेहनत के साथ खिलवाड़ है और वे किसी भी कीमत पर इसे स्वीकार नहीं करेंगे।
आयोग और छात्रों के बीच समाधान की संभावनाएं खत्म?
UPPSC के अधिकारियों का कहना है कि परीक्षा प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं होगा, जबकि प्रदर्शनकारी छात्र आयोग के इस निर्णय को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। दोनों पक्षों के बीच तनातनी को देखते हुए मामला और गंभीर होता जा रहा है। कई विश्लेषकों का मानना है कि अगर जल्द ही समाधान नहीं निकला तो ये प्रदर्शन और अधिक विकराल रूप ले सकता है।
प्रयागराज में तनाव का माहौल
अभी भी प्रयागराज में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है और धरना स्थल पर बैरिकेडिंग और सख्त कर दी गई है। पुलिस ने आयोग परिसर को चारों तरफ से घेर लिया है ताकि कोई भी व्यक्ति अंदर न जा सके। छात्रों का कहना है कि यह उनके अधिकारों का दमन है और वे इस अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करते रहेंगे।
UPPSC का यह प्रदर्शन वर्तमान में उत्तर प्रदेश का सबसे चर्चित मुद्दा बना हुआ है, जहां प्रतियोगी छात्र अपनी भविष्य की परीक्षाओं को लेकर गहरी चिंता और असंतोष में हैं।
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