बागपत: प्राइवेट स्कूल में 7 साल की बच्ची की मौत, क्या खेलते-खेलते आया हार्ट अटैक?




बागपत के प्राइवेट स्कूल में 7 साल की बच्ची की मौत। पुलिस शुरुआती जांच में इसे हार्ट अटैक बता रही है। जानें पूरा मामला।

खेलते-खेलते अचानक गिर गई बच्ची, अस्पताल पहुंचने तक हो गई मौत

उत्तर प्रदेश के बागपत जिले से एक बेहद दुखद और चौंकाने वाली खबर सामने आई है। यहां एक प्राइवेट स्कूल में खेलते-खेलते 7 साल की छात्रा की अचानक मौत हो गई। योगीनाथ विद्यापीठ पब्लिक स्कूल सरूरपुर में पढ़ने वाली पहली कक्षा की छात्रा अपेक्शा रोज की तरह गुरुवार सुबह स्कूल पहुंची थी। लेकिन, 11:30 बजे खेल के दौरान अचानक वह बेहोश होकर गिर पड़ी। आनन-फानन में स्कूल प्रशासन और परिजन उसे तीन अलग-अलग अस्पताल ले गए, लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।

हार्ट अटैक का शक, पुलिस जांच में जुटी

पुलिस ने बच्ची के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। अधिकारियों के मुताबिक, प्रारंभिक जांच में बच्ची की मौत हार्ट अटैक से होने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि, इस बात की पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही हो सकेगी।

सीसीटीवी में कैद हुई घटना

स्कूल परिसर में घटी इस घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। फुटेज में बच्ची को खेलते-खेलते अचानक गिरते हुए देखा जा सकता है। पुलिस इस वीडियो की जांच कर रही है ताकि मौत के सही कारणों का पता लगाया जा सके।

परिवार और स्कूल प्रशासन सदमे में

अपेक्शा के पिता संदीप कुमार बिजनौर में पुलिस कांस्टेबल के पद पर तैनात हैं। बच्ची की इस तरह अचानक मौत से पूरा परिवार गहरे सदमे में है। स्कूल प्रशासन भी इस घटना से हैरान है। एक टीचर ने बताया कि अपेक्शा बहुत ही एक्टिव और हेल्दी बच्ची थी।

बच्चों में बढ़ रही हार्ट से जुड़ी बीमारियां?

इस घटना ने बच्चों में बढ़ती हार्ट से जुड़ी समस्याओं को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। आमतौर पर हार्ट अटैक को वयस्कों से जोड़कर देखा जाता है, लेकिन बच्चों में इस तरह की घटनाएं दुर्लभ हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ता तनाव, अस्वस्थ जीवनशैली और पर्यावरणीय कारक बच्चों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं।

क्या हो सकती हैं मौत की अन्य वजहें?

विशेषज्ञों का कहना है कि मौत का कारण केवल हार्ट अटैक ही नहीं हो सकता। हीट स्ट्रोक, अचानक कार्डियक अरेस्ट, या किसी छिपी हुई मेडिकल स्थिति के कारण भी ऐसा हो सकता है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

डॉ. अनुराग वर्मा, जो एक बाल रोग विशेषज्ञ हैं, का कहना है कि बच्चों में अचानक मौत के मामलों में हार्ट अटैक के अलावा अन्य कारणों को भी ध्यान में रखना चाहिए। उन्होंने बताया कि समय रहते सही जांच और नियमित स्वास्थ्य परीक्षण से इस तरह की घटनाओं को टाला जा सकता है।

परिवार को सांत्वना और न्याय की मांग

अपेक्शा के माता-पिता और रिश्तेदारों ने इस घटना पर गहरा दुख जताया है। उनका कहना है कि उन्हें अपनी बेटी की इस तरह मौत का कोई अंदाजा नहीं था। परिवार ने पुलिस से निष्पक्ष जांच और सच्चाई सामने लाने की मांग की है।

बच्चों के स्वास्थ्य पर रखें ध्यान

इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहना जरूरी है। माता-पिता और स्कूल प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बच्चों को नियमित स्वास्थ्य जांच के लिए ले जाया जाए और किसी भी असामान्य लक्षण को नजरअंदाज न किया जाए।

यह खबर उन सभी माता-पिता और स्कूल प्रबंधन के लिए एक चेतावनी है जो बच्चों की दैनिक गतिविधियों और स्वास्थ्य पर नजर नहीं रखते। अपेक्शा की इस दुखद मौत ने न केवल उसके परिवार, बल्कि पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है।

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