लखनऊ चारबाग रेलवे स्टेशन पर यात्रियों पर सफाईकर्मियों ने ठंडा पानी फेंका। वीडियो वायरल, डीआरएम ने जांच के आदेश दिए।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रेलवे का अमानवीय चेहरा उजागर हुआ है। चारबाग रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के साथ ऐसी घटना घटी जिसने रेलवे प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्रिसमस की रात प्लेटफॉर्म पर ट्रेन का इंतजार कर रहे यात्रियों पर सफाईकर्मियों ने ठंडा पानी डाल दिया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे कंपकंपाते हुए नजर आ रहे हैं।
वीडियो वायरल: घटना पर मचा हंगामा
यह घटना 25 दिसंबर की रात की बताई जा रही है, जब प्लेटफॉर्म नंबर 8 और 9 पर कई यात्री ठंड से बचने के लिए सो रहे थे। सफाईकर्मियों ने सफाई के नाम पर सभी यात्रियों पर पानी फेंक दिया। इस अमानवीय हरकत का वीडियो वायरल होने के बाद मामला डीआरएम (डिविजनल रेलवे मैनेजर) सचिन्द्र मोहन शर्मा तक पहुंचा। उन्होंने तुरंत इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि संबंधित कर्मचारियों से जवाब मांगा गया है और मामले की जांच की जा रही है।
रेलवे प्रशासन ने दी सफाई
डीआरएम ने अपने बयान में कहा कि रेलवे यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर सोने से बचने की सलाह देता है। इसके लिए प्रतीक्षा कक्ष, छात्रावास और रिटायरिंग रूम जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। हालांकि, उन्होंने इस बात को भी माना कि सफाईकर्मियों की यह हरकत अनुचित और अमानवीय थी। उन्होंने सीएचआई (चीफ हेल्थ इंस्पेक्टर) और अन्य सफाई कर्मचारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
घटना की पूरी कहानी
25 दिसंबर की रात सफाईकर्मी प्लेटफॉर्म की सफाई के लिए पहुंचे थे। लेकिन वहां कई यात्री सो रहे थे। सफाईकर्मियों ने सफाई का काम शुरू करने से पहले किसी को चेतावनी देना जरूरी नहीं समझा और ठंडा पानी फेंकना शुरू कर दिया। यह दृश्य देखकर वहां मौजूद यात्री सर्दी में कांप उठे और अपना सामान समेटकर दूसरी जगह जाने लगे।
यात्रियों की प्रतिक्रिया
यात्रियों ने इस घटना पर कड़ी नाराजगी जताई है। बुजुर्गों और बच्चों के लिए यह अनुभव बेहद कष्टदायक रहा। एक यात्री ने कहा, “हम रातभर ट्रेन का इंतजार कर रहे थे, लेकिन रेलवे ने हमारी तकलीफ को बढ़ा दिया। प्लेटफॉर्म पर सोना हमारी मजबूरी थी, लेकिन सफाईकर्मियों ने हमें इंसान नहीं समझा।”
रेलवे की आलोचना और सुधार के निर्देश
घटना के बाद रेलवे की जमकर आलोचना हो रही है। वीडियो वायरल होने के बाद रेलवे की छवि को गहरा झटका लगा है। डीआरएम ने सफाईकर्मियों को यात्रियों के साथ व्यवहार सुधारने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि स्टेशन पर सुविधाओं का सही तरीके से इस्तेमाल करना यात्रियों की जिम्मेदारी है।
सवाल उठते हैं
1. क्या प्लेटफॉर्म पर सोने वाले यात्रियों को पर्याप्त जगह और सुविधाएं दी जाती हैं?
2. क्या सफाईकर्मियों को यात्रियों के साथ व्यवहार सुधारने के लिए प्रशिक्षण नहीं दिया जाता?
3. रेलवे प्रशासन यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने में कितना सक्षम है?
रेलवे का बचाव या बहाना?
सफाईकर्मियों का कहना है कि दिन में प्लेटफॉर्म पर भीड़ के कारण रात में सफाई करना आसान होता है। लेकिन इस तर्क के बावजूद, ठंड के मौसम में पानी डालने जैसी अमानवीयता को सही नहीं ठहराया जा सकता।
यह घटना न केवल रेलवे प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि यात्रियों के प्रति रेलवे का रवैया कितना असंवेदनशील हो सकता है। डीआरएम द्वारा दिए गए निर्देश और जांच के आदेश इस बात का संकेत हैं कि रेलवे अब अपनी छवि सुधारने की कोशिश कर रहा है। लेकिन क्या इससे यात्रियों का भरोसा बहाल हो पाएगा, यह देखने वाली बात होगी।
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