भाजपा मंडल अध्यक्ष चयन विवाद: मानकों की अनदेखी पर कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन, सामूहिक इस्तीफे की धमकी




भाजपा मंडल अध्यक्ष चयन पर विवाद, मानकों की अनदेखी का आरोप, कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन और सामूहिक इस्तीफे की धमकी।

इन्द्रेश तिवारी की रिपोर्ट

मछलीशहर, जौनपुर। भाजपा मंडल अध्यक्ष के नाम की घोषणा के बाद पार्टी के अंदर असंतोष की लहर दौड़ पड़ी है। सोमवार को हरिओम गुप्ता के नाम पर मुहर लगने के साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं में असंतोष का माहौल बन गया। मंगलवार को नाराज कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष को सामूहिक इस्तीफे की चेतावनी दी।

कार्यकर्ताओं का आरोप:
प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा मंडल अध्यक्ष के चयन में निर्धारित मानकों की अनदेखी की गई है। उनका कहना है कि वरिष्ठता और योग्यता को दरकिनार करते हुए पक्षपातपूर्ण तरीके से नामों का चयन किया गया है। इस चयन प्रक्रिया ने पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं में गहरा असंतोष पैदा किया है।

प्रदर्शन का आयोजन:
सोमवार देर शाम मछलीशहर के कायस्थाना मोहल्ले में दर्जनों भाजपा कार्यकर्ता एकत्र हुए और जोरदार नारेबाजी की। प्रदर्शन में रामचंद्र बिंद, सतीश पांडेय, सुनील चौहान, हैप्पी सिंह और अन्य वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।

फैक्स द्वारा इस्तीफा भेजने की घोषणा:
नाराज कार्यकर्ताओं ने घोषणा की कि वे मंगलवार को सामूहिक रूप से प्रदेश अध्यक्ष को अपना इस्तीफा फैक्स करेंगे। उनका कहना है कि पार्टी नेतृत्व को जमीनी कार्यकर्ताओं की आवाज सुननी चाहिए और सही फैसले लेने चाहिए।

पार्टी की प्रतिक्रिया:
इस मामले में पार्टी के चुनाव अधिकारी ब्रह्मदेव तिवारी ने कहा कि मंडल अध्यक्ष का चयन पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा गहन विचार-विमर्श के बाद किया गया है। उन्होंने कार्यकर्ताओं को शीर्ष नेतृत्व के फैसलों का सम्मान करने की अपील की। जिला चुनाव अधिकारी रघुनंदन चौरसिया ने भी इस चयन प्रक्रिया को सही ठहराया।

पार्टी के भीतर बढ़ता असंतोष:
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि यह असंतोष सिर्फ मछलीशहर तक सीमित नहीं है। अन्य जिलों में भी इसी प्रकार के विरोध के सुर उठ रहे हैं। यह विवाद भाजपा के संगठनात्मक ढांचे को प्रभावित कर सकता है।

प्रदर्शन में शामिल प्रमुख कार्यकर्ता:
इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने वाले कार्यकर्ताओं में प्रीति प्रजापति, लाल साहब सिंह, अभयराज यादव, संतोष शर्मा, महेंद्र पटेल, और रमाशंकर पटेल का नाम प्रमुख रूप से सामने आया है।

भाजपा मंडल अध्यक्ष के चयन को लेकर शुरू हुआ यह विवाद पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है। हालांकि, पार्टी नेतृत्व ने कार्यकर्ताओं को शांत करने और स्थिति को नियंत्रण में लाने के प्रयास तेज कर दिए हैं।

यह खबर पार्टी के अंदरूनी असंतोष की ओर इशारा करती है और बताती है कि जमीनी कार्यकर्ताओं की अनदेखी पार्टी के लिए महंगी साबित हो सकती है।

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