गूगल मैप पर भरोसा पड़ा भारी: हाथरस में गलत रास्ता दिखाने से कार दुर्घटनाग्रस्त, एयरबैग ने बचाई जान!



गूगल मैप के गलत रास्ते ने हाथरस में कार को दुर्घटनाग्रस्त किया। एयरबैग ने बड़ा हादसा टाल दिया। गूगल मैप में सुधार की मांग।

हाथरस: गूगल मैप की तकनीकी खामियों ने एक बार फिर से लोगों की जान जोखिम में डाल दी। शुक्रवार को हाथरस जिले के मथुरा-बरेली हाईवे पर गूगल मैप द्वारा दिखाए गए गलत रास्ते के कारण दो कारें दुर्घटनाग्रस्त हो गईं। इस हादसे में गाड़ी के सेफ्टी एयरबैग खुलने से यात्रियों की जान बच गई, लेकिन घटना ने गूगल मैप के इस्तेमाल पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।


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गूगल मैप ने दिखाया अधूरा रास्ता

दुर्घटना तब हुई जब गूगल मैप ने यात्रियों को एक ऐसे रास्ते पर भेज दिया, जो अभी निर्माणाधीन था। उस मार्ग पर न तो कोई चेतावनी बोर्ड था और न ही डाइवर्जन का संकेत। दो कारें इस अधूरे रास्ते पर आपस में टकरा गईं। हादसे में स्थानीय लोगों ने तत्परता दिखाते हुए घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया। सभी घायलों की हालत स्थिर बताई जा रही है।

इससे पहले भी बरेली-बदायूं बॉर्डर पर एक ऐसी ही घटना हुई थी, जब गूगल मैप को फॉलो करते हुए एक कार निर्माणाधीन पुल पर चढ़ गई थी। पुल अधूरा था और कार सीधा नदी में गिर गई, जिसमें तीन दोस्तों की मौत हो गई थी।


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तकनीकी खामियां या लापरवाही?

यह सवाल उठता है कि क्या गूगल मैप जैसी तकनीकी सेवाओं पर पूरी तरह भरोसा किया जा सकता है? हाथरस की घटना ने यह साबित कर दिया है कि तकनीकी खामियां और प्रशासनिक लापरवाही दोनों ही यात्रियों की जान जोखिम में डाल सकती हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि गूगल जैसी कंपनियों को अपने मैपिंग सिस्टम को नियमित रूप से अपडेट करना चाहिए। निर्माणाधीन रास्तों और पुलों को मैप से हटा देना चाहिए या उन पर स्पष्ट चेतावनी लगानी चाहिए।


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प्रशासन की चूक भी जिम्मेदार

गूगल मैप की खामियों के साथ-साथ प्रशासनिक लापरवाही भी इन घटनाओं के लिए जिम्मेदार है। मथुरा-बरेली हाईवे पर हुए हादसे में अगर समय रहते चेतावनी बोर्ड और डाइवर्जन लगाए गए होते, तो यह हादसा टल सकता था।

बरेली की घटना के बाद प्रशासन ने गूगल मैप को अपडेट करवाया था, लेकिन हाथरस में ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया। इससे साफ है कि स्थानीय प्रशासन को भी ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सतर्क रहना होगा।


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क्या कहता है गूगल?

गूगल का कहना है कि उनका मैपिंग सिस्टम यूजर्स की रिपोर्ट्स और स्थानीय प्रशासन से मिली जानकारी के आधार पर अपडेट होता है। ऐसे में निर्माणाधीन सड़कों और पुलों की जानकारी समय पर नहीं मिलती, तो यह दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है।

गूगल ने यह भी कहा है कि वे अपने सिस्टम में सुधार लाने के लिए काम कर रहे हैं, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।


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यात्रियों के लिए चेतावनी

इस तरह की घटनाएं यात्रियों को यह संदेश देती हैं कि गूगल मैप पर पूरी तरह निर्भर रहना खतरनाक हो सकता है। यात्रा के दौरान स्थानीय लोगों से मार्गदर्शन लेना और साइनबोर्ड्स पर ध्यान देना अनिवार्य है।

हाथरस और बरेली जैसी घटनाओं से साफ है कि तकनीकी साधनों के इस्तेमाल में सतर्कता जरूरी है। गूगल मैप को और अधिक सुरक्षित और विश्वसनीय बनाने की आवश्यकता है। साथ ही, प्रशासन को भी ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए तुरंत कदम उठाने होंगे।




गूगल मैप की खामियों को ठीक करने और निर्माणाधीन मार्गों पर चेतावनी देने से ही इन घटनाओं को रोका जा सकता है। यात्रियों को भी सतर्क रहकर यात्रा करनी चाहिए, ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

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