राहुल गांधी के खिलाफ बरेली एमपी-एमएलए कोर्ट का नोटिस, 7 जनवरी को पेशी। हिंदू महासभा ने लोकसभा चुनाव के बयान पर दायर किया मामला।
राहुल गांधी के खिलाफ कोर्ट का नोटिस: क्या है पूरा मामला?
उत्तर प्रदेश के बरेली में एमपी-एमएलए कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने राहुल गांधी को 7 जनवरी को पेश होने का आदेश दिया है। यह मामला लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान दिए गए उनके एक विवादित बयान से जुड़ा है। हिंदू महासभा के मंडल अध्यक्ष पंकज पाठक ने इस बयान के खिलाफ कोर्ट में वाद दायर किया था, जिस पर कोर्ट ने संज्ञान लिया है।
लोकसभा चुनाव के दौरान दिया था विवादित बयान
राहुल गांधी ने चुनाव प्रचार के दौरान एक बयान में कहा था कि अगर उनकी सरकार बनी तो आर्थिक सर्वेक्षण कराया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा था कि जिनकी आबादी कम है और संपत्ति ज्यादा है, उनसे लेकर उन लोगों को दी जाएगी जिनकी संपत्ति कम है। उनके इस बयान को समाज के एक वर्ग विशेष को खुश करने और दूसरे वर्ग के खिलाफ बताया गया।
पंकज पाठक का आरोप है कि यह बयान हिंदू समुदाय को डराने और मुस्लिम समुदाय को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से दिया गया था। इसके कारण हिंदू समुदाय में भय का माहौल बन गया था।
हिंदू महासभा ने क्या कहा?
हिंदू महासभा के मंडल अध्यक्ष पंकज पाठक ने कहा कि राहुल गांधी का यह बयान न केवल अनुचित है, बल्कि एक विशेष समुदाय को खुश करने और हिंदुओं को अपमानित करने का प्रयास है। उन्होंने इस बयान को समाज में नफरत फैलाने वाला बताया। इसी वजह से उन्होंने एमपी-एमएलए कोर्ट में वाद दायर किया।
कांग्रेस पार्टी पर क्या प्रभाव पड़ा?
राहुल गांधी को कोर्ट द्वारा जारी नोटिस के बाद कांग्रेस पार्टी में हड़कंप मच गया है। पार्टी ने इस मामले को राजनीतिक साजिश बताया है। कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा कि यह भाजपा और उसके सहयोगी संगठनों का प्रयास है ताकि राहुल गांधी की छवि खराब की जा सके।
कोर्ट की कार्रवाई और राहुल गांधी की पेशी
एमपी-एमएलए कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए राहुल गांधी को 7 जनवरी को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। यह मामला आगामी दिनों में राजनीतिक गलियारों में और चर्चा का विषय बन सकता है।
राजनीतिक हलचल तेज
राहुल गांधी के इस बयान और कोर्ट के नोटिस ने राजनीतिक माहौल गरमा दिया है। भाजपा और उसके सहयोगी संगठनों ने राहुल गांधी पर समाज को बांटने का आरोप लगाया है। वहीं, कांग्रेस ने इसे अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला करार दिया है।
आगे की प्रक्रिया
अब सभी की नजरें 7 जनवरी पर टिकी हैं, जब राहुल गांधी बरेली की एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश होंगे। यह देखना दिलचस्प होगा कि कोर्ट में इस मामले पर क्या रुख अपनाया जाता है और इसका राजनीतिक असर कितना गहरा होता है।
यह मामला केवल एक बयान तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें समाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से गहरे मायने हैं। राहुल गांधी का कोर्ट में पेश होना आगामी दिनों में कई सवालों के जवाब देगा।
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