वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन: पार्किंग में लगी भीषण आग, 300 से ज्यादा बाइकें जलकर खाक, तेल चोरी के शक में मचा हड़कंप




वाराणसी कैंट स्टेशन पार्किंग में लगी आग से 300 से ज्यादा बाइकें जलकर खाक। तेल चोरी के शक ने हादसे को बढ़ाया। जांच जारी।

वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन की पार्किंग में आग, 300 बाइकें जलकर खाक

वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन की पार्किंग में शुक्रवार-शनिवार रात हुए भयानक अग्निकांड ने सबको चौंका दिया। पार्किंग में खड़ी करीब 300 बाइकें जलकर राख हो गईं। आग इतनी विकराल थी कि मौके पर मौजूद लोग कुछ समझ पाते, उससे पहले ही हादसा बड़ा रूप ले चुका था। जीआरपी और आरपीएफ की टीम ने जान पर खेलकर 30 से अधिक वाहनों को बचा लिया, लेकिन बाकी बाइकें आग की भेंट चढ़ गईं।


स्थानीय लोगों का मानना है कि पार्किंग में तेल चोरी की घटनाएं पहले से ही आम थीं। माना जा रहा है कि किसी बाइक से तेल निकालने के दौरान ही यह आग लगी। इससे पहले भी छह दिन पहले एक बाइक में आग लगी थी, लेकिन रेल प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। इस लापरवाही का नतीजा शुक्रवार रात की घटना के रूप में सामने आया।


पार्किंग क्षेत्र में आग बुझाने के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं थे। आग बुझाने के लिए पानी की बाल्टियां इस्तेमाल की गईं, लेकिन वो नाकाफी साबित हुईं। फायर फाइटिंग सिस्टम भी समय पर उपलब्ध नहीं था, जिससे आग ने विकराल रूप ले लिया।


इस हादसे में सबसे ज्यादा नुकसान रेलवे कर्मचारियों को हुआ। पार्किंग में खड़ी ज्यादातर दोपहिया वाहन रेलवे स्टाफ के थे। उनकी मेहनत की कमाई पर पानी फिर गया। रेल प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं।


रेलवे प्रशासन ने घटना की जांच के लिए एक टीम गठित कर दी है। प्राथमिक जांच में यह बात सामने आ रही है कि तेल चोरी के दौरान ही आग लगी। हालांकि, अभी इस पर अंतिम रिपोर्ट का इंतजार है।


कुल नुकसान: 300 से अधिक बाइकें जलकर राख।

बचाए गए वाहन: जीआरपी-आरपीएफ ने 30 से अधिक बाइकें बचाईं।

आग का कारण: प्राथमिक जांच में तेल चोरी की बात।

प्रभावित: सबसे ज्यादा नुकसान रेलवे कर्मचारियों का।

सुरक्षा इंतजाम: फायर फाइटिंग सिस्टम पूरी तरह फेल।


स्थानीय लोगों और कर्मचारियों का कहना है कि पार्किंग में तेल चोरी की घटनाओं को लेकर कई बार शिकायत की गई थी, लेकिन रेल प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया। लोगों का गुस्सा इस बात पर भी है कि पार्किंग जैसे संवेदनशील क्षेत्र में आग से बचाव के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे।


यह घटना रेल प्रशासन की लापरवाही और सुरक्षा उपायों की कमी को उजागर करती है। अगर समय रहते पार्किंग में तेल चोरी जैसी घटनाओं पर लगाम लगाई गई होती और आग से बचाव के लिए बेहतर इंतजाम होते, तो यह हादसा टाला जा सकता था।


1. पार्किंग क्षेत्र में फायर फाइटिंग सिस्टम अनिवार्य।


2. पेट्रोल-डीजल चोरी की घटनाओं पर सख्ती।


3. सुरक्षा कर्मियों की नियमित तैनाती।


4. सीसीटीवी कैमरों की निगरानी।




यह हादसा उन तमाम लोगों के लिए सबक है जो सुरक्षा उपायों को हल्के में लेते हैं। तेल चोरी जैसी छोटी घटनाओं को नजरअंदाज करना कितना महंगा पड़ सकता है, यह वाराणसी कैंट स्टेशन का यह हादसा बताता है। रेल प्रशासन को अब तेजी से कदम उठाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

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