चौधरी चरण सिंह जयंती पर किसानों ने उठाई संसद में प्रदर्शन की मांग, कहा- ‘गांव और किसान बनें केंद्र बिंदु’



चौधरी चरण सिंह जयंती पर भाकियू संयुक्त मोर्चा ने संसद में किसानों के प्रदर्शन की मांग की। कहा, किसानों के मुद्दे हो प्राथमिकता।

नरेश सागर वरिष्ठ पत्रकार एवं जिला संवाददाता अमरोहा

गजरौला (अमरोहा), 23 दिसंबर। पूर्व प्रधानमंत्री और किसान नेता चौधरी चरण सिंह की जयंती के अवसर पर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) संयुक्त मोर्चा ने इंदिरा चौक, गजरौला में हवन-यज्ञ और सभा आयोजित की। इस दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश चौधरी ने केंद्र और राज्य सरकारों की नीतियों पर सवाल उठाते हुए किसानों को संसद परिसर में प्रदर्शन की अनुमति देने की मांग की।

उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह, जिन्हें ‘धरती पुत्र’ कहा जाता है, ने सादा जीवन और उच्च विचार के सिद्धांत को अपनाते हुए गांव और किसानों की समस्याओं को हमेशा प्राथमिकता दी। लेकिन, आज के समय में राजनीतिक दल ग्रामीण भारत के मुद्दों पर गंभीर नहीं हैं। संसद के शीतकालीन सत्र में किसानों की समस्याएं गौण रहीं, और राजनीतिक दल केवल शोरगुल और प्रदर्शन में व्यस्त रहे।

किसानों की प्रमुख मांगें

चौधरी ने कहा कि किसानों को उनके अधिकारों और समस्याओं को उजागर करने के लिए संसद परिसर में धरना-प्रदर्शन का अधिकार मिलना चाहिए। उन्होंने चौधरी चरण सिंह की नीतियों का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी तरह आज के सांसदों और विधायकों को भी किसानों के हित में ठोस कदम उठाने चाहिए।

भाकियू प्रमुख ने कहा, "चौधरी चरण सिंह ने 1979 में ‘असली भारत’ नामक साप्ताहिक अखबार शुरू किया, जिससे किसानों की आवाज को बल मिला। आज के नेताओं को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।"

सरकार की विफलताएं और किसानों की समस्याएं

भाकियू प्रमुख ने मौजूदा सरकार पर हमला करते हुए कहा कि पेट्रोल, डीजल, खाद, और बिजली के बढ़ते दामों ने किसानों की कमर तोड़ दी है। उन्होंने कहा कि देश के लघु और सीमांत किसान ऋण के बोझ तले दबे हुए हैं। फसल की उचित कीमत नहीं मिलने और सिंचाई के लिए खाद की अनुपलब्धता के कारण किसान आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, "डीएपी और यूरिया जैसे उर्वरकों की किल्लत किसानों को काले बाजार में खरीदने पर मजबूर कर रही है। दूसरी ओर, गन्ने की पेराई सत्र में सरकार ने अब तक गन्ने का मूल्य घोषित नहीं किया है। यह किसानों के साथ धोखा है।"

विकास योजनाओं पर जोर

भाकियू प्रमुख ने कहा कि इंडोनेशिया और मलेशिया जैसे छोटे देशों से खाद्य तेलों का आयात करने के बजाय सरकार को बुंदेलखंड और ब्रज क्षेत्र में किसानों के लिए योजनाएं लागू करनी चाहिए। इससे न केवल प्रदेश का किसान समृद्ध होगा, बल्कि देश खाद्य तेलों में आत्मनिर्भर बनेगा।

टोल टैक्स और सार्वजनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर पर निशाना

नरेश चौधरी ने दिल्ली-नोएडा डायरैक्ट (डीएनडी) मार्ग पर वसूले जा रहे टोल टैक्स को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत बनाए गए सार्वजनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर पर आम जनता को भारी बोझ उठाना पड़ रहा है।

किसान जागरूकता का संकल्प

कार्यक्रम में उपस्थित किसानों ने संकल्प लिया कि वे अपनी धरोहर, संस्कृति, और सामुदायिक संपदा की रक्षा करेंगे। इस मौके पर भाकियू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विजय वीरसिंह, राष्ट्रीय सचिव चंद्रपाल सिंह, और अन्य प्रमुख नेता मौजूद थे।

चौधरी चरण सिंह की जयंती पर किसानों ने उनके विचारों को आत्मसात करते हुए सरकार से किसानों के अधिकारों और समस्याओं को प्राथमिकता देने की मांग की। यह कार्यक्रम किसानों के एकजुटता और जागरूकता का प्रतीक बना।

"किसानों की समस्याओं को अनदेखा करना देश के विकास में बाधा है। अब समय आ गया है कि किसानों की आवाज संसद तक पहुंचे।" - नरेश चौधरी



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