गोरक्षकों पर लाठीचार्ज और FIR: शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने दी चेतावनी, कहा- परिणाम घातक होगा




मथुरा में गोवंश अवशेष मिलने पर प्रदर्शन, लाठीचार्ज के बाद शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद की चेतावनी, प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग।

मथुरा में गोरक्षकों पर पुलिस की कार्रवाई से बढ़ा तनाव, शंकराचार्य ने दी सख्त चेतावनी

उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में गौवंश के अवशेष मिलने के बाद गोरक्षकों और हिंदू संगठनों का आक्रोश उग्र हो गया। मथुरा-वृंदावन मार्ग पर विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा लाठीचार्ज और एफआईआर दर्ज होने के बाद स्थिति और बिगड़ गई। इस घटना पर जगतगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने सख्त नाराजगी जाहिर की और प्रशासन को चेतावनी दी है।

क्या है पूरा मामला?

मथुरा के वृंदावन के पास धोरेरा जंगल में तीन दर्जन से अधिक गायों के अवशेष मिलने की सूचना पर गोरक्षक और हिंदूवादी संगठन घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने गायों के अवशेष सड़क पर रखकर मथुरा-वृंदावन मार्ग को जाम कर दिया। प्रशासन ने कई बार प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने मार्ग खाली करने से इनकार कर दिया।

जब मथुरा के डीएम और एसपी ने प्रदर्शनकारियों से बात की और स्थिति नहीं संभली, तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर कर दिया। इस दौरान कई गोरक्षक घायल हुए और कुछ को हिरासत में भी लिया गया।

शंकराचार्य की प्रतिक्रिया

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने प्रशासन के इस कदम की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, “गौ भक्त केवल न्याय की मांग कर रहे थे। जंगल में गौ माता के अवशेष मिलने की घटना निंदनीय है। प्रशासन को इस मामले की निष्पक्ष जांच करनी चाहिए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। लेकिन गौ भक्तों पर लाठीचार्ज करना अनुचित है और इसके गंभीर परिणाम होंगे।”

गोरक्षकों का क्या कहना है?

गोरक्षकों का आरोप है कि जंगल में मिले गोवंश के कान में टैग लगे हुए थे, जो यह संकेत देते हैं कि वे किसी गोशाला के हो सकते हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर यह गोवंश यहां कैसे आया? उनकी मांग थी कि डीएम और एसपी खुद इस मामले पर स्पष्टीकरण दें।

गोरक्षकों ने यह भी कहा कि प्रशासन ने उनकी बात सुनने के बजाय उन पर लाठीचार्ज कर उन्हें दबाने की कोशिश की।

सोशल मीडिया पर गुस्सा

पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में कई गोरक्षकों को चोटिल देखा गया, जिससे प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं। हिंदू संगठनों ने इसे धार्मिक भावनाओं पर हमला बताया है और प्रदर्शन जारी रखने की चेतावनी दी है।

शंकराचार्य की चेतावनी

शंकराचार्य ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा, “गौ भक्तों को परेशान करना बंद करें। प्रशासन को इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर सच्चाई सामने लानी चाहिए। यदि गौ भक्तों पर इस तरह का अत्याचार जारी रहा तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। मथुरा प्रशासन को चाहिए कि वह हिंदू संगठनों और गोरक्षकों की भावनाओं का सम्मान करे।”

प्रशासन का पक्ष

प्रशासन का कहना है कि जाम के कारण आम जनता को परेशानी हो रही थी, इसलिए लाठीचार्ज करना पड़ा। उन्होंने यह भी कहा कि मामले की जांच के लिए एक टीम बनाई जा रही है, जो यह पता लगाएगी कि जंगल में गोवंश के अवशेष कैसे पहुंचे।




मथुरा में हुई इस घटना ने प्रशासन और गोरक्षकों के बीच तनाव को बढ़ा दिया है। जहां गोरक्षक इसे धार्मिक भावनाओं का अपमान मान रहे हैं, वहीं प्रशासन इसे कानून व्यवस्था बनाए रखने की आवश्यकता बता रहा है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले को कैसे संभालता है और क्या गोरक्षकों की मांगों को पूरा किया जाता है या नहीं।

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