सपा विधायक सुरेश यादव का विवादित बयान: 'बीजेपी हिंदू आतंकवादी संगठन', सफाई में कहा- बयान गलत तरीके से पेश किया गया




सपा विधायक सुरेश यादव ने बीजेपी को 'हिंदू आतंकवादी संगठन' बताया, अब कहा- राजनीतिक विरोधियों ने वीडियो एडिट कर साजिश रची।

बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के सदर विधायक और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता सुरेश यादव इन दिनों एक विवादित बयान को लेकर चर्चा में हैं। हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें उन्होंने बीजेपी को 'हिंदू आतंकवादी संगठन' बताया था। इस बयान के बाद सियासी माहौल गरमा गया, लेकिन अब विधायक ने इस बयान से पल्ला झाड़ते हुए सफाई दी है।

क्या था मामला?

बाराबंकी के गन्ना दफ्तर में आयोजित एक विरोध प्रदर्शन में सपा विधायक सुरेश यादव ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कथित तौर पर यह बयान दिया। वीडियो में सुरेश यादव को यह कहते हुए सुना गया कि "बीजेपी एक हिंदू आतंकवादी संगठन है।" यह बयान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा बाबा साहब भीमराव अंबेडकर पर दिए गए बयान के विरोध में दिया गया था।

सियासी हंगामा

विधायक के इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी। बीजेपी ने इसे सपा की हताशा और गैर-जिम्मेदाराना रवैया करार दिया। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, "यह बयान हिंदू विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। सपा नेता मुस्लिम आतंकियों का बचाव करते हैं और हिंदुओं को आतंकवादी बताते हैं। यह बयान उनकी मानसिकता और हताशा को उजागर करता है।"

विधायक की सफाई

विवाद बढ़ने के बाद सुरेश यादव ने एक वीडियो जारी कर सफाई दी। उन्होंने कहा, "मैंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। यह वीडियो मेरे राजनीतिक विरोधियों ने एडिट कर वायरल किया है। मैं जानता हूं कि क्या बोलना चाहिए और क्या नहीं। यह एक साजिश है ताकि मेरी छवि खराब की जा सके।"

बीजेपी का हमला

बीजेपी नेताओं ने सपा विधायक के बयान को गैर-जिम्मेदाराना बताते हुए सपा पर तीखा हमला बोला। बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, "सपा को इस बयान के लिए सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए। यह बयान न केवल समाज को बांटने वाला है, बल्कि यह उनकी राजनीतिक हताशा का भी सबूत है।"

कौन हैं सुरेश यादव?

सुरेश यादव बाराबंकी जिले के सदर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। उन्हें सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का करीबी माना जाता है। सुरेश यादव अपने बेबाक बयानों और विवादों के लिए अक्सर सुर्खियों में रहते हैं।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

सपा विधायक के बयान पर विपक्षी दलों ने भी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस ने इसे सपा और बीजेपी के बीच की राजनीति करार दिया, जबकि बसपा ने बयान को सपा की गिरती साख का प्रतीक बताया।

सियासत के मायने

यह विवाद आगामी चुनावों से पहले उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नया मुद्दा बन गया है। सपा जहां बीजेपी पर लगातार हमलावर है, वहीं बीजेपी इसे हिंदू वोट बैंक को मजबूत करने के अवसर के रूप में देख रही है।



सपा विधायक सुरेश यादव का यह बयान और उस पर सफाई उत्तर प्रदेश की राजनीति को और गर्मा सकता है। हालांकि, बयान की सत्यता और वीडियो की जांच अभी बाकी है, लेकिन इस विवाद ने राजनीतिक माहौल को नई दिशा जरूर दे दी है।

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