देवबंद में मौलाना द्वारा युवतियों से बदसलूकी का मामला, वीडियो वायरल। हिजाब हटाने और थप्पड़ मारने के आरोप। पुलिस ने जांच शुरू की।
देवबंद, सहारनपुर। फतवों की नगरी कहे जाने वाले देवबंद से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक मौलाना पर दो मुस्लिम युवतियों से सड़क पर बदसलूकी करने का आरोप लगा है। युवतियां एक युवक के साथ खड़ी थीं, तभी मौलाना ने कथित तौर पर उनके हिजाब को हटाने की कोशिश की और एक युवती को थप्पड़ भी मारा। इस घटना से जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसके बाद पुलिस ने मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है।
क्या है पूरा मामला?
घटना देवबंद के मुख्य इलाके की बताई जा रही है। वीडियो में देखा जा सकता है कि एक मौलाना युवतियों को घेरकर उनसे बहस कर रहे हैं। एक युवती ने बुरखा पहन रखा था और उसने अपना चेहरा ढका हुआ था। मौलाना ने जबरन उसका पर्दा हटाने की कोशिश की और इसके बाद उसे थप्पड़ मार दिया।
स्थानीय लोगों ने युवतियों के साथ खड़े युवक को हिंदू समझकर माहौल गरमाने की कोशिश की। हालांकि, बाद में पुष्टि हुई कि वह युवक भी मुस्लिम है और वह युवतियों से मिलने आया था।
वीडियो वायरल होने के बाद बढ़ा दबाव
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने इस मामले को और भी संवेदनशील बना दिया। वीडियो में स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है कि किस तरह से मौलाना ने युवतियों को परेशान किया। यह वीडियो सामने आने के बाद देवबंद पुलिस हरकत में आई और आरोपियों की पहचान के लिए अभियान शुरू कर दिया।
पुलिस का बयान
देवबंद पुलिस ने बताया कि युवतियों के परिजनों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपी मौलाना की तलाश जारी है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय लोग क्या कह रहे हैं?
देवबंद के स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस घटना ने पूरे इलाके को शर्मसार कर दिया है। देवबंद, जो इस्लामिक शिक्षा के लिए जाना जाता है, वहां इस तरह की घटनाएं समाज में गलत संदेश देती हैं।
महिला अधिकार संगठनों का विरोध
घटना के बाद महिला अधिकार संगठनों ने भी विरोध दर्ज कराया है। उन्होंने इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है और इसे महिलाओं की गरिमा पर हमला बताया है।
सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी
इस मामले ने सोशल मीडिया पर भी बहस छेड़ दी है। एक ओर जहां कुछ लोग इस घटना की कड़ी निंदा कर रहे हैं, वहीं कुछ इसे धार्मिक मामलों से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
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