प्यार का दर्द या प्रशासन की लापरवाही? इन्वर्टिस यूनिवर्सिटी में एक और छात्रा ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट ने उड़ाए होश!



इन्वर्टिस यूनिवर्सिटी में एक हफ्ते में दूसरी आत्महत्या, छात्रा के सुसाइड नोट में प्रेम प्रसंग और बीमारी का जिक्र, जांच जारी।  

उत्तर प्रदेश के बरेली स्थित इन्वर्टिस यूनिवर्सिटी में आत्महत्या के मामलों ने एक बार फिर शिक्षा प्रणाली और प्रशासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बीसीए प्रथम वर्ष की छात्रा निहारिका सिंह ने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी। पुलिस ने मौके से एक सुसाइड नोट बरामद किया है, जिसमें बीमारी और प्रेम प्रसंग का उल्लेख है। घटना से छात्रा के परिवार और यूनिवर्सिटी के छात्रों के बीच गहरा सदमा है।  

एक हफ्ते में दूसरी आत्महत्या
यह घटना यूनिवर्सिटी के भीतर एक हफ्ते में हुई दूसरी आत्महत्या है। इससे पहले भी एक छात्र ने हॉस्टल में आत्महत्या की थी। ऐसे में यूनिवर्सिटी प्रशासन पर छात्रों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही का आरोप लग रहा है।  

सुसाइड नोट में क्या लिखा था?
पुलिस को निहारिका के कमरे से एक सुसाइड नोट मिला है। नोट में लिखा था, "प्यार ही यहां तक लाया है, प्यार ही निकालेगा।" इसके अलावा उसने अपने माता-पिता को इलाज के लिए धन्यवाद दिया। नोट पढ़ने के बाद पुलिस इस मामले को बीमारी और प्रेम प्रसंग दोनों से जोड़कर देख रही है।  

पुलिस की जांच जारी
बरेली के एसपी सिटी मानुष पारिक ने बताया कि छात्रा की बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस मामले की हर एंगल से जांच कर रही है। अभी तक परिजनों ने कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई है, लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए गए हैं।  

पिता का बयान
छात्रा के पिता, जो मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं, शाहजहांपुर में कारोबार करते हैं। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उनकी बेटी पढ़ाई में बहुत होशियार थी और उनका सपना था कि वह बड़े मुकाम तक पहुंचे। लेकिन इस घटना ने उनके परिवार को तोड़कर रख दिया है।  

छात्रों में बढ़ी चिंता
यूनिवर्सिटी में एक के बाद एक आत्महत्या की घटनाओं ने छात्रों और उनके परिवारों को चिंता में डाल दिया है। छात्रों का कहना है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन को मानसिक स्वास्थ्य और तनाव से निपटने के लिए काउंसलिंग जैसी सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए।  

यूनिवर्सिटी प्रशासन पर आरोप
इस घटना के बाद परिजनों और छात्रों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि हॉस्टल में न तो सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं और न ही छात्रों की मानसिक स्थिति को समझने के लिए कोई कदम उठाए गए हैं।  

पहली घटना का क्या हुआ?
एक हफ्ते पहले भी एक छात्र ने हॉस्टल में आत्महत्या की थी। उस मामले में भी कोई ठोस वजह सामने नहीं आई थी। परिवार ने प्रशासन पर आरोप लगाया था, लेकिन पुलिस अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है।  

मनोवैज्ञानिकों की राय
मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज करना ऐसे मामलों की मुख्य वजह बन सकता है। खासतौर पर प्रेम प्रसंग, पढ़ाई का दबाव और अकेलापन छात्रों को इस हद तक ले जा सकता है।  

प्रशासन की जिम्मेदारी
यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि वे छात्रों की सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठा रहे हैं। चीफ प्रॉक्टर केके दुबे ने बताया कि मामले की जांच में पुलिस का पूरा सहयोग किया जा रहा है।  

इन्वर्टिस यूनिवर्सिटी में आत्महत्या के बढ़ते मामलों ने शिक्षा और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यह प्रेम प्रसंग का दर्द था या प्रशासन की लापरवाही? यह सवाल अब हर छात्र और अभिभावक के मन में गूंज रहा है। पुलिस की जांच रिपोर्ट से ही सच का खुलासा होगा। लेकिन इन घटनाओं ने समाज को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हमारा शिक्षा तंत्र छात्रों को मानसिक रूप से मजबूत बना रहा है या नहीं।

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