वाराणसी के काल भैरव मंदिर में महिला इनफ्लुएंसर का केक काटने का वीडियो वायरल, संतों और श्रद्धालुओं में नाराजगी, विद्वत परिषद ने जताई आपत्ति।
वाराणसी: काल भैरव मंदिर में बर्थडे सेलिब्रेशन का वीडियो हुआ वायरल, श्रद्धालुओं में गुस्सा
वाराणसी, जिसे काशी और धर्म की नगरी कहा जाता है, एक बार फिर विवाद के केंद्र में है। इस बार विवाद का कारण है काल भैरव मंदिर में महिला सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर का बर्थडे सेलिब्रेशन। महिला ने मंदिर के गर्भगृह में पूजा-अर्चना के बाद केक काटा और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। वीडियो वायरल होने के बाद श्रद्धालु और संत समाज बेहद आक्रोशित हैं।
क्या है पूरा मामला?
घटना बीते शुक्रवार की है, जब एक महिला इनफ्लुएंसर काल भैरव मंदिर में अपने जन्मदिन का जश्न मनाने पहुंची। मंदिर के गर्भगृह में महिला ने पहले पूजा की और फिर केक काटा। इस दौरान महिला ने पूरी घटना का वीडियो शूट कराया। यह 39 सेकंड का वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, काशी के संत और श्रद्धालु भड़क उठे।
महंत और प्रशासन पर उठे सवाल
इस घटना ने मंदिर प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। वीडियो में यह साफ नजर आ रहा है कि मंदिर के पुजारी और महंत वहां मौजूद थे, लेकिन उन्होंने महिला को केक काटने से नहीं रोका। विद्वत परिषद के महामंत्री राम नारायण द्विवेदी ने इस घटना पर सख्त आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि यह शास्त्रीय विधान और धार्मिक मान्यताओं के खिलाफ है।
श्रद्धालुओं और संतों में आक्रोश
श्रद्धालुओं का कहना है कि काल भैरव को काशी का कोतवाल कहा जाता है। ऐसे में उनके गर्भगृह में इस तरह की हरकत बेहद आपत्तिजनक है। लोगों ने सोशल मीडिया पर वीडियो देखकर अपना गुस्सा जाहिर किया और इसे धार्मिक आस्थाओं का अपमान बताया।
विद्वत परिषद ने उठाए कदम
काशी विद्वत परिषद ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मंदिर प्रशासन को नोटिस भेजने की तैयारी कर ली है। परिषद के महामंत्री का कहना है कि इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी सुझाव दिया है कि मंदिर परिसर में वीडियो शूटिंग और फोटो खींचने पर सख्त पाबंदी लगाई जाए।
सोशल मीडिया और ट्रोलिंग
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होते ही महिला इनफ्लुएंसर को जमकर ट्रोल किया जा रहा है। कई लोग इसे सस्ती लोकप्रियता पाने का तरीका बता रहे हैं। वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि धार्मिक स्थलों का इस तरह का उपयोग सोशल मीडिया के लिए करना शर्मनाक है।
मंदिर प्रशासन का रुख
मंदिर प्रशासन ने बयान जारी कर कहा है कि उन्होंने महिला को ऐसा करने से रोका था, लेकिन वह नहीं मानी। प्रशासन का कहना है कि वे इस मामले में उचित कदम उठाएंगे और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त नियम लागू करेंगे।
धार्मिक स्थलों पर बढ़ रही सोशल मीडिया एक्टिविटी
हाल के वर्षों में यह देखा गया है कि लोग सोशल मीडिया पर लोकप्रियता पाने के लिए धार्मिक स्थलों का उपयोग करने लगे हैं। यह पहली बार नहीं है जब किसी मंदिर या धार्मिक स्थल पर ऐसा विवाद हुआ हो। विशेषज्ञों का कहना है कि धार्मिक स्थलों पर इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन को कड़े कदम उठाने होंगे।
कैसे रोकी जा सकती हैं ऐसी घटनाएं?
1. वीडियो शूटिंग पर पाबंदी: मंदिर प्रशासन को गर्भगृह और अन्य पवित्र स्थलों पर वीडियो शूटिंग और फोटोग्राफी पर सख्त पाबंदी लगानी चाहिए।
2. सीसीटीवी निगरानी: ऐसी घटनाओं पर नजर रखने के लिए मंदिर परिसर में सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए।
3. जुर्माने का प्रावधान: नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माने का प्रावधान होना चाहिए।
4. श्रद्धालुओं की जागरूकता: लोगों को धार्मिक स्थलों की पवित्रता और मर्यादा के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।
वाराणसी का काल भैरव मंदिर धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व रखता है। ऐसे में इस तरह की घटनाएं धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाती हैं। यह घटना केवल काशी या काल भैरव मंदिर तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे देश में धार्मिक स्थलों की गरिमा बनाए रखने की आवश्यकता पर सवाल उठाती है।
0 टिप्पणियाँ