फरजाना से बनी यामिनी: इश्क के लिए छोड़ा घर-धर्म, हिंदू प्रेमी संग मंदिर में रचाई शादी, मांगी पुलिस सुरक्षा



प्यार के लिए फरजाना बनी यामिनी, छोड़ा घर-धर्म, हिंदू प्रेमी संग मंदिर में शादी, परिवार से जान का खतरा बताकर मांगी पुलिस सुरक्षा।

संवाददाता मुदित प्रताप सिंह की रिपोर्ट

बरेली में प्यार के लिए धर्म परिवर्तन का मामला:

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने समाज में चर्चा का विषय बना दिया है। देवरनियां थाना क्षेत्र की 23 वर्षीय फरजाना ने अपने प्रेमी करन के लिए घर और धर्म दोनों छोड़ दिए। शनिवार को उन्होंने बहेड़ी के सेमीखेड़ा मंदिर में हिंदू रीति-रिवाज से शादी कर ली। इस दौरान फरजाना ने अपना नाम बदलकर यामिनी रख लिया और पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई है।

प्यार की शुरुआत:

फरजाना, जो जरी का काम करती थी, की मुलाकात रुद्रपुर में फैक्ट्री मजदूरी करने वाले करन से हुई। दोनों की दोस्ती जल्द ही प्यार में बदल गई। फरजाना का कहना है कि वह लंबे समय से करन के साथ शादी करना चाहती थी, लेकिन उसके घरवाले इसके खिलाफ थे।

घर छोड़ने का फैसला:

परिवार द्वारा जबरन दूसरी जगह शादी कराने के प्रयास से तंग आकर फरजाना ने शुक्रवार रात अपना घर छोड़ दिया। वह करन के घर पहुंच गई, जहां करन के परिवार वालों ने उसे सहर्ष स्वीकार किया।

धर्म परिवर्तन और शादी:

शनिवार को फरजाना ने हिंदू धर्म अपनाने के बाद सेमीखेड़ा मंदिर में करन संग सात फेरे लिए। शादी में करन का परिवार मौजूद था। फरजाना ने शादी के बाद अपना नाम यामिनी रख लिया। उसने कहा कि वह बचपन से हिंदू धर्म और पूजा-पाठ में विश्वास रखती थी, लेकिन उसका परिवार उसे हमेशा रोकता था।

पुलिस से सुरक्षा की अपील:

यामिनी ने शादी के बाद स्थानीय पुलिस से सुरक्षा मांगी है। उसने कहा कि उसके परिवार वाले उसकी हत्या कर सकते हैं, क्योंकि वे उसे जबरन किसी और से शादी कराना चाहते थे। वहीं करन ने भी पुलिस से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।

समाज में बहस:

यह मामला सामाजिक और धार्मिक बहस का मुद्दा बन गया है। कुछ लोग इसे प्यार की जीत मानते हैं, तो कुछ इसे समाज और धर्म के खिलाफ कदम।

यामिनी का बयान:

यामिनी ने कहा, "मुझे हिंदू धर्म में विश्वास है और मैं अपने फैसले से खुश हूं। मैं अपने प्रेमी करन के साथ एक नई जिंदगी शुरू करना चाहती हूं।"

यह मामला एक बार फिर से इस बात को दर्शाता है कि प्यार में धर्म और जाति जैसी सीमाएं मायने नहीं रखतीं। फरजाना उर्फ यामिनी का यह कदम एक ओर प्यार की ताकत को दर्शाता है, तो दूसरी ओर समाज और परिवार की अपेक्षाओं के खिलाफ खड़े होने की हिम्मत को भी। अब देखना यह है कि प्रशासन इस जोड़े को किस तरह की सुरक्षा और समर्थन प्रदान करता है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ