कानपुर में भगवा टीशर्ट पहनकर बीजेपी पार्षद ने खुद की पार्टी पर साधा निशाना, नगर निगम में भ्रष्टाचार का आरोप!




कानपुर में बीजेपी पार्षद ने नगर निगम में भगवा टीशर्ट पहनकर भ्रष्टाचार का खुलासा किया, पार्टी में आंतरिक असंतोष उभरा।

कानपुर में भगवा टीशर्ट पहने पार्षद ने किया भ्रष्टाचार का विरोध

कानपुर नगर निगम में मंगलवार को एक अलग ही नजारा देखने को मिला, जब बीजेपी के पार्षद पवन गुप्ता ने भगवा टीशर्ट पहनकर अपनी ही पार्टी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। यह मामला नगर निगम में चल रहे भ्रष्टाचार और अवैध वसूली को लेकर था। उन्होंने अपनी टीशर्ट पर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा था, "नगर निगम होश में आओ" और "कानपुर की जनता को नामांतरण नामक अवैध वसूली से मुक्त किया जाए।"

नगर निगम में अवैध वसूली पर सवाल

पवन गुप्ता, जो अशोक नगर वार्ड नंबर-37 से पार्षद हैं, ने नगर निगम में 1% कर और गृह कर के नाम पर हो रही अवैध वसूली पर तीखा सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि कानपुर की जनता को इन धोखों से बचाने की सख्त जरूरत है।

टीशर्ट पर लिखे नारों में स्पष्ट रूप से दिख रहा था कि यह विरोध प्रदर्शन नगर निगम के अंदर गहराते भ्रष्टाचार और जनता से हो रही लूट के खिलाफ था। पवन गुप्ता ने सदन में अपनी बात रखते हुए कहा कि नागरिकों को हर छोटी प्रक्रिया के लिए भारी रकम चुकानी पड़ती है, जो कि पूरी तरह से अवैध है।

विपक्ष ने साधा निशाना

पवन गुप्ता के इस कदम के बाद विपक्ष ने बीजेपी पर तीखा प्रहार किया। विपक्षी पार्षदों ने इसे बीजेपी की आंतरिक गुटबाजी करार दिया और सवाल उठाया कि जब नगर निगम से लेकर प्रदेश सरकार तक बीजेपी का शासन है, तो फिर भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज पार्टी के भीतर से क्यों उठ रही है।

कांग्रेस और सपा के पार्षदों ने कहा कि यह घटना यह साबित करती है कि बीजेपी की अंदरूनी राजनीति में सब कुछ सही नहीं चल रहा।

मेयर की प्रतिक्रिया

कानपुर की मेयर प्रमिला पांडे ने पवन गुप्ता के प्रदर्शन पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, "अगर पार्षद को किसी मुद्दे पर आपत्ति थी तो उसे सदन में चर्चा के जरिए उठाना चाहिए था। सार्वजनिक प्रदर्शन से पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा है।"

हालांकि, मेयर ने यह भी आश्वासन दिया कि नगर निगम में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करवाई जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

भ्रष्टाचार के खिलाफ अंदरूनी असंतोष

इस घटना ने नगर निगम में चल रही अनियमितताओं पर एक नई बहस छेड़ दी है। पवन गुप्ता का यह कदम स्पष्ट करता है कि सत्ता पक्ष के भीतर भी भ्रष्टाचार और अवैध वसूली को लेकर असंतोष बढ़ रहा है।

जनता का क्या कहना है?

कानपुर की जनता ने इस कदम की सराहना की और कहा कि पार्षद ने जो मुद्दा उठाया है, वह जनता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। कई नागरिकों ने कहा कि अगर इस मुद्दे पर कार्रवाई नहीं होती है, तो जनता के भरोसे को और नुकसान होगा।




यह घटना सिर्फ एक विरोध प्रदर्शन नहीं, बल्कि बीजेपी के भीतर सुधार की आवश्यकता का संकेत है। नगर निगम में भ्रष्टाचार के खिलाफ उठी यह आवाज न सिर्फ पार्टी के लिए, बल्कि पूरे शहर के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुकी है।

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